पटनाः दरभंगा पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) मामले में गिरफ्तार इमरान और नासिर (Imran And Nasir) को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. इन दोनों आतंकियों की पेशी पटना स्थित एनआईए कोर्ट (NIA Court) में होगी. उम्मीद जताई जा रही है कि एनआईए फिर एक बार दोनों आतंकियों से पूछताछ के लिए 7 दिनों के लिए रिमांड की मांग कर सकती है.
दरभंगा स्टेशन पर पार्सल धमाका मामले में इमरान और नासिर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों आतंकियों की पटना एनआईए कोर्ट में 9 जुलाई को पेशी हुई थी, जिसमें एनआईए ने दोनों को 10 दिनों की रिमांड पर लेने की मांग की थी. इस मांग पर विचार करते हुए कोर्ट ने 8 दिनों की रिमांड पर सौंपा था.
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बता दें कि कोर्ट से रिमांड की अनुमति मिलने के बाद एनआईए ने दोनों को दिल्ली लेकर गई थी, जहां इनसे काफी लंबी पूछताछ की गई. इस बीच एनआईए की सात सदस्यीय टीम दरभंगा पहुंचकर जांच की थी. इस मामले में अब तक 17 लोगों का बयान दर्ज किया जा चुका है. इसका दस्तावेज भी एनआईए कोर्ट को सौंपेगी.
इधर, इसी मामले में यूपी के शामली से गिरफ्तार कफील और सलीम को 23 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश कोर्ट दे चुका है. वे दोनों फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं. वहीं तबीयत खराब होने के कारण सलीम का इलाज भी किया जा रहा है.
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गौरतलब है कि एनआईए ने नासिर मलिक और इमरान मलिक को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. दोनों सगे भाई हैं. पूर्व में ये दोनों सिमी के लिए काम कर चुके हैं. इसके लिए करोड़ों की फंडिंग आईएसआईएस (ISIS) द्वारा की गई थी. इस मामले में शामली के कुछ नामी लेडीज सूट कारोबारी NIA के रडार पर हैं.
इधर, रडार पर आए लेडीज सूट कारोबारी कासिम उर्फ कफील और सलीम उर्फ टुइया से NIA और ATS की टीम ने पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान कासिम और सलीम ने कई खुलासे किए थे. जानकारी के अनुसार, कैराना से गिरफ्तार सलीम पाकिस्तान के इकबाल काना के संपर्क में था. सूत्र बताते हैं कि दरभंगा ब्लास्ट कराने की जिम्मेदारी आईएसआईएस (ISIS) से सलीम को मिली थी.
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बता दें कि 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के क्रम में ब्लास्ट हो गया था. इसके बाद से ही हमले के आतंकी कनेक्शन को खंगाले जाने लगे थे. अब तक इस मामले में यूपी एटीएस ने शामली से दो संदिग्ध (पिता-पुत्र) को गिरफ्तार किया था. वहीं, आईएसआईएस के लिए काम करने वाले एक शख्स को तेलंगाना एटीएस ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.