हैदराबाद : चॉकलेट खाने के बाद छात्रों के द्वारा अजीब व्यवहार किए जाने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. इस सिलसिले में एसओटी और कोथूर पुलिस ने संयुक्त रूप से रंगारेड्डी जिले के कोथुर औद्योगिक क्षेत्र में तीन दुकानों की तलाशी ली. इस दौरान पुलिस ने गांजे से बनी 8 किलोग्राम चॉकलेट के 42 पैकेट और तीन सेल फोन जब्त किए. मामले में ओडिशा के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस संबंध में शमशाबाद के डीसीपी नारायण रेड्डी ने बताया कि कोथुर सरकारी स्कूल के पास दुकानों में बिकने वाली चॉकलेट खाने वाले छात्र अजीब व्यवहार कर रहे थे. इनमें जो छात्र नियमित रूप से स्कूल के पास पान के डिब्बे से चॉकलेट खरीदते और खाते थे वे नशे का शिकार हो रहे थे. शिक्षकों ने देखा था कि उत्तर भारत के कई राज्यों के छात्र चॉकलेट खाने के बाद कुछ दिनों से अजीब व्यवहार कर रहे थे. इस पर मामले की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दी गई और एसओटी और स्थानीय पुलिस ने छापेमारी कर चॉकलेट जब्त कर ली. इसी के मद्देनजर आबकारी अधिकारियों ने भी स्कूल का दौरा किया और प्रधानाध्यापक से जानकारी जुटाई.
बताया जाता है कि मुख्य आरोपी धीरेंद्र बेहरा शुरू में ओडिशा से गांजा चॉकलेट लाने और पैसे की उम्मीद में कई स्थानीय दुकानों को बेच देता था. डीसीपी ने कहा कि वे जानकार लोगों को चारमीनार गोल्ड के नाम पर कैनबिस चॉकलेट बेच रहे हैं. वहीं जब्त की गई चॉकलेट की कीमत करीब 1 लाख 30 हजार रुपये है. चूंकि पुलिस का ध्यान नशीली दवाओं की तस्करी पर अंकुश लगाने पर है, इसलिए पुलिस का मानना है कि तस्करों ने पैसा कमाने के लिए गांजे को चॉकलेट में बदल दिया. डीसीपी नारायण रेड्डी ने किसी को भी ऐसी चॉकलेट बेचने के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है. वहीं पुलिस ने साफ कर दिया है कि पूछताछ में आरोपियों से और जानकारी मिलने के बाद वह नशीली चॉकलेट के सप्लायरों को गिरफ्तार करेगी.
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