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KCR in Party Meeting : 'पैसा वसूलने वाले विधायक सुधर जाएं, ये आखिरी चेतावनी है' - तेलंगाना की खबर

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पार्टी के स्थापना दिवस समारोह पर अपने ही विधायकों को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि 'दलित बंधु योजना में पैसा वसूलने वालों की लिस्ट है, ऐसे विधायक सुधर जाएं ये आखिरी चेतावनी है.'

Chief Minister KCR
मुख्यमंत्री केसीआर
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Published : Apr 27, 2023, 10:38 PM IST

हैदराबाद : मुख्यमंत्री केसीआर (Chief Minister KCR) ने 'दलित बंधु योजना' (Dalit Bandhu scheme) के कार्यान्वयन को लेकर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीएम ने अपनी ही पार्टी के विधायकों को चेतावनी दी है. 'दलित बंधु योजना' तेलंगाना सरकार द्वारा लागू की गई है.

पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर हैदराबाद के तेलंगाना भवन में आयोजित प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में पार्टी नेताओं को भविष्य की गतिविधियों पर संबोधित करते हुए सीएम केसीआर ने पार्टी के कई विधायकों के व्यवहार पर गहरा रोष व्यक्त किया.

केसीआर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 'मेरे पास दलित बंधु योजना में पैसा वसूल करने वाले विधायकों की सूची है. उन विधायकों के लिए यह आखिरी चेतावनी है. अगर दोबारा गलती करते हैं तो पार्टी से निकाल दिया जाएगा. अगर अनुयायी पैसे कमाते हैं तो भी विधायक जिम्मेदार हैं. डबल बेडरूम वाले घरों के मामले में भी आरोप हैं.'

जनगामा पार्टी के नेता तातीकोंडा राजैया और कदियम श्रीहरि को इस अवसर पर घनपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए संवेदनशील चेतावनी जारी की गई. सीएम केसीआर ने सुझाव दिया कि हमें व्यक्तिगत प्रतिष्ठा खोने के बजाय पार्टी के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

सीएम केसीआर ने सुझाव दिया कि 'हमें व्यक्तिगत प्रतिष्ठा खोने के बजाय पार्टी के लिए मिलकर काम करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि व्यक्ति से ज्यादा पार्टी महत्वपूर्ण है... अगर अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी ऐसी ही समस्या है तो उन्हें एक-दूसरे की आलोचना नहीं करनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी नेताओं को चुनाव की दिशा में काम करना चाहिए... समस्या कैसी भी हो अपने वरिष्ठों से सलाह लेनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने और उन्हें लोगों के हाथ में रखने की गतिविधियां चलायी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ गांवों में सरकारी जमीन अनुपयोगी है... अगर वह मकान बनाने के लायक है तो उसका तुरंत वितरण किया जाएगा. जहां पार्टी के विधायक नहीं हैं, वहां जिला पंचायत अध्यक्ष, सांसद और जिला प्रभारियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए... और प्रक्रिया तीन से चार महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए.

पढ़ें- KCR Criticized BJP Govt: महाराष्ट्र में पेयजल संकट और किसानों को लेकर बरसे केसीआर, केंद्र और राज्य सरकारों पर बोला हमला

हैदराबाद : मुख्यमंत्री केसीआर (Chief Minister KCR) ने 'दलित बंधु योजना' (Dalit Bandhu scheme) के कार्यान्वयन को लेकर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीएम ने अपनी ही पार्टी के विधायकों को चेतावनी दी है. 'दलित बंधु योजना' तेलंगाना सरकार द्वारा लागू की गई है.

पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर हैदराबाद के तेलंगाना भवन में आयोजित प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में पार्टी नेताओं को भविष्य की गतिविधियों पर संबोधित करते हुए सीएम केसीआर ने पार्टी के कई विधायकों के व्यवहार पर गहरा रोष व्यक्त किया.

केसीआर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 'मेरे पास दलित बंधु योजना में पैसा वसूल करने वाले विधायकों की सूची है. उन विधायकों के लिए यह आखिरी चेतावनी है. अगर दोबारा गलती करते हैं तो पार्टी से निकाल दिया जाएगा. अगर अनुयायी पैसे कमाते हैं तो भी विधायक जिम्मेदार हैं. डबल बेडरूम वाले घरों के मामले में भी आरोप हैं.'

जनगामा पार्टी के नेता तातीकोंडा राजैया और कदियम श्रीहरि को इस अवसर पर घनपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए संवेदनशील चेतावनी जारी की गई. सीएम केसीआर ने सुझाव दिया कि हमें व्यक्तिगत प्रतिष्ठा खोने के बजाय पार्टी के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

सीएम केसीआर ने सुझाव दिया कि 'हमें व्यक्तिगत प्रतिष्ठा खोने के बजाय पार्टी के लिए मिलकर काम करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि व्यक्ति से ज्यादा पार्टी महत्वपूर्ण है... अगर अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी ऐसी ही समस्या है तो उन्हें एक-दूसरे की आलोचना नहीं करनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी नेताओं को चुनाव की दिशा में काम करना चाहिए... समस्या कैसी भी हो अपने वरिष्ठों से सलाह लेनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने और उन्हें लोगों के हाथ में रखने की गतिविधियां चलायी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ गांवों में सरकारी जमीन अनुपयोगी है... अगर वह मकान बनाने के लायक है तो उसका तुरंत वितरण किया जाएगा. जहां पार्टी के विधायक नहीं हैं, वहां जिला पंचायत अध्यक्ष, सांसद और जिला प्रभारियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए... और प्रक्रिया तीन से चार महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए.

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