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कोरोना की तीसरी लहर के दूसरी लहर जैसी गंभीर होने की आशंका नहीं : अध्ययन

यदि कोविड-19 की तीसरी लहर ( A third wave of COVID-19) आती है तो उसके दूसरी लहर की तरह गंभीर होने की आशंका नहीं है.  यह बात एक अध्ययन में कही गई है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

कोरोना की तीसरी लहर
कोरोना की तीसरी लहर
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Published : Jun 25, 2021, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : एक अध्ययन में कहा गया है कि यदि कोविड-19 की तीसरी लहर ( A third wave of COVID-19) आती है तो उसके दूसरी लहर की तरह गंभीर होने की आशंका नहीं है. इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Journal of Medical Research ) (आईजेएमआर) में प्रकाशित गणितीय मॉडलिंग विश्लेषण पर आधारित इस अध्ययन में रेखांकित किया गया है कि टीकाकरण के दायरे के विस्तार से कोरोना वायरस की तीसरी लहर को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

अध्ययन में ऐसे परिदृश्य की चर्चा की गयी है जिसमें 40 प्रतिशत आबादी ने दूसरी लहर के तीन महीनों के भीतर दोनों खुराक ले ली हैं. इसमें कहा गया है कि टीकाकरण का प्रभाव संक्रमण की गंभीरता को 60 प्रतिशत तक कम करने के लिए है. अध्ययन के अनुसार इससे यह दिखता है कि संभावित तीसरी लहर के दौरान टीकाकरण गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकता है.

भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की संभाव्यता: गणितीय मॉडलिंग आधारित विश्लेषण के लेखकों में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (indian Council of Medical Research ) (आईसीएमआर) के संदीप मंडल, बलराम भार्गव और समीरन पांडा तथा इंपीरियल कॉलेज लंदन के निमलन अरिनामिनपति शामिल हैं.

तीसरी लहर के संबंध में चार परिकल्पनाओं पर विचार करते हुए अध्ययन में कहा गया है, संक्रमण-आधारित प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कम हो सकती है, पहले से संक्रमित हुए लोग पुन: संक्रमित हो सकते हैं, भले ही मौजूदा वायरस अपरिवर्तित रहे.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : एक अध्ययन में कहा गया है कि यदि कोविड-19 की तीसरी लहर ( A third wave of COVID-19) आती है तो उसके दूसरी लहर की तरह गंभीर होने की आशंका नहीं है. इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Journal of Medical Research ) (आईजेएमआर) में प्रकाशित गणितीय मॉडलिंग विश्लेषण पर आधारित इस अध्ययन में रेखांकित किया गया है कि टीकाकरण के दायरे के विस्तार से कोरोना वायरस की तीसरी लहर को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

अध्ययन में ऐसे परिदृश्य की चर्चा की गयी है जिसमें 40 प्रतिशत आबादी ने दूसरी लहर के तीन महीनों के भीतर दोनों खुराक ले ली हैं. इसमें कहा गया है कि टीकाकरण का प्रभाव संक्रमण की गंभीरता को 60 प्रतिशत तक कम करने के लिए है. अध्ययन के अनुसार इससे यह दिखता है कि संभावित तीसरी लहर के दौरान टीकाकरण गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकता है.

भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की संभाव्यता: गणितीय मॉडलिंग आधारित विश्लेषण के लेखकों में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (indian Council of Medical Research ) (आईसीएमआर) के संदीप मंडल, बलराम भार्गव और समीरन पांडा तथा इंपीरियल कॉलेज लंदन के निमलन अरिनामिनपति शामिल हैं.

तीसरी लहर के संबंध में चार परिकल्पनाओं पर विचार करते हुए अध्ययन में कहा गया है, संक्रमण-आधारित प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कम हो सकती है, पहले से संक्रमित हुए लोग पुन: संक्रमित हो सकते हैं, भले ही मौजूदा वायरस अपरिवर्तित रहे.

(पीटीआई भाषा)

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