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धारा 370 का विरोध करने वालों पर गुलाम नबी का हमला, बोले- उन्हें इतिहास-भूगोल का ज्ञान नहीं

कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का विरोध करने वाले क्षेत्रीय पार्टियों का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास और भूगोल का ज्ञान नहीं है.

Those opposing abrogation of Article 370 ignorant says Ghulam Nabi Azad
गुलाम नबी का अनुच्छेद 370 का विरोध करने वाले क्षेत्रीय पार्टियों पर कटाक्ष बोले- उन्हें इतिहास- भूगोल का ज्ञान नहीं
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Published : Aug 7, 2023, 7:55 AM IST

डोडा: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने रविवार को अनुच्छेद 370 का विरोध करने वालों पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जो लोग अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध कर रहे हैं वे केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास और भूगोल से अनभिज्ञ हैं. उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की जब अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है.

बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था. हाल में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के चार साल पूरे होने पर भाजपा ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि का यह नया युग है. डोडा में पत्रकारों से बात करते हुए आजाद ने क्षेत्रीय पार्टियों का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया.

उन्होंने कहा, 'जो लोग विरोध कर रहे हैं (सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को रद्द करना) वे जमीनी स्थिति के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनभिज्ञ हैं. अनुच्छेद 370 किसी विशेष क्षेत्र, प्रांत या धर्म के लिए नहीं था बल्कि सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद था. आजाद ने कहा, 'मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. मेरा मानना है कि वह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने कदम के सभी पहलुओं पर गौर करेगा. इससे पहले, भाजपा ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, 'अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि आई है.'

ये भी पढ़ें- अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के चार साल पूरे होने पर मुझे और अन्य PDP नेताओं को नजरबंद किया गया : महबूबा

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के चार साल पूरे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ घर में नजरबंद कर दिया गया था. देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पहले एक सुनवाई के दौरान पूछा, 'एक प्रावधान (अनुच्छेद 370), जिसे विशेष रूप से संविधान में एक अस्थायी प्रावधान के रूप में उल्लेख किया गया था, स्थायी कैसे हो सकता है?' 1957 में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद?' पीठ ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सुविधा के लिए संसद खुद को जम्मू-कश्मीर की विधायिका घोषित नहीं कर सकती थी, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 354 शक्ति के ऐसे प्रयोग को अधिकृत नहीं करता है.

(एएनआई)

डोडा: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने रविवार को अनुच्छेद 370 का विरोध करने वालों पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जो लोग अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध कर रहे हैं वे केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास और भूगोल से अनभिज्ञ हैं. उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की जब अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है.

बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था. हाल में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के चार साल पूरे होने पर भाजपा ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि का यह नया युग है. डोडा में पत्रकारों से बात करते हुए आजाद ने क्षेत्रीय पार्टियों का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया.

उन्होंने कहा, 'जो लोग विरोध कर रहे हैं (सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को रद्द करना) वे जमीनी स्थिति के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनभिज्ञ हैं. अनुच्छेद 370 किसी विशेष क्षेत्र, प्रांत या धर्म के लिए नहीं था बल्कि सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद था. आजाद ने कहा, 'मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. मेरा मानना है कि वह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने कदम के सभी पहलुओं पर गौर करेगा. इससे पहले, भाजपा ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, 'अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि आई है.'

ये भी पढ़ें- अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के चार साल पूरे होने पर मुझे और अन्य PDP नेताओं को नजरबंद किया गया : महबूबा

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के चार साल पूरे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ घर में नजरबंद कर दिया गया था. देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पहले एक सुनवाई के दौरान पूछा, 'एक प्रावधान (अनुच्छेद 370), जिसे विशेष रूप से संविधान में एक अस्थायी प्रावधान के रूप में उल्लेख किया गया था, स्थायी कैसे हो सकता है?' 1957 में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद?' पीठ ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सुविधा के लिए संसद खुद को जम्मू-कश्मीर की विधायिका घोषित नहीं कर सकती थी, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 354 शक्ति के ऐसे प्रयोग को अधिकृत नहीं करता है.

(एएनआई)

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