सागर। वृंदावन के मंदिरों की तर्ज पर सराफा के मंदिर में गर्मी के मौसम में फूल बंगला सजाया जाता है. फूल बंगला सजाने के लिए वृंदावन से फूल मंगाए जाते हैं. वृंदावन के ही कारीगर आकर बंगला तैयार करते हैं. इसमें शाम के समय ठाकुर जी को बिठाया जाता है और फिर उन्हें ठंडे पदार्थों का भोग भी लगाया जाता है.
100 साल पुरानी परंपरा : सागर के सराफा बाजार बड़ा बाजार इलाके में स्थित द्वारकाधीश मंदिर के पुजारी गिरी दास व्यास बताते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर फूल बंगला उत्सव का आयोजन किया गया है. दरअसल, ठाकुर जी गर्मी से परेशान रहते हैं. उनको ठंडक मिले, इसलिए फूलों का बंगला सजाते हैं. ये 100 साल पुरानी परंपरा है. हमारी चार पीढ़ियां ठाकुर जी की सेवा करती आ रही है. सबसे पहले चंद्रशेखर व्यास, फिर लक्ष्मी गोपाल व्यास और गोपी महाराज के बाद अब हमारी पीढ़ी ये परंपरा निभा रही है. पुजारी बताते हैं कि फूल बंगला बनाने के लिए हम वृंदावन से फूल मंगाते हैं और वृंदावन के ही कारीगर फूल बंगला सजाते हैं. इस बार फूल बंगला बनने के लिए करीब एक क्विंटल बेला के फूल मंगाए गए हैं। इसके अलावा तरह-तरह के फूल हैं.
ठाकुर जी को गर्मी से मिलती है निजात : द्वारकाधीश मंदिर में व्यवस्था संभालने वाले शरद सोनी बताते हैं कि फूल बंगला ठाकुर जी के सुख के लिए सजाया जाता है. गर्मी के मौसम में ठाकुर जी को जो पीड़ा होती है,उस से निजात दिलाने के लिए वृंदावन में रोज शाम को ठाकुर जी को फूल बंगले में बिठाया जाता है. लेकिन हमारे यहां फूलों की उपलब्धता कम होने के कारण गर्मी के मौसम में फूल बंगला सजाते हैं. फूल बंगला सजाने के लिए वृंदावन के कारीगर बुलाए जाते हैं और फूल भी वहीं से आते हैं. इसके बाद ठाकुर जी के लिए ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है. (Flower bungalow in Dwarkadhish temple Sagar) (100 year old tradition Dwarkadhish temple)