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पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा कमजोर फिर भी हमारा गठबंधन भाजपा को सत्ता से हटा देगा : डी राजा - वाम मोर्चा संगठन कमजोर

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सोमवार यह स्वीकार किया गया कि पश्चिम बंगाल वाम मोर्चा लगातार संगठनात्मक गिरावट का सामना कर रहा है.

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Published : Sep 6, 2021, 10:41 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 10:56 PM IST

नई दिल्ली : भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा का संगठन कमजोर हुआ है लेकिन पार्टी ने अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है. दो दिवसीय सम्मेलन के बाद यह स्वीकार किया गया कि जमीनी स्तर पर पार्टी की कमजोर ताकत को स्वीकार करना यह साबित करता है कि वाम मोर्चे को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित राज्य में अपनी स्थिति सुधारने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक पराजय लंबे समय से राज्य में पार्टी के संगठनात्मक पतन की बात करती है. हमें लगता है कि हमारी पार्टी के साथ-साथ वामपंथियों को भी अपनी स्थिति पर गंभीर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि यह पहली बार नहीं है.

भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा

नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद अपनाए गए प्रस्ताव में भाकपा ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वामपंथियों की हार हुई. पार्टी ने पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु और केरल सहित पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में अपने परिणाम के बारे में विस्तार से चर्चा की.

भाकपा ने कहा कि हमारी पार्टी की पश्चिम बंगाल राज्य परिषद ने चुनाव परिणामों की समीक्षा की है और अपनी गलतियों की पहचान की है और सुधार के लिए आगे बढ़ रहे हैं. असम चुनाव का जिक्र करते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि जेल में बंद कार्यकर्ता अखिल गोगोई को अपने साथ ले जाने में महागठबंधन की नाकामी की भारी कीमत चुकानी पड़ी.

यहां उल्लेखनीय है कि महागठबंधन (महाजोत) ने कांग्रेस की अगुवाई में भाकपा, एआईयूडीएफ, बीपीएफ ने मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी. हालांकि किसान नेता और रायजोर के अध्यक्ष डोल अखिल गोगोई को अपनी छत्रछाया में लाने में विफल रहा क्योंकि गोगोई महागठबंधन के तहत एआईयूडीएफ को शामिल करने के विचार का विरोध कर रहे थे. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में विपक्षी गठबंधन को 50 सीटें मिलीं.

भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि पार्टी ने अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है. राजा ने ईटीवी भारत से कहा कि हमने तमिलनाडु और केरल में अच्छा प्रदर्शन किया. हमने पुडुचेरी में भी अच्छा प्रदर्शन किया.

हमें विश्वास है कि आने वाले दिनों में इस तरह का गठबंधन भाजपा को सत्ता से हटा देगा. इस बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने सोमवार को असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) से छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव से पहले समान विचारधारा वाले दलों के साथ किसी भी संभावित गठबंधन पर अंतिम निर्णय लेने को कहा है.

एपीसीसी अध्यक्ष भूपेन बोरा ने ईटीवी भारत को बताया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने एपीसीसी को अपनी कार्रवाई का फैसला करने का पूरा अधिकार दिया है. बोरा ने कहा कि फिलहाल हमने विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है. APCC अध्यक्ष ने नई दिल्ली में असम के लिए AICC प्रभारी जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा की.

यह भी पढ़ें-खेत-खलिहान के साथ देश बचाने की लड़ाई में कूदे हैं किसान 'वोट की चोट' जरूरी : अतुल अंजान

इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी केंद्रीय नेतृत्व के साथ विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. सरमा ने केंद्रीय जहाजरानी और राजमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की और आगामी चुनाव पर चर्चा की. सरमा के होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलने की संभावना है.

नई दिल्ली : भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा का संगठन कमजोर हुआ है लेकिन पार्टी ने अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है. दो दिवसीय सम्मेलन के बाद यह स्वीकार किया गया कि जमीनी स्तर पर पार्टी की कमजोर ताकत को स्वीकार करना यह साबित करता है कि वाम मोर्चे को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित राज्य में अपनी स्थिति सुधारने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक पराजय लंबे समय से राज्य में पार्टी के संगठनात्मक पतन की बात करती है. हमें लगता है कि हमारी पार्टी के साथ-साथ वामपंथियों को भी अपनी स्थिति पर गंभीर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि यह पहली बार नहीं है.

भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा

नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद अपनाए गए प्रस्ताव में भाकपा ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वामपंथियों की हार हुई. पार्टी ने पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु और केरल सहित पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में अपने परिणाम के बारे में विस्तार से चर्चा की.

भाकपा ने कहा कि हमारी पार्टी की पश्चिम बंगाल राज्य परिषद ने चुनाव परिणामों की समीक्षा की है और अपनी गलतियों की पहचान की है और सुधार के लिए आगे बढ़ रहे हैं. असम चुनाव का जिक्र करते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि जेल में बंद कार्यकर्ता अखिल गोगोई को अपने साथ ले जाने में महागठबंधन की नाकामी की भारी कीमत चुकानी पड़ी.

यहां उल्लेखनीय है कि महागठबंधन (महाजोत) ने कांग्रेस की अगुवाई में भाकपा, एआईयूडीएफ, बीपीएफ ने मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी. हालांकि किसान नेता और रायजोर के अध्यक्ष डोल अखिल गोगोई को अपनी छत्रछाया में लाने में विफल रहा क्योंकि गोगोई महागठबंधन के तहत एआईयूडीएफ को शामिल करने के विचार का विरोध कर रहे थे. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में विपक्षी गठबंधन को 50 सीटें मिलीं.

भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि पार्टी ने अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है. राजा ने ईटीवी भारत से कहा कि हमने तमिलनाडु और केरल में अच्छा प्रदर्शन किया. हमने पुडुचेरी में भी अच्छा प्रदर्शन किया.

हमें विश्वास है कि आने वाले दिनों में इस तरह का गठबंधन भाजपा को सत्ता से हटा देगा. इस बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने सोमवार को असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) से छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव से पहले समान विचारधारा वाले दलों के साथ किसी भी संभावित गठबंधन पर अंतिम निर्णय लेने को कहा है.

एपीसीसी अध्यक्ष भूपेन बोरा ने ईटीवी भारत को बताया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने एपीसीसी को अपनी कार्रवाई का फैसला करने का पूरा अधिकार दिया है. बोरा ने कहा कि फिलहाल हमने विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है. APCC अध्यक्ष ने नई दिल्ली में असम के लिए AICC प्रभारी जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा की.

यह भी पढ़ें-खेत-खलिहान के साथ देश बचाने की लड़ाई में कूदे हैं किसान 'वोट की चोट' जरूरी : अतुल अंजान

इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी केंद्रीय नेतृत्व के साथ विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. सरमा ने केंद्रीय जहाजरानी और राजमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की और आगामी चुनाव पर चर्चा की. सरमा के होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलने की संभावना है.

Last Updated : Sep 6, 2021, 10:56 PM IST
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