मुंबई: शिवसेना (ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने उद्धव ठाकरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लगाए आरोपों पर पलटवार किया है. संजय राउत ने कहा है कि अमित शाह द्वारा पूछे गए सवाल पर बीजेपी को विचार करना चाहिए. अमित शाह का ध्यान केवल चुनाव पर है. लोगों को शाह से ज्यादा ठाकरे पर भरोसा है. उनके साथ कौन है? शिवसेना और अकाली दल ने उनका साथ छोड़ दिया है. उन्हें पता चल जाएगा कि 2024 के बाद कौन उनके साथ है. वे भाजपा द्वारा बनाए गए चक्रव्यूह में फंस गए हैं. महाराष्ट्र आकर यहां ठाकरे की बात करने के बजाय शाह को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि मणिपुर में क्या हो रहा है?
उन्होंने कहा कि अगर शाह गुजरात के इतने बड़े लौह पुरुष हैं तो मणिपुर में अभी तक हिंसा क्यों नहीं रुकी? महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में दंगे हो रहे हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अमित शाह ने कानून व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. कश्मीर में हिन्दू क्यों मारे जा रहे हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? संजय राउत ने कहा कि अमित शाह के पूछे चार सवालों पर भारतीय जनता पार्टी को खुद इस बारे में सोचना चाहिए.
संजय राउत ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण पर हमारी स्थिति यह है कि किसी को भी जाति धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. हम पहले ही तीन तलाक का समर्थन कर चुके हैं. शिवसेना हमेशा राष्ट्रहित में आगे रही है. आज बेमन मुख्यमंत्री पद पर बैठे हैं. हालांकि, ढाई साल पहले शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया था. तो अब क्या हुआ? ऐसा सवाल पूछकर उन्होंने संकेत दिया कि यह धमकी बीजेपी ने ही दी है.
शिवसेना (ठाकरे गुट) असली शेर
नांदेड़ में एक बैठक में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाविकास अघाड़ी की आलोचना की थी. फडणवीस ने कहा था कि जंगल के जितने भी जानवर आ जाएं, बाघ का शिकार नहीं हो सकता. राउत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि शिवसेना असली शेर है. शिव सेना का प्रतीक चिन्ह है टाइगर. राउत ने यह भी कहा है कि जो लोग नकली बाघ की खाल पहनकर शिकार करने आते हैं. असली बाघ आने पर खाल उतार कर भाग जाते हैं, वही शिकार होते हैं. राउत ने यह भी कहा है कि किसने और किसे धमकी दी आज की सरकार इसका ज्वलंत उदाहरण है. राउत ने कहा कि वे खुद स्वीकार कर रहे हैं कि धमकी किसने दी? अन्य दलों को शिवसेना में की गई किसी भी नियुक्ति के बारे में बात नहीं करनी चाहिए. संजय राउत ने इस बात की भी आलोचना की है कि शिवसेना से अलग हुए गुट को अब बीजेपी की गोद में डाल दिया गया है.
हमें खुशी है कि सुप्रिया सुले कार्यकारी अध्यक्ष बनी-राउत
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पार्टी में कुछ बदलाव किए हैं. इस बदलाव पर बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि एनसीपी एक स्वतंत्र पार्टी है. शरद पवार ने पार्टी का पुनर्गठन किया है. प्रत्येक पार्टी ऐसी प्रणाली को डिजाइन कर रही है. अगर वह ऐसा करते हैं तो यह उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है. रोटी पलटने का तरीका सब पार्टियां बदल रही हैं, उससे कुछ भी कहो.
शरद पवार अनुभवी नेता
राउत ने कहा कि शरद पवार देश के वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. अगर उन्होंने कुछ पार्टियों के संबंध में निर्णय लिए हैं तो निश्चित तौर पर भविष्य को ध्यान में रखते हुए अनुभव के आधार पर निर्णय लिए हैं. उस फैसले के परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे. हम निश्चित रूप से खुश हैं कि सुप्रिया सुले पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष बन गई हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार का बड़ा मुकाम है.