श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को नुपुर शर्मा का आपत्तिजनक बयान, राज्यों में उपद्रवियों के घरों पर चल रहे बुलडोजर समेत कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी. श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में महबूबा ने दावा किया कि इस्लाम के पैगंबर के खिलाफ बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा का आपत्तिजनक बयान कोई संयोग नहीं बल्कि एक सोची समझी टिप्पणी थी. उन्होंने कहा कि नुपुर शर्मा की टिप्पणी का मकसद मुसलमानों को भड़काना था ताकि उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए जा सके. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जिस तरह से सरकार उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में मुस्लिम आबादी पर अत्याचार कर रही है और अदालतें चुप हैं, उससे वह हैरान हैं. मुफ्ती ने कहा कि जो कोई भी केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसके खिलाफ जांच एजेंसियों ने मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है.
पीडीपी अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार देश की 25 फीसदी आबादी को अलग-थलग कर रही है और उस पर अत्याचार कर रही है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि अदालतें देश के मौजूदा हालात को मूकदर्शक बनकर देख रही हैं. पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की साजिश के तहत नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पैगंबर के बारे में अपमानजनक और ईशनिंदा वाला बयान दिया, ताकि कश्मीर में पंडितों के खिलाफ चल रही हिंसा से लोगों का ध्यान हटाया जा सके. कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा में भाजपा सरकार विफल रही. ध्यान भटकाने और मुसलमानों को भड़काने के लिए यह बयान दिया गया ताकि उनकी संपत्तियों को बुलडोजर से उड़ाया जा सके. महबूबा मुफ्ती ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी को तलब करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि भाजपा इन एजेंसियों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है ताकि उनकी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों की आवाज दबाई जा सके और उनके काम पर सवाल उठाया जा सके.
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