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हरियाणा में बारिश से खिल उठा महाभारत काल का झरना

हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों में बसा मोहबताबाद गांव (Mohabbatabad Village Faridabad) के मंदिर में बहने वाले झरने की वजह से चर्चा में है. जानें क्या है पूरा मामला.

मंदिर में बहने वाला झरना
मंदिर में बहने वाला झरना
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Published : Sep 13, 2021, 10:16 PM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा के फरीदाबाद में अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा मोहबताबाद गांव (Mohabbatabad Village Faridabad) इन दिनों काफी चर्चा में है.बता दें चर्चा का विषय इसलिए है मंदिर में बहने वाला एक झरना. जिसका स्वरुप बारिश (Heavy Rain In Faridabad) के बाद लौट आया है.

मंदिर में बहने वाला झरना

स्थानीय लोगों का कहना है अरावली में लगातार हो रहे खनन और कम बारिश की वजह से इसमें कम ही पानी आता था. लेकिन इस बार हरियाणा समेत फरीदाबाद में रिकॉर्ड तोड़ बारिश (Heavy Rain In Faridabad) हुई है. जिसकी वजह से झरने में फिर से पानी आ गया है. झरने से गिरते पानी को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे है. लोगों के लिए झरना अब सेल्फी प्वाइंट बन गया है.

महाभारत काल से जुड़ा मंदिर का इतिहास

माना जाता है कि झरने वाले इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है.यहां के पुजारी और ग्रामीणों ने बताया कि ये मंदिर हजारों साल से ऋषि मुनियों की तपो स्थली रहा है. महाभारत काल में पांडव भी यहां आए थे जिनके तप से यहां झरना बहने लगा था. पांडव के द्वारा यहां सात कुंड बनाए गए थे.

इसे भी पढे़ं-बारिश ने पुरी में 87 साल का, भुवनेश्वर में 63 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ा

चंडीगढ़ : हरियाणा के फरीदाबाद में अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा मोहबताबाद गांव (Mohabbatabad Village Faridabad) इन दिनों काफी चर्चा में है.बता दें चर्चा का विषय इसलिए है मंदिर में बहने वाला एक झरना. जिसका स्वरुप बारिश (Heavy Rain In Faridabad) के बाद लौट आया है.

मंदिर में बहने वाला झरना

स्थानीय लोगों का कहना है अरावली में लगातार हो रहे खनन और कम बारिश की वजह से इसमें कम ही पानी आता था. लेकिन इस बार हरियाणा समेत फरीदाबाद में रिकॉर्ड तोड़ बारिश (Heavy Rain In Faridabad) हुई है. जिसकी वजह से झरने में फिर से पानी आ गया है. झरने से गिरते पानी को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे है. लोगों के लिए झरना अब सेल्फी प्वाइंट बन गया है.

महाभारत काल से जुड़ा मंदिर का इतिहास

माना जाता है कि झरने वाले इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है.यहां के पुजारी और ग्रामीणों ने बताया कि ये मंदिर हजारों साल से ऋषि मुनियों की तपो स्थली रहा है. महाभारत काल में पांडव भी यहां आए थे जिनके तप से यहां झरना बहने लगा था. पांडव के द्वारा यहां सात कुंड बनाए गए थे.

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