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रक्षा डिजाइन व नवाचार का भविष्य बिजली और लघुरूपण में है: सेना प्रमुख

थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे (Chief of Army Staff General MM Naravane) ने शनिवार को कहा कि जहां तक रक्षा और एयरोस्पेस में डिजाइन और नवोन्मेष (design and innovation) के भविष्य का सवाल है तो यह बिजली और लघुरूपण में ही है.

Chief of Army Staff General MM Naravane
थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे
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Published : Feb 26, 2022, 5:17 PM IST

Updated : Feb 26, 2022, 6:15 PM IST

अहमदाबाद: सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Chief of Army Staff General MM Naravane) ने कहा कि जीवाश्म ईधन पर से निर्भरता को कम करने के लिए बिजली आधारित चीजों की जरूरत है. नरवणे ने कहा कि पोत और विमान को आवश्यकता के मुताबिक छोटे होने की जरूरत है जिसमें सभी आवश्यक उपकरण लगे हो. शहर के कर्णावती विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अहमदाबाद डिजाइन वीक को संबोधित करते हुए नरवणे ने ये बातें कही.

उन्होंने कहा कि जहां तक रक्षा और एयरोस्पेस के संदर्भ में डिजाइन और नवोन्मेष के भविष्य को लेकर सवाल है, तो इसमें मुझे लगता है कि दो चीजें है जिनपर हमें ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. एक है, बिजली के क्षेत्र का भविष्य. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन के अलावा केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से इलेक्ट्रिक आधारित चीजों की जरूरत को लेकर खाका दिया है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भर नहीं हो. नरवणे ने कहा कि हमारे पास अग्रिम इलाकों में लगे हजारों की संख्या में जेनरेटर हैं क्योंकि वहां बिजली की आपूर्ति नहीं है. इन जेरनरेट को चलाने के लिए ईंधन की जरूरत होती है और इन्हें ढोने के लिए वाहन की और इस पर लागत आती है.

यह भी पढ़ें- Gandhinagar DefExpo 2022: सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने तैयारियों की समीक्षा की

उन्होंने कहा कि अग्रिम इलाकों पर एक यूनिट बिजली उत्पादन पर 15 गुणा अधिक खर्च होता है. क्या हम कोई पहल कर सकते हैं जिससे हम अग्रिम इलाकों में बिजली उत्पादन कर सकें और जीवश्म ईंधन पर निर्भर नहीं हो. उन्होंने कहा कि भविष्य लघुरूपण का हैं. हमारे पोत और विमानों को हमारी जरूरत के मुताबिक छोटे करने की जरूरत है. इन छोटे स्थान में हमें और विशेषताओं को जोड़ने की आवश्यकता है. इसलिए लघुरूपण भी एक क्षेत्र है जिसमें हमें आगे बढ़ने की जरूरत है.

(पीटीआई-भाषा)

अहमदाबाद: सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Chief of Army Staff General MM Naravane) ने कहा कि जीवाश्म ईधन पर से निर्भरता को कम करने के लिए बिजली आधारित चीजों की जरूरत है. नरवणे ने कहा कि पोत और विमान को आवश्यकता के मुताबिक छोटे होने की जरूरत है जिसमें सभी आवश्यक उपकरण लगे हो. शहर के कर्णावती विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अहमदाबाद डिजाइन वीक को संबोधित करते हुए नरवणे ने ये बातें कही.

उन्होंने कहा कि जहां तक रक्षा और एयरोस्पेस के संदर्भ में डिजाइन और नवोन्मेष के भविष्य को लेकर सवाल है, तो इसमें मुझे लगता है कि दो चीजें है जिनपर हमें ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. एक है, बिजली के क्षेत्र का भविष्य. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन के अलावा केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से इलेक्ट्रिक आधारित चीजों की जरूरत को लेकर खाका दिया है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भर नहीं हो. नरवणे ने कहा कि हमारे पास अग्रिम इलाकों में लगे हजारों की संख्या में जेनरेटर हैं क्योंकि वहां बिजली की आपूर्ति नहीं है. इन जेरनरेट को चलाने के लिए ईंधन की जरूरत होती है और इन्हें ढोने के लिए वाहन की और इस पर लागत आती है.

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उन्होंने कहा कि अग्रिम इलाकों पर एक यूनिट बिजली उत्पादन पर 15 गुणा अधिक खर्च होता है. क्या हम कोई पहल कर सकते हैं जिससे हम अग्रिम इलाकों में बिजली उत्पादन कर सकें और जीवश्म ईंधन पर निर्भर नहीं हो. उन्होंने कहा कि भविष्य लघुरूपण का हैं. हमारे पोत और विमानों को हमारी जरूरत के मुताबिक छोटे करने की जरूरत है. इन छोटे स्थान में हमें और विशेषताओं को जोड़ने की आवश्यकता है. इसलिए लघुरूपण भी एक क्षेत्र है जिसमें हमें आगे बढ़ने की जरूरत है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 26, 2022, 6:15 PM IST
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