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छत्तीसगढ़: सोशल मीडिया ने बेलगाम नौकरशाह और कर्मचारियों पर कसी नकेल, मिला इंसाफ

समय के साथ सोशल मीडिया का स्वरूप बदलता जा रहा है. ये लोगों के विचारों के आदान-प्रदान से लेकर अपनी ताकत का भी अहसास करा रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में सूरजपुर में देखने को मिला, जहां एक युवक को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर को पद से हाथ धोना पड़ा था.

सोशल मीडिया की ताकत
सोशल मीडिया की ताकत
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Published : May 27, 2021, 1:29 PM IST

रायपुर: कोरोना काल में भी सोशल मीडिया अपनी ताकत का अहसास छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में करा चुका है. खासकर तब जब कोरोना और लॉकडाउन पीरियड में जब लोग अपने घरों में रहे. लोग एक-दूसरे से सोशल मीडिया के माध्यम से ही कनेक्ट रहे हैं. इतना ही नहीं कोरोना संकट में सोशल मीडिया ने लोगों के लिए बेड से लेकर दवा और अन्य मुसीबतों में भी संकटमोचक का काम किया है. इन सब जरूरतों के अलावा भी सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में हो रही ज्यादतियों को लेकर भी वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर जैसे बड़े पद पर बैठे अधिकारी को भी पद से हटना पड़ा. ऐसे में अब आम जनमानस में सोशल मीडिया ने अपनी बढ़ती दखल दिखा दी है.

सोशल मीडिया की ताकत

हाल ही सूरजपुर कलेक्टर पर हुई कार्रवाई

सोशल मीडिया को अच्छा और बुरा दोनों तौर पर देखा जा सकता है. छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है. सोशल मीडिया के जरिए कुछ लोगों की छवि बिगड़ रही है, तो कुछ को तत्काल न्याय भी मिल रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में सूरजपुर जिले में देखने को मिला. जहां एक युवक पर कलेक्टर की दादागिरी उन्हीं पर भारी पड़ गई. सूरजपुर जैसे छोटे से जिले का यह मामला चंद घंटों में पूरे देश में फैल गया. कार्रवाई की मांग उठने लगी. सीएम को इस मामले में आगे आकर कलेक्टर को पद से हटाना पड़ा था.

सोशल मीडिया से मिल रहा न्याय

छत्तीसगढ़ का यह पहला मामला नहीं है, जब सोशल मीडिया में वायरल वीडियो से किसी को न्याय मिला है. ऐसे कई मामले लगातार छत्तीसगढ़ में आते रहे हैं. जिसमें पीड़ितों ने सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनमानस में बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई का दबाव बना दिया. बीते साल ही लॉकडाउन के दरम्यान उरला के टीआई नितिन उपाध्याय द्वारा की गई पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद सरकार और प्रशासन ने इसे संज्ञान में लेते हुए उन्हें पद से हटा दिया था. वहीं, सीएम के हेलीकॉप्टर में प्री वेडिंग शूट को लेकर भी मामले ने तूल पकड़ा था. बाद में मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए युवक-युवती को समझाया भी था. कहीं ना कहीं सोशल मीडिया लोगों के लिए भी बड़ी राहत का काम कर रहा है.

सोशल मीडिया के कंटेंट को गंभीरता से ले रहे लोग

आईटी एक्सपर्ट राहुल शर्मा कहते हैं कि सोशल मीडिया आज के समय में बड़ी भूमिका निभा रहा है. जिस तरह से समाज में कोई भी चीज दिखती है, उसे बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल किया जा रहा है. हाल ही में आप देख सकते हैं कि कलेक्टर सूरजपुर द्वारा युवक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन पर कार्रवाई भी की गई. शासन-प्रशासन भी सोशल मीडिया के जरिए पहुंचाई जा रही बातों को गंभीरता से ले रहा है. ये सोशल मीडिया का पावर है और इस पावर को तमाम राजनीतिक पार्टियां भी अच्छे से समझ रही हैं. यही वजह है कि अब राजनीतिक पार्टियां भी सोशल मीडिया के जरिए ही अपना अभियान चला रही है. चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस सबकी आईटी सेल है, जिसके माध्यम से वो काम कर रही है. आरोप-प्रत्यारोप का पूरा दौर सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेंड कर रहा है.

जागते रहो क्योंकि लॉकडाउन के दौरान एक्टिव हैं साइबर ठग

बीजेपी कर रही सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल

भारतीय जनता पार्टी में आईटी सेल के लिए लंबे समय से काम कर रहे छत्तीसगढ़ बीजेपी आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष दीपक म्हस्के कहते हैं कि हम सभी गवाह हैं कि आज की तारीख में कोई खबर किसी भी माध्यम से देखने पर यह महसूस होता है कि यह खबर हम पहले से देख चुके हैं. घर, परिवार में सोशल मीडिया की पहुंच हो चुकी है. कोई सोशल मीडिया में ट्विटर पर एक्टिव है, कोई फेसबुक पर एक्टिव है, कोई व्हाट्सएप पर एक्टिव है. सोशल मीडिया का बहुत गहरा प्रभाव छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे भारत में है. यह बहुत अच्छा मंच है, जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी भी लगातार आईटी सेल के माध्यम से काम कर रही है. भारतीय जनता पार्टी ने शुरू से इसके दूरगामी परिणामों को समझ लिया था. बहुत पहले इसका निर्णय हुआ था और आज इसका परिणाम सबके सामने है.

कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया को किया मजबूत

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आईटी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष मणि वैष्णव कहते हैं कि कोरोना महामारी के दौर में एक-दूसरे के सीधे संपर्क में रहना ज्यादा सुरक्षित और संभव नहीं है. ऐसे में जनता तक सही सूचनाएं सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से पहुंचाना सबसे सशक्त और सुरक्षित माध्यम है. उन्होंने बताया कि विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप लगाता रहता है, ऐसे में कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है कि जनता तक वे सही सूचनाएं पहुंचाएं, ताकि जनता दिग्भ्रमित न हो. इस कारण सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से हम लोग सही सूचनाएं पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. कांग्रेस में सोशल मीडिया को लेकर काफी काम किया जा रहा है.

एक नजर छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया में आए मामले

  • लॉकडाउन के दौरान बिना मास्क के बाहर घूम रहे मेयर एजाज ढेबर के भतीजे का पुलिस से बहस का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें मेयर के भतीजे को चालान भरना पड़ा था.
  • जून 2020 में उरला टीआई नितिन उपाध्याय ने एक किशोर की उसकी मां के सामने बेरहमी से पिटाई की थी. मामले में टीआई हुए थे लाइन अटैच.
  • पिछले साल सीएम के सरकारी हेलीकॉप्टर में प्री वेडिंग शूट का फोटो वायरल हुआ था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ. हालांकि बाद में सीएम ने दोनों नव जोड़ों को समझाइश देते हुए छोड़ दिया था.
  • कबीर नगर का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को बेरहमी से पीटा था. इस मामले में पुलिस ने आरोपी पर कर्रवाई की थी.
  • समता कॉलोनी में एक युवक का चाकू लहराते हुए वीडियो वारयल हुआ था. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार किया.
  • हाल ही में सूरजपुर कलेक्टर का एक युवक को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद कलेक्टर को तत्काल हटा दिया गया था.

रायपुर: कोरोना काल में भी सोशल मीडिया अपनी ताकत का अहसास छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में करा चुका है. खासकर तब जब कोरोना और लॉकडाउन पीरियड में जब लोग अपने घरों में रहे. लोग एक-दूसरे से सोशल मीडिया के माध्यम से ही कनेक्ट रहे हैं. इतना ही नहीं कोरोना संकट में सोशल मीडिया ने लोगों के लिए बेड से लेकर दवा और अन्य मुसीबतों में भी संकटमोचक का काम किया है. इन सब जरूरतों के अलावा भी सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में हो रही ज्यादतियों को लेकर भी वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर जैसे बड़े पद पर बैठे अधिकारी को भी पद से हटना पड़ा. ऐसे में अब आम जनमानस में सोशल मीडिया ने अपनी बढ़ती दखल दिखा दी है.

सोशल मीडिया की ताकत

हाल ही सूरजपुर कलेक्टर पर हुई कार्रवाई

सोशल मीडिया को अच्छा और बुरा दोनों तौर पर देखा जा सकता है. छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है. सोशल मीडिया के जरिए कुछ लोगों की छवि बिगड़ रही है, तो कुछ को तत्काल न्याय भी मिल रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में सूरजपुर जिले में देखने को मिला. जहां एक युवक पर कलेक्टर की दादागिरी उन्हीं पर भारी पड़ गई. सूरजपुर जैसे छोटे से जिले का यह मामला चंद घंटों में पूरे देश में फैल गया. कार्रवाई की मांग उठने लगी. सीएम को इस मामले में आगे आकर कलेक्टर को पद से हटाना पड़ा था.

सोशल मीडिया से मिल रहा न्याय

छत्तीसगढ़ का यह पहला मामला नहीं है, जब सोशल मीडिया में वायरल वीडियो से किसी को न्याय मिला है. ऐसे कई मामले लगातार छत्तीसगढ़ में आते रहे हैं. जिसमें पीड़ितों ने सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनमानस में बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई का दबाव बना दिया. बीते साल ही लॉकडाउन के दरम्यान उरला के टीआई नितिन उपाध्याय द्वारा की गई पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद सरकार और प्रशासन ने इसे संज्ञान में लेते हुए उन्हें पद से हटा दिया था. वहीं, सीएम के हेलीकॉप्टर में प्री वेडिंग शूट को लेकर भी मामले ने तूल पकड़ा था. बाद में मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए युवक-युवती को समझाया भी था. कहीं ना कहीं सोशल मीडिया लोगों के लिए भी बड़ी राहत का काम कर रहा है.

सोशल मीडिया के कंटेंट को गंभीरता से ले रहे लोग

आईटी एक्सपर्ट राहुल शर्मा कहते हैं कि सोशल मीडिया आज के समय में बड़ी भूमिका निभा रहा है. जिस तरह से समाज में कोई भी चीज दिखती है, उसे बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल किया जा रहा है. हाल ही में आप देख सकते हैं कि कलेक्टर सूरजपुर द्वारा युवक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन पर कार्रवाई भी की गई. शासन-प्रशासन भी सोशल मीडिया के जरिए पहुंचाई जा रही बातों को गंभीरता से ले रहा है. ये सोशल मीडिया का पावर है और इस पावर को तमाम राजनीतिक पार्टियां भी अच्छे से समझ रही हैं. यही वजह है कि अब राजनीतिक पार्टियां भी सोशल मीडिया के जरिए ही अपना अभियान चला रही है. चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस सबकी आईटी सेल है, जिसके माध्यम से वो काम कर रही है. आरोप-प्रत्यारोप का पूरा दौर सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेंड कर रहा है.

जागते रहो क्योंकि लॉकडाउन के दौरान एक्टिव हैं साइबर ठग

बीजेपी कर रही सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल

भारतीय जनता पार्टी में आईटी सेल के लिए लंबे समय से काम कर रहे छत्तीसगढ़ बीजेपी आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष दीपक म्हस्के कहते हैं कि हम सभी गवाह हैं कि आज की तारीख में कोई खबर किसी भी माध्यम से देखने पर यह महसूस होता है कि यह खबर हम पहले से देख चुके हैं. घर, परिवार में सोशल मीडिया की पहुंच हो चुकी है. कोई सोशल मीडिया में ट्विटर पर एक्टिव है, कोई फेसबुक पर एक्टिव है, कोई व्हाट्सएप पर एक्टिव है. सोशल मीडिया का बहुत गहरा प्रभाव छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे भारत में है. यह बहुत अच्छा मंच है, जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी भी लगातार आईटी सेल के माध्यम से काम कर रही है. भारतीय जनता पार्टी ने शुरू से इसके दूरगामी परिणामों को समझ लिया था. बहुत पहले इसका निर्णय हुआ था और आज इसका परिणाम सबके सामने है.

कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया को किया मजबूत

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आईटी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष मणि वैष्णव कहते हैं कि कोरोना महामारी के दौर में एक-दूसरे के सीधे संपर्क में रहना ज्यादा सुरक्षित और संभव नहीं है. ऐसे में जनता तक सही सूचनाएं सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से पहुंचाना सबसे सशक्त और सुरक्षित माध्यम है. उन्होंने बताया कि विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप लगाता रहता है, ऐसे में कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है कि जनता तक वे सही सूचनाएं पहुंचाएं, ताकि जनता दिग्भ्रमित न हो. इस कारण सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से हम लोग सही सूचनाएं पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. कांग्रेस में सोशल मीडिया को लेकर काफी काम किया जा रहा है.

एक नजर छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया में आए मामले

  • लॉकडाउन के दौरान बिना मास्क के बाहर घूम रहे मेयर एजाज ढेबर के भतीजे का पुलिस से बहस का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें मेयर के भतीजे को चालान भरना पड़ा था.
  • जून 2020 में उरला टीआई नितिन उपाध्याय ने एक किशोर की उसकी मां के सामने बेरहमी से पिटाई की थी. मामले में टीआई हुए थे लाइन अटैच.
  • पिछले साल सीएम के सरकारी हेलीकॉप्टर में प्री वेडिंग शूट का फोटो वायरल हुआ था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ. हालांकि बाद में सीएम ने दोनों नव जोड़ों को समझाइश देते हुए छोड़ दिया था.
  • कबीर नगर का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को बेरहमी से पीटा था. इस मामले में पुलिस ने आरोपी पर कर्रवाई की थी.
  • समता कॉलोनी में एक युवक का चाकू लहराते हुए वीडियो वारयल हुआ था. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार किया.
  • हाल ही में सूरजपुर कलेक्टर का एक युवक को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद कलेक्टर को तत्काल हटा दिया गया था.
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