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अरबपतियों के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंचा भारतः रिपोर्ट

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Published : Mar 2, 2022, 10:55 AM IST

भारत में वर्ष 2021 में धनाढ्य लोगों की संख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और निवेश के लिए रियल एस्टेट अब भी ऐसे लोगों के लिए पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. लंदन की एजेंसी नाइट फ्रैंक ने अपनी 2022 में संपत्ति रिपोर्ट यह जानकारी दी है.

knight frank india
धनी लोगों की संख्या बढ़ी

नई दिल्ली: देश में धन कुबेरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और अब भारत, 145 अरबपतियों के साथ विश्व स्तर पर अमेरिका (748) और चीन (554) के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. वहीं वर्ष 2021 में अमीर लोगों की संख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज(number of wealthy in India grew by 11) की गई है. इस समूह के लोगों के बीच निवेश के लिए रियल एस्टेट अब भी पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी ने भी बड़ी तेजी से उनके निवेश पोर्टफोलियो में जगह बनाई है. यह जानकारी, रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली एजेंसी 'नाइट फ्रैंक'(knight frank india) ने अपनी संपत्ति रिपोर्ट 2022 में दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 226 करोड़ रुपये) या उससे अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की संख्या में पिछले साल हुई 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिसमें शेयर बाजार में तेजी और डिजिटल क्रांति का अहम योगदान रहा.

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में अधिक नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 2021 में 13,637 पर पहुंच गई जो इससे पिछले साल 12,287 थी. इसमें अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गयी जहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़कर 352 हो गयी. इसके बाद दिल्ली (12.4 प्रतिशत बढ़कर 210) एवं मुंबई (नौ प्रतिशत बढ़कर 1,596) का स्थान रहा.

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट कहती है कि अत्यधिक अमीर लोगों की करीब 30 फीसदी संपत्ति प्राथमिक एवं द्वितीयक घरों की खरीद में लगाई गई. वहीं 22 फीसदी निवेश-योग्य पूंजी वाणिज्यिक संपत्तियों की सीधी खरीद में लगाई गई. इसके अलावा आठ फीसदी संपत्ति विदेशों में भी खरीदी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 10 प्रतिशत बेहद अमीर लोग वर्ष 2022 में नए घर की खरीद की योजना बना रहे हैं. उनके लिए भारत के बाजार में घर खरीदना पहली पसंद है. वहीं वैश्विक स्तर पर 21 प्रतिशत बेहद अमीर लोग इस साल घर खरीद की योजना बना रहे हैं.

यह रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2021 में 18 प्रतिशत धनवान लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश किए जबकि एनएफटी में 11 प्रतिशत अमीरों ने निवेश किए. रिपोर्ट में कहा गया कि बीते साल क्रिप्टोकरेंसी, निवेश की मुख्यधारा का हिस्सा बनती हुई नजर आई. हालांकि सर्वे में शामिल एक-तिहाई प्रतिभागियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सुरक्षा चिंता बनी हुई है.

यह भी पढ़ें-जनवरी माह में 8 प्रमुख उद्योगों के सूचकांक में 3.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी

इसके अलावा अत्यधिक धनवान भारतीयों ने कला, आभूषण, क्लासिक कार एवं घड़ियों में भी अपने निवेश का 11 प्रतिशत लगाया. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में इन वस्तुओं के स्वामित्व से जुड़ा आनंद कहीं ज्यादा बड़ा घटक है. इसमें भी कलात्मक वस्तुओं पर निवेश को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: देश में धन कुबेरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और अब भारत, 145 अरबपतियों के साथ विश्व स्तर पर अमेरिका (748) और चीन (554) के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. वहीं वर्ष 2021 में अमीर लोगों की संख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज(number of wealthy in India grew by 11) की गई है. इस समूह के लोगों के बीच निवेश के लिए रियल एस्टेट अब भी पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी ने भी बड़ी तेजी से उनके निवेश पोर्टफोलियो में जगह बनाई है. यह जानकारी, रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली एजेंसी 'नाइट फ्रैंक'(knight frank india) ने अपनी संपत्ति रिपोर्ट 2022 में दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 226 करोड़ रुपये) या उससे अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की संख्या में पिछले साल हुई 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिसमें शेयर बाजार में तेजी और डिजिटल क्रांति का अहम योगदान रहा.

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में अधिक नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 2021 में 13,637 पर पहुंच गई जो इससे पिछले साल 12,287 थी. इसमें अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गयी जहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़कर 352 हो गयी. इसके बाद दिल्ली (12.4 प्रतिशत बढ़कर 210) एवं मुंबई (नौ प्रतिशत बढ़कर 1,596) का स्थान रहा.

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट कहती है कि अत्यधिक अमीर लोगों की करीब 30 फीसदी संपत्ति प्राथमिक एवं द्वितीयक घरों की खरीद में लगाई गई. वहीं 22 फीसदी निवेश-योग्य पूंजी वाणिज्यिक संपत्तियों की सीधी खरीद में लगाई गई. इसके अलावा आठ फीसदी संपत्ति विदेशों में भी खरीदी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 10 प्रतिशत बेहद अमीर लोग वर्ष 2022 में नए घर की खरीद की योजना बना रहे हैं. उनके लिए भारत के बाजार में घर खरीदना पहली पसंद है. वहीं वैश्विक स्तर पर 21 प्रतिशत बेहद अमीर लोग इस साल घर खरीद की योजना बना रहे हैं.

यह रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2021 में 18 प्रतिशत धनवान लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश किए जबकि एनएफटी में 11 प्रतिशत अमीरों ने निवेश किए. रिपोर्ट में कहा गया कि बीते साल क्रिप्टोकरेंसी, निवेश की मुख्यधारा का हिस्सा बनती हुई नजर आई. हालांकि सर्वे में शामिल एक-तिहाई प्रतिभागियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सुरक्षा चिंता बनी हुई है.

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इसके अलावा अत्यधिक धनवान भारतीयों ने कला, आभूषण, क्लासिक कार एवं घड़ियों में भी अपने निवेश का 11 प्रतिशत लगाया. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में इन वस्तुओं के स्वामित्व से जुड़ा आनंद कहीं ज्यादा बड़ा घटक है. इसमें भी कलात्मक वस्तुओं पर निवेश को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई.

(पीटीआई-भाषा)

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