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तेलंगाना: गोलकोंडा आर्टिलरी सेंटर में शुरू हुआ 2,265 अग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण - Golconda Artillery Center

तेलंगाना में हैदराबाद के गोलकोंडा स्थित आर्टिलरी सेंटर में अग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू हो गया है. यहां पर पहले बैच की ट्रेनिंग 2 जनवरी से शुरू हुई है और यह 8 माह तक चलेगी.

Training of first batch of Agniveers
अग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण
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Published : Jan 10, 2023, 3:44 PM IST

हैदराबाद: केंद्र सरकार की नई शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत चयनित अग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण हैदराबाद के गोलकोंडा स्थित आर्टिलरी सेंटर में शुरू हो गया है. यहां देश की सुरक्षा के अहम एजेंट के तौर पर युवाओं को तराशा जा रहा है. इस साल सेना में जहां 40 हजार फायरमैन की भर्ती की जाएगी, उनमें से ज्यादातर की ट्रेनिंग हैदराबाद में होगी. पहले बैच की ट्रेनिंग 2 जनवरी से शुरू हुई थी और 8 महीने तक चलेगी.

इसी पृष्ठभूमि में सोमवार को अग्निवीरों के प्रशिक्षण के तरीके और केंद्र की प्रशिक्षण सुविधाएं मीडिया को दिखाई गईं. उल्लेखनीय है कि इस बैच के अधिकांश फायरमैन, जो देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ तेलुगु राज्यों से भी चुने गए थे, किसान परिवारों से हैं. इस मौके पर आर्टिलरी सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव चौहान ने कहा, 'पहले बैच में 2,265 अग्निवीरों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है. हमने बहुत बेहतर तरीके से व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से प्रासंगिक कार्यक्रम तैयार किए हैं.'

आगे उन्होंने कहा, 'पहले 10 सप्ताह में शारीरिक व्यायाम, अभ्यास, बुनियादी हथियारों का प्रशिक्षण और फिर उन्नत सैन्य प्रशिक्षण शामिल होता है. अन्य 3,300 लोगों के लिए प्रशिक्षण का दूसरा बैच इसी सेंटर में मार्च में शुरू होगा. यह देश में अग्निवीरों के लिए सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्रों में से एक है. यहां प्रशिक्षण पूरा करने के बाद विभिन्न इकाइयों में तीन साल से अधिक समय तक काम करना पड़ता है. सैन्य भर्ती में रिक्तियों के आधार पर प्रतिभा दिखाने वालों में से 25 प्रतिशत को सेना में भर्ती किया जाएगा.'

उन्होंने कहा, 'अतीत में सैनिकों को जो प्रशिक्षण दिया जाता था, उसके विपरीत अब हम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं. हम उन्हें अंग्रेजी भाषा का मास्टर बना रहे हैं. हम मानसिक और शारीरिक रूप से तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा हम खेल और शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं.' इस दौरान वहां मौजूद एक अग्निवीर ने कहा, 'मैं श्रीकाकुलम जिले के ज़िलेदुवलसा के एक किसान परिवार से हूं. बीएससी तक पढ़ाई की है. 2019 से सेना में भर्ती होने की कोशिश कर रहा हूं.'

पढ़ें: 15 जनवरी को होगी अग्निवीर भर्ती की लिखित परीक्षा, बिना मास्क लगाए एंट्री नहीं

अग्निवीर ने कहा, 'उस समय मैं अलग-अलग कारणों से रैली में नहीं आ सका था. मुझे पिछले साल आयोजित नए अग्निपथ के लिए आयोजित परीक्षा में प्रशिक्षण के लिए चुना गया था. सेना में भर्ती होने का मेरा बचपन का सपना सच हो गया. वर्तमान में हम हथियार प्रशिक्षण में विशेषज्ञता हासिल करना सीख रहे हैं.'

हैदराबाद: केंद्र सरकार की नई शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत चयनित अग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण हैदराबाद के गोलकोंडा स्थित आर्टिलरी सेंटर में शुरू हो गया है. यहां देश की सुरक्षा के अहम एजेंट के तौर पर युवाओं को तराशा जा रहा है. इस साल सेना में जहां 40 हजार फायरमैन की भर्ती की जाएगी, उनमें से ज्यादातर की ट्रेनिंग हैदराबाद में होगी. पहले बैच की ट्रेनिंग 2 जनवरी से शुरू हुई थी और 8 महीने तक चलेगी.

इसी पृष्ठभूमि में सोमवार को अग्निवीरों के प्रशिक्षण के तरीके और केंद्र की प्रशिक्षण सुविधाएं मीडिया को दिखाई गईं. उल्लेखनीय है कि इस बैच के अधिकांश फायरमैन, जो देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ तेलुगु राज्यों से भी चुने गए थे, किसान परिवारों से हैं. इस मौके पर आर्टिलरी सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव चौहान ने कहा, 'पहले बैच में 2,265 अग्निवीरों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है. हमने बहुत बेहतर तरीके से व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से प्रासंगिक कार्यक्रम तैयार किए हैं.'

आगे उन्होंने कहा, 'पहले 10 सप्ताह में शारीरिक व्यायाम, अभ्यास, बुनियादी हथियारों का प्रशिक्षण और फिर उन्नत सैन्य प्रशिक्षण शामिल होता है. अन्य 3,300 लोगों के लिए प्रशिक्षण का दूसरा बैच इसी सेंटर में मार्च में शुरू होगा. यह देश में अग्निवीरों के लिए सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्रों में से एक है. यहां प्रशिक्षण पूरा करने के बाद विभिन्न इकाइयों में तीन साल से अधिक समय तक काम करना पड़ता है. सैन्य भर्ती में रिक्तियों के आधार पर प्रतिभा दिखाने वालों में से 25 प्रतिशत को सेना में भर्ती किया जाएगा.'

उन्होंने कहा, 'अतीत में सैनिकों को जो प्रशिक्षण दिया जाता था, उसके विपरीत अब हम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं. हम उन्हें अंग्रेजी भाषा का मास्टर बना रहे हैं. हम मानसिक और शारीरिक रूप से तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा हम खेल और शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं.' इस दौरान वहां मौजूद एक अग्निवीर ने कहा, 'मैं श्रीकाकुलम जिले के ज़िलेदुवलसा के एक किसान परिवार से हूं. बीएससी तक पढ़ाई की है. 2019 से सेना में भर्ती होने की कोशिश कर रहा हूं.'

पढ़ें: 15 जनवरी को होगी अग्निवीर भर्ती की लिखित परीक्षा, बिना मास्क लगाए एंट्री नहीं

अग्निवीर ने कहा, 'उस समय मैं अलग-अलग कारणों से रैली में नहीं आ सका था. मुझे पिछले साल आयोजित नए अग्निपथ के लिए आयोजित परीक्षा में प्रशिक्षण के लिए चुना गया था. सेना में भर्ती होने का मेरा बचपन का सपना सच हो गया. वर्तमान में हम हथियार प्रशिक्षण में विशेषज्ञता हासिल करना सीख रहे हैं.'

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