हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेंबली ने परिवार प्रेषण का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (The International Day of Family Remittances -IDFR) की घोषणा की थी. जिसे हर साल 16 जून को मनाया जाता है. यह दिवस दुनियाभर में अपने लगभग 800 मिलियन परिवार के सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए 200 मिलियन से अधिक प्रवासियों, महिलाओं और पुरुषों द्वारा दिए गए योगदान को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है.
इसके साथ ही आर्थिक असुरक्षा, प्राकृतिक और जलवायु संबंधी आपदाओं और वैश्विक महामारी का सामना करने में प्रवासी श्रमिकों की वापसी पर प्रकाश डालता है. आईडीएफआर अब विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त और सुरक्षित है. व्यवस्थित और नियमित प्रवासन के लिए ग्लोबल कॉम्पैक्ट में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो प्रेषण लागत में कमी और प्रेषण के माध्यम से अधिक वित्तीय समावेशन का आग्रह करता है.
प्रेषण क्यों महत्वपूर्ण हैं:
पिछले 20 सालों में प्रेषण प्रवाह का मूल्य पांच गुना बढ़ गया है. इन प्रवाहों ने अक्सर एक प्रति-चक्रीय भूमिका (counter-cyclical role) निभाई है. आश्चर्य की बात है कि एक अरब लोग, या दुनिया में सात में से एक व्यक्ति भेजकर (200 मिलियन प्रवासी श्रमिक) या उन्हें प्राप्त कर (चार लोगों का औसत घर) प्रेषण में शामिल है. दुनिया के सात लोगों में से एक, कुल मिलाकर लगभग 800 मिलियन इन प्रवाहों से लाभान्वित होते हैं.
70 से अधिक देश प्रेषण के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4 प्रतिशत से अधिक पर निर्भर हैं. देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रेषण एक इंजन की तरह है. प्रवासी श्रमिक अपने घर एक या दो महीने में औसतन 200 अमेरिकी डॉलर या 300 अमेरिकी डॉलर भेजते हैं. यह उनकी कमाई का केवल 15 प्रतिशत दर्शाता है क्योंकि बाकी की कमाई उनके अपने देशों में रह जाती है. वे जो भी भेजते हैं वह एक परिवार की कुल आय का 60 प्रतिशत तक हो सकता है और लाखों परिवारों के लिए यह एक जीवनरेखा की तरह नजर आती है.
COVID-19 संकट के विनाशकारी प्रभावों के कारण, अंतरराष्ट्रीय प्रेषण में सबसे तेज गिरावट की उम्मीद थी. हालांकि, इन भविष्यवाणियों को धता बताते हुए, विश्व बैंक की मई 2021 की रिपोर्ट बताती है कि 2019 की तुलना में 2020 में केवल 1.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ प्रेषण पर इसका काफी कम असर नजर आया.
औपचारिक प्रेषण के निरंतर प्रवाह के लिए जिम्मेदार प्राथमिक कारणों में से एक प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों द्वारा डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाना है. ऑनलाइन और मोबाइल के साथ डिजिटलीकरण उत्प्रेरक और प्रेषण प्रवाह का प्रवर्तक साबित हुआ. विशेष रूप से 2020 (GSMA 2021) के दौरान मोबाइल प्रेषण 65 प्रतिशत बढ़कर 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
50 प्रतिशत से अधिक प्रेषणों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित उनके घरों में भेजे दिए जाते हैं, जहां दुनिया के 75 प्रतिशत गरीबी और खाद्य की समस्या रहती है. ग्रामीण परिवार अपनी आजीविका में सुधार और अपने स्वयं के एसडीजी प्राप्त करने के लिए इन प्रवाहों पर भरोसा करते हैं. वैश्विक स्तर पर, अगले पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में संचित प्रवाह एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा.
लगभग 75 प्रतिशत प्रेषण खाना, चिकित्सा व्यय, स्कूल शुल्क और आवास व्यय में चला जाता है. संकट के समय में प्रवासी श्रमिक फसलों के नुकसान या पारिवारिक आपात स्थिति को पूरा करने के लिए अधिक पैसा घर भेज सकते हैं. प्रति वर्ष 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक वाले प्रेषण का लगभग 25 प्रतिशत या तो बचत किए जा सकते हैं या संपत्ति निर्माण या गतिविधियों में निवेश किया जा सकता है जिससे आय और रोजगार के अवसर बन सकते हैं.
प्रेषण भेजना महंगा हो सकता है. वैश्विक औसत पर मुद्रा रूपांतरण और शुल्क की लागत भेजी गई राशि का सात प्रतिशत है. SDG 10.c का लक्ष्य 2030 तक लेन-देन की लागत को तीन प्रतिशत कम करना है. तकनीकी नवाचार, विशेष रूप से मोबाइल तकनीक, डिजिटलीकरण और ब्लॉकचेन, बाजारों को मौलिक रूप से बदल सकते हैं. 2015 से 2030 के बीच (SDG समय सीमा) एक अनुमान के अनुसार प्रवासियों द्वारा अमेरिकी डॉलर 8.5 खरब उनके अपने देशों को भेजा जाएगा. उस राशि में से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की या तो बचत की जाएगी या निवेश किया जाएगा.
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प्रेषण और निवेश के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDG) में प्रवासी एक अमूल्य योगदान देते हैं. विशेष रूप से इसमें गरीबी को खत्म करने (एसडीजी 1) और भूख खत्म करने (एसडीजी 2), अच्छे स्वास्थ्य (एसडीजी 3), गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (एसडीजी 4), स्वच्छ पानी और स्वच्छता (एसडीजी 6), अच्छे काम और आर्थिक विकास (एसडीजी 8) को बढ़ावा देना और असमानताएं कम करना (एसडीजी 10) शामिल है. दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवास पर वैश्विक समझौते के उद्देश्य से विकास में उनके योगदान को मान्यता दी गई है.