नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सवालों को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण भारत के 130 करोड़ भारतीयों की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित करता है. विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा. इस दौरान पीएम ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार किसानों का सम्मान करती है. इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, सदन में महिलाओं के महत्व पर भी बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है. जानिए प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें...
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जिन संस्कारों में हम पले-बढ़े हैं, वो हैं- सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया. कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है.
कृषि क्षेत्र पर चर्चा
- कृषि क्षेत्र को कठिन चुनौतियों से बाहर लाने के लिए हमें प्रयास करना ही होगा. इसके लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है.
विपक्ष पर वार
- पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा, कांग्रेस कंफ्यूजड पार्टी है. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी विभाजित और भ्रमित है. न तो यह अपने भले के लिए काम कर सकती है और न ही देश के मुद्दों को हल करने के बारे में सोच सकती है. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है?
महिलाओं के महत्व पर बात
- उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण के दौरान बड़ी संख्या में महिला सांसद मौजूद रहीं. यह एक महान संकेत है. मैं उन महिला सांसदों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने सदन की कार्यवाही को अपने विचारों से समृद्ध किया है.
देश की प्रगति के लिए कुछ कानून जरूरी
- पीएम मोदी ने कहा, मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों. दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया.
किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है
- लोक सभा में पीएम मोदी ने कहा, भारत में कृषि समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है. हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं. हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है.
किसानों को बना रहे ताकतवर
- पीएम मोदी ने कहा, किसानों के लिए 10,000 FPOs बनाने का काम किया गया. ये छोटे किसानों के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाले हैं. महाराष्ट्र में FPOs बनाने का विशेष प्रयोग हुआ है.
आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बीच फर्क
- पीएम ने कहा कि किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है?
विपक्ष पर दिया ये तर्क
- लोक सभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने भोजपुरी में कहा, ना खेलब ना खेलन देब, खेलबे बिगाड़ब.
एमएसपी की खरीद बढ़ी
- कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ, ये सच्चाई है. इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है.