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नागार्जुन सागर डैम विवाद के बीच गृह मंत्रालय ने अपने हाथ में लिया नियंत्रण, केंद्रीय बल तैनात

नागार्जुन सागर के घटनाक्रम ने एक बार फिर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच कृष्णा जल विवाद का मुद्दा सामने ला दिया है. तेलंगाना ने आंध्र प्रदेश के कार्यों के बारे में नदी स्वामित्व बोर्ड से शिकायत की है. इसके जवाब में केआरएमबी ने आंध्र प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर साफ कर दिया कि पानी छोड़ना तुरंत बंद कर दिया जाए. Telangana Nagarjunasagar Dam, Home Ministry intervenes, Nagarjunasagar Sagar dam news, andhra pradesh news

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नागार्जुन सागर डैम को लेकर विवाद के बीच गृह मंत्रालय ने अपने हाथ में लिया नियंत्रण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 2, 2023, 12:01 PM IST

नागार्जुन सागर: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना नागार्जुन सागर परियोजना की निगरानी जिम्मेदारी कृष्णा बोर्ड और केंद्रीय बलों को सौंपने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं. इस पृष्ठभूमि में, सीआरपीएफ बल सागर बांध के शीर्ष पर पहुंच रहे हैं. केंद्रीय बल आज सुबह 5 बजे से हर प्वाइंट पर कब्जा कर रहे हैं. इसके साथ ही दोपहर तक बांध केंद्र के नियंत्रण में आ जाएगा.

उसके बाद 13वें गेट पर लगी बाड़ हटाए जाने की संभावना है. सीआरपीएफ बलों के पहुंचने के साथ ही तेलंगाना पुलिस बांध से पीछे हट गयी. उधर, सागर बांध से दायीं नहर में पानी छोड़ा जा रहा है. दायीं नहर से अभी चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

बांध केंद्रीय बलों के अधीन : केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सागर से एपी का पानी छोड़े जाने और उस राज्य में पुलिस बलों की तैनाती के मद्देनजर शुक्रवार को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन आपातकालीन समीक्षा की. भल्ला ने उस विवाद की समीक्षा की जो पिछले महीने की 29 तारीख को आंध्र प्रदेश की ओर से एकतरफा सशस्त्र बलों को तैनात करने और सागर की दाहिनी नहर के माध्यम से पानी छोड़ने से उत्पन्न हुआ था.

उन्होंने आंध्र प्रदेश से पिछले महीने की 28 तारीख से पहले की स्थिति जारी रखने को कहा. सुझाव दिया गया है कि बांध का रखरखाव अस्थायी तौर पर सीआरपीएफ की निगरानी में होगा. उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल संसाधन विभाग के सचिव के नेतृत्व में एक विशेष बैठक आयोजित की जायेगी.

कृष्णा जल विवाद पर बैठक आज : कृष्णा जल बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. शनिवार सुबह 11 बजे केंद्रीय जल विद्युत विभाग के सचिव ने दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया. इस हद तक, केंद्र ने सीएस, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ महानिदेशकों, सीडब्ल्यूसी और तेलुगु राज्यों के कृष्णा बोर्ड अध्यक्षों को एक पत्र भेजा है.

इसमें कहा गया है कि नागार्जुनसागर, श्रीशैलम बांध, जलाशयों और उनके अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य सभी संरचनाओं की प्रबंधन जिम्मेदारियों को कृष्णा बोर्ड को हस्तांतरित करने के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.

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नागार्जुन सागर: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना नागार्जुन सागर परियोजना की निगरानी जिम्मेदारी कृष्णा बोर्ड और केंद्रीय बलों को सौंपने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं. इस पृष्ठभूमि में, सीआरपीएफ बल सागर बांध के शीर्ष पर पहुंच रहे हैं. केंद्रीय बल आज सुबह 5 बजे से हर प्वाइंट पर कब्जा कर रहे हैं. इसके साथ ही दोपहर तक बांध केंद्र के नियंत्रण में आ जाएगा.

उसके बाद 13वें गेट पर लगी बाड़ हटाए जाने की संभावना है. सीआरपीएफ बलों के पहुंचने के साथ ही तेलंगाना पुलिस बांध से पीछे हट गयी. उधर, सागर बांध से दायीं नहर में पानी छोड़ा जा रहा है. दायीं नहर से अभी चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

बांध केंद्रीय बलों के अधीन : केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सागर से एपी का पानी छोड़े जाने और उस राज्य में पुलिस बलों की तैनाती के मद्देनजर शुक्रवार को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन आपातकालीन समीक्षा की. भल्ला ने उस विवाद की समीक्षा की जो पिछले महीने की 29 तारीख को आंध्र प्रदेश की ओर से एकतरफा सशस्त्र बलों को तैनात करने और सागर की दाहिनी नहर के माध्यम से पानी छोड़ने से उत्पन्न हुआ था.

उन्होंने आंध्र प्रदेश से पिछले महीने की 28 तारीख से पहले की स्थिति जारी रखने को कहा. सुझाव दिया गया है कि बांध का रखरखाव अस्थायी तौर पर सीआरपीएफ की निगरानी में होगा. उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल संसाधन विभाग के सचिव के नेतृत्व में एक विशेष बैठक आयोजित की जायेगी.

कृष्णा जल विवाद पर बैठक आज : कृष्णा जल बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. शनिवार सुबह 11 बजे केंद्रीय जल विद्युत विभाग के सचिव ने दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया. इस हद तक, केंद्र ने सीएस, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ महानिदेशकों, सीडब्ल्यूसी और तेलुगु राज्यों के कृष्णा बोर्ड अध्यक्षों को एक पत्र भेजा है.

इसमें कहा गया है कि नागार्जुनसागर, श्रीशैलम बांध, जलाशयों और उनके अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य सभी संरचनाओं की प्रबंधन जिम्मेदारियों को कृष्णा बोर्ड को हस्तांतरित करने के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.

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