सूरत: गुजरात में बुलेट ट्रेन परियोजना पर बुलेट की गति से काम चल रहा है. हाल ही में मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की ओर से जानकारी दी गई कि वलसाड जिले में पार नदी पर बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत पहला पुल तैयार किया जा रहा है. इस नदी की चौड़ाई 320 मीटर है. इसमें 8 फुल स्पैन गर्डर्स हैं. खंभों की ऊंचाई 14.9 से 20.9 मीटर है. गोलाकार खंभे 4-5 मीटर व्यास के हैं. नर्मदा, ताप्ती, मही और साबरमती जैसी महत्वपूर्ण नदियों पर पुल निर्माण का काम चल रहा है.
गुजरात के 8 जिलों से गुजरने वाले डीएनएच (DNH) के पूरे 352 किलोमीटर संरेखण के लिए सिविल, पुल और वायडक्ट्स, पुलों, स्टेशनों और पटरियों के ट्रैक निर्माण के लिए 100 प्रतिशत कॉन्ट्रैक्ट दिए गए हैं. सूरत और आनंद एचएसआर स्टेशनों पर 50-50 मीटर का पहला रेल लेवल स्लैब बिछाया गया है. 27.6 किमी वायडक्ट पूरा हो चुका है.
इसमें वडोदरा के पास 6.28 किमी और 21.32 किमी का निर्माण अलग-अलग जगहों पर किया गया है. वापी से साबरमती तक 8 एचएसआर स्टेशनों पर काम की स्थिति विभिन्न चरणों में है. इस बीच 240.37 किमी की लंबाई में पाइल्स को बिछाया गया है. 158.89 किमी से अधिक फाउन्डेशन और 137.89 किमी में पियर्स का निर्माण किया गया है. गर्डर कास्टिंग - 1175 गर्डरों की संख्या 47 किमी तक जोड़ी गई. नर्मदा, ताप्ती, मही और साबरमती जैसी महत्वपूर्ण नदियों पर पुल का काम चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना बुलेट ट्रेन की रफ्तार से चल रही है. सूरत जिले से 48 किमी रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन का काम रफ्तार से आगे बढ रहा है. सूरत जिले के आंत्रोली गांव में जो स्टेशन तैयार किया जा रहा है वह पूरी तरह से इको फ्रेंडली है. सूरत बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बुलेट ट्रेन के लिए इस्तेमाल होने वाले स्टील की आपूर्ति एएमएनएस इंडिया, आर्सेलर मित्तल की हजीरा, सूरत स्थित शाखा द्वारा की जाएगी.