हैदराबाद: तेलंगाना के वारंगल में एक मेडिकल छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में सोमवार को उसके शव का अंतिम संस्कार किया. बता दें कि मेडिकल छात्रा का इलाज हैदराबाद के NIMS में किया जा रहा था, जहां उसकी मौत हो गई थी. वहीं दूसरी ओर छात्रा की मौत के बाद राज्य सरकार ने दुख व्यक्त किया है और उसके परिजनों को 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है. बता दें कि छात्रा का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह हैदराबाद से जनगामा जिले में उसके पैतृक गांव गिरनिटांडा ले जाया गया था.
घर में मृत छात्रा का शव देखकर परिजन और वहां मौजूद लोग फूट-फूटकर रोने लगे. आस-पास के लोग जो उसके अंतिम दर्शन के लिए आए थे, उनकी आंखें भी उसके शव को देखकर नम हो गई थीं. दोपहर बाद छात्रा के शव को ट्रैक्टर से उसके घर के पास माता-पिता के खेत में ले जाया गया, जहां उसे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. NIMS अस्पताल में रविवार की रात छात्रा की मौत की जानकारी डॉक्टरों द्वारा दिए जाने के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल है.
मृत छात्रा के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, आदिवासी संघों और विपक्षी नेताओं ने इस मामले को लेकर धरना दिया. पुलिस ने उन्हें जबरन बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए छात्रा का शव ले गई. सुबह सुरक्षा के बीच मृत छात्रा का शव परिजनों को सौंप दिया गया. इसके बाद उसके शव को जनगामा जिले के कोडाकांडला मंडल के गिरनी थंडा लाया गया. अंतिम यात्रा में ग्रामीणों के साथ-साथ मित्रों, राजनेताओं और आदिवासी नेताओं ने भी भाग लिया.
इस दौरान छात्रा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी प्रीति ने आत्महत्या नहीं की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि यह हत्या है. उन्होंने अपनी बेटी की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि मेरी बेटी को किसी ने इंजेक्शन लगाया था और पुलिस से इसकी जांच करने की अपील की है. उन्होंने एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी को निलंबित करने और सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है.