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16 नवंबर : अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य विश्व में शांति के साथ सामंजस्य कायम करना - अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस यूनेस्को

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 16 नवंबर को ( International Day for Tolerance) यानी अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व में शांति के साथ-साथ सामंजस्य कायम करना है. पढ़िए पूरी खबर...

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस
अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस
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Published : Nov 16, 2021, 5:01 AM IST

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 16 नवंबर को ( International Day for Tolerance) यानी अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संस्कृतियों और लोगों के बीच आपसी तालमेल को बढ़ावा देकर सहिष्णुता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व में शांति के साथ-साथ सामंजस्य कायम करना है. लोगों को सहनशील क्यों बन रहना चाहिए इस पर भी इस रोज जागरुकता फैलाई जाती है. यूनेस्को ने 1994 में, महात्मा गांधी के जन्म की 125 वीं वर्षगांठ को 16 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में घोषित किया गया था. यह दिन शांति, अहिंसा और समानता के महात्मा के मूल्यों को प्रोत्साहित करता है. गौरतलब है कि 16 नवंबर, 2020 को संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ (International Day for Tolerance) मनाया गया.

हालांकि एक नैतिक गुण के रूप में सहिष्णुता का अर्थ है कि एक नैतिक दायित्व है जिसमें व्यक्ति के लिए सम्मान के साथ-साथ लोगों के बीच आपसी सम्मान और विचार शामिल हैं. इसमें सहिष्णु लोग व्यक्ति, उसकी स्वतंत्रता और पसंद की स्वतंत्रता को महत्व देते हैं. इसके अलावा सहनशील होने का अर्थ है कि आप अन्य लोगों की राय स्वीकार करते हैं.

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व बनाए रखने और विश्व में शांति तथा सामंजस्य कायम करने के लिए लोगों को सहनशील बनने की आवश्यकता के विषय में जागरूक बनाना है. यह दिन लोगों को वैश्विक सहिष्णुता का महत्व और असहिष्णुता के दुष्प्रभाव बताता है.

सहिष्णुता का मतलब

16 नवंबर 1995 को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाने की परिकल्पना UNESCO ने की थी. आगे चल कर UNO ने साल 1996 में 16 नवंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व में शांति के साथ-साथ सामंजस्य कायम करना है. लोगों को सहनशील क्यों बन रहना चाहिए इस पर भी इस रोज जागरुकता फैलाई जाती है.

क्या है इस दिवस का महत्व?

सहिष्णुता का अंतरराष्ट्रीय दिवस दुनिया भर के लोगों को सहिष्णुता के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित करता है. इस दिन कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं. स्कूलों में भी बच्चों को न्याय, सहिष्णुता, नैतिकता जैसी मूलभूत जानकारियां दी जाती हैं. इस दिन लोगों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है. कुछ संस्थाओं द्वारा ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें मानवाधिकारों के साथ सहिष्णुता पर चर्चा की जाती है.

जानिए सहिष्णुता दिवस के बारे में एक नजर में

  • 16 नवंबर, 2020 को संपूर्ण विश्व में 'अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ (International Day for Tolerance) मनाया गया.
  • उल्लेखनीय है कि यह दिवस असहिष्णुता के खतरों के प्रति लोगों में जागरूकता उपन्न करने के लिए मनाया जाता है.
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1996 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी.
  • गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1995 को संयुक्त राष्ट्र असहिष्णुता वर्ष घोषित किया गया था.
  • यूनेस्को ने वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए एक पुरस्कार की स्थापना की थी.
  • यह पुरस्कार विज्ञान, कला, संस्कृति अथवा संचार के क्षेत्र में सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए काम के लिए दिया जाता है.

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 16 नवंबर को ( International Day for Tolerance) यानी अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संस्कृतियों और लोगों के बीच आपसी तालमेल को बढ़ावा देकर सहिष्णुता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व में शांति के साथ-साथ सामंजस्य कायम करना है. लोगों को सहनशील क्यों बन रहना चाहिए इस पर भी इस रोज जागरुकता फैलाई जाती है. यूनेस्को ने 1994 में, महात्मा गांधी के जन्म की 125 वीं वर्षगांठ को 16 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में घोषित किया गया था. यह दिन शांति, अहिंसा और समानता के महात्मा के मूल्यों को प्रोत्साहित करता है. गौरतलब है कि 16 नवंबर, 2020 को संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ (International Day for Tolerance) मनाया गया.

हालांकि एक नैतिक गुण के रूप में सहिष्णुता का अर्थ है कि एक नैतिक दायित्व है जिसमें व्यक्ति के लिए सम्मान के साथ-साथ लोगों के बीच आपसी सम्मान और विचार शामिल हैं. इसमें सहिष्णु लोग व्यक्ति, उसकी स्वतंत्रता और पसंद की स्वतंत्रता को महत्व देते हैं. इसके अलावा सहनशील होने का अर्थ है कि आप अन्य लोगों की राय स्वीकार करते हैं.

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व बनाए रखने और विश्व में शांति तथा सामंजस्य कायम करने के लिए लोगों को सहनशील बनने की आवश्यकता के विषय में जागरूक बनाना है. यह दिन लोगों को वैश्विक सहिष्णुता का महत्व और असहिष्णुता के दुष्प्रभाव बताता है.

सहिष्णुता का मतलब

16 नवंबर 1995 को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाने की परिकल्पना UNESCO ने की थी. आगे चल कर UNO ने साल 1996 में 16 नवंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व में शांति के साथ-साथ सामंजस्य कायम करना है. लोगों को सहनशील क्यों बन रहना चाहिए इस पर भी इस रोज जागरुकता फैलाई जाती है.

क्या है इस दिवस का महत्व?

सहिष्णुता का अंतरराष्ट्रीय दिवस दुनिया भर के लोगों को सहिष्णुता के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित करता है. इस दिन कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं. स्कूलों में भी बच्चों को न्याय, सहिष्णुता, नैतिकता जैसी मूलभूत जानकारियां दी जाती हैं. इस दिन लोगों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है. कुछ संस्थाओं द्वारा ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें मानवाधिकारों के साथ सहिष्णुता पर चर्चा की जाती है.

जानिए सहिष्णुता दिवस के बारे में एक नजर में

  • 16 नवंबर, 2020 को संपूर्ण विश्व में 'अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ (International Day for Tolerance) मनाया गया.
  • उल्लेखनीय है कि यह दिवस असहिष्णुता के खतरों के प्रति लोगों में जागरूकता उपन्न करने के लिए मनाया जाता है.
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1996 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी.
  • गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1995 को संयुक्त राष्ट्र असहिष्णुता वर्ष घोषित किया गया था.
  • यूनेस्को ने वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए एक पुरस्कार की स्थापना की थी.
  • यह पुरस्कार विज्ञान, कला, संस्कृति अथवा संचार के क्षेत्र में सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए काम के लिए दिया जाता है.
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