नई दिल्ली : तमिलनाडु के तंजावुर में छात्रा आत्महत्या (Thanjavur student suicide CBI fir) मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. मामला धार्मिक उत्पीड़न का है. जानकारी के मुताबिक लावण्या के रूप में जानी जा रही 17 वर्षीय छात्रा को कथित तौर पर उसके स्कूल द्वारा ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था.
दरअसल, छात्रावास में रह रही इस छात्रा को धर्म परिवर्तन करके ईसाई धर्म अपनाने के लिए कथित रूप से बाध्य किया गया था. इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हुआ था. बहरहाल, स्कूल प्रबंधन ने आरोपों को खारिज करते हुए इस मामले में निहित स्वार्थ वाले तत्वों को दोषी ठहराया है. इस मामले में पीड़िता के पिता ने पहले सीबी-सीआईडी (अपराध शाखा- अपराध जांच विभाग) से जांच कराए जाने की मांग की थी लेकिन अंतिम सुनवाई के दौरान उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की.
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को तंजावुर में 17 वर्षीय किशोरी की कथित आत्महत्या के मामले की जांच करने की सोमवार को अनुमति दे दी (SC allows CBI to probe death of 17-year-old girl in Thanjavur). सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की याचिका पर नोटिस जारी किया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने स्वयं एक रुख अपनाया है. इसलिए राज्य पुलिस इस मामले की जांच जारी नहीं रख सकती. अदालत सीबीआई निदेशक को निर्देश देती है कि तंजावुर छात्रा आत्महत्या मामले की जांच तमिलनाडु पुलिस से अपने हाथ में लें और एक अधिकारी नियुक्त करें. कोर्ट ने कहा, सीबीआई स्वतंत्र जांच करेगी और इस आदेश में की गई किसी भी टिप्पणी को ध्यान में नहीं रखेगी.