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चीन से ब्रिटेन आने वालों को कोविड-19 से संक्रमित न होने की रिपोर्ट पेश करनी होगी

यूके ने शुक्रवार को कहा कि चीन से ब्रिटेन आने वाले यात्रियों को चीन में संक्रमण में वृद्धि के बाद एक COVID 19 निगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता होगी. यूके के स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग ने एक बयान में कहा कि पांच जनवरी से शुरू होने वाले चीनी यात्रियों को प्रस्थान से दो दिन पहले COVID-19 निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की आवश्यकता होगी. यह कदम बीजिंग के आधिकारिक आंकड़ों की पारदर्शिता पर संदेह के बाद आया है, जिसमें संक्रमण की लहर के बारे में चिंता जताई गई है.

COVID 19 negative report
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Dec 31, 2022, 12:27 PM IST

लंदन: ब्रिटेन ने चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि के बीच वहां से आने वाले यात्रियों पर पाबंदियां लगा दी हैं. पांच जनवरी 2023 से चीन से ब्रिटेन आने वाले यात्रियों को यात्रा से पहले कोविड-19 की नेगेटिव जांच रिपोर्ट दिखानी होगी, जो प्रस्थान के समय से दो दिन से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए. चीन से स्कॉटलैंड, वेल्स या उत्तरी आयरलैंड के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है, लेकिन फिर भी सरकार ने कहा है कि वह जल्द से जल्द पूरे यूनाइटेड किंगडम (यूके) में इन पाबंदियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए इन क्षेत्रों के साथ काम कर रही है.

पढ़ें: नाइंसाफी रोक दें तो हम कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग नहीं करेंगे : राउत

ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री स्टीव बार्कले ने कहा कि चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में हमारे लिए जरूरी है कि हम इन अस्थायी उपायों की घोषणा करते हुए एक संतुलित व एहतियाती दृष्टिकोण अपनाएं. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि हमारे वैज्ञानिक चीन में फैल रहे संभावित नए स्वरूपों का तेजी से अध्ययन करेंगे. हालांकि, कोरोना वायरस से बचाव का सबसे कारगर उपाय टीकाकरण ही है. ब्रिटिश सरकार ने स्पष्ट किया है कि विमानन कंपनियों को चीन से आने वाले सभी यात्रियों की प्रस्थान पूर्व नेगेटिव जांच रिपोर्ट देखनी होगी. उसने कहा है कि संक्रमित न होने का प्रमाण दिए बिना यात्रियों को विमान में सवार होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पढ़ें: WHO ने चीन से कोरोना की स्थिति पर मांगी रिपोर्ट

इधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि व्यापक जानकारी के अभाव में जमीनी स्तर पर विभिन्न देशों द्वारा चीन से यात्रियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को समझा जा सकता है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्रेयसस ने यह टिप्पणी की. दरअसल, अमेरिका से लेकर दक्षिण कोरिया तक कई देशों ने चीन से हवाई यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. चीन में इस वक्त बड़े पैमाने पर कोविड संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है, लेकिन देश इसको लेकर डेटा का खुलासा नहीं कर रहा है.

पढ़ें: केरल में मॉक ड्रिल के दौरान व्यक्ति की मौत, राज्य सरकार ने जांच का आदेश दिया

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने एक ट्वीट में कहा, चीन से व्यापक जानकारी के अभाव में, यह समझा जा सकता है कि दुनिया भर के देश इस तरह से कदम इसलिए उठा रहे है, क्योंकि वे मानते हैं कि इससे वे अपनी आबादी की रक्षा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि विश्व निकाय विकसित स्थिति के बारे में चिंतित है. घेब्रेयसस ने कहा, हम कोविड 19 वायरस को ट्रैक करने और सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों को टीका लगाने के लिए चीन को प्रोत्साहित करना जारी रख रहे हैं. हम नैदानिक देखभाल और इसकी स्वास्थ्य प्रणाली की सुरक्षा के लिए अपना समर्थन दे रहे हैं.

पढ़ें: कफ सिरप मामला: उत्पादन पर रोक, कंपनी के खिलाफ और कार्रवाई की संभावना

लंदन: ब्रिटेन ने चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि के बीच वहां से आने वाले यात्रियों पर पाबंदियां लगा दी हैं. पांच जनवरी 2023 से चीन से ब्रिटेन आने वाले यात्रियों को यात्रा से पहले कोविड-19 की नेगेटिव जांच रिपोर्ट दिखानी होगी, जो प्रस्थान के समय से दो दिन से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए. चीन से स्कॉटलैंड, वेल्स या उत्तरी आयरलैंड के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है, लेकिन फिर भी सरकार ने कहा है कि वह जल्द से जल्द पूरे यूनाइटेड किंगडम (यूके) में इन पाबंदियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए इन क्षेत्रों के साथ काम कर रही है.

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ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री स्टीव बार्कले ने कहा कि चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में हमारे लिए जरूरी है कि हम इन अस्थायी उपायों की घोषणा करते हुए एक संतुलित व एहतियाती दृष्टिकोण अपनाएं. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि हमारे वैज्ञानिक चीन में फैल रहे संभावित नए स्वरूपों का तेजी से अध्ययन करेंगे. हालांकि, कोरोना वायरस से बचाव का सबसे कारगर उपाय टीकाकरण ही है. ब्रिटिश सरकार ने स्पष्ट किया है कि विमानन कंपनियों को चीन से आने वाले सभी यात्रियों की प्रस्थान पूर्व नेगेटिव जांच रिपोर्ट देखनी होगी. उसने कहा है कि संक्रमित न होने का प्रमाण दिए बिना यात्रियों को विमान में सवार होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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इधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि व्यापक जानकारी के अभाव में जमीनी स्तर पर विभिन्न देशों द्वारा चीन से यात्रियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को समझा जा सकता है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्रेयसस ने यह टिप्पणी की. दरअसल, अमेरिका से लेकर दक्षिण कोरिया तक कई देशों ने चीन से हवाई यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. चीन में इस वक्त बड़े पैमाने पर कोविड संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है, लेकिन देश इसको लेकर डेटा का खुलासा नहीं कर रहा है.

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डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने एक ट्वीट में कहा, चीन से व्यापक जानकारी के अभाव में, यह समझा जा सकता है कि दुनिया भर के देश इस तरह से कदम इसलिए उठा रहे है, क्योंकि वे मानते हैं कि इससे वे अपनी आबादी की रक्षा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि विश्व निकाय विकसित स्थिति के बारे में चिंतित है. घेब्रेयसस ने कहा, हम कोविड 19 वायरस को ट्रैक करने और सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों को टीका लगाने के लिए चीन को प्रोत्साहित करना जारी रख रहे हैं. हम नैदानिक देखभाल और इसकी स्वास्थ्य प्रणाली की सुरक्षा के लिए अपना समर्थन दे रहे हैं.

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