हैदराबाद : दो साल से अधिक समय से आयुष्मान भारत योजना को खारिज करने के बाद तेलंगाना सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि उसने केंद्र के कार्यक्रम के साथ राज्य की आरोग्यश्री योजना में सामंजस्य बिठाने का फैसला किया.
मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने दोनों को मिलाने का फैसला लिया है.
प्रधानमंत्री ने बुधवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित कर विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जल जीवन मिशन आदि की प्रगति की समीक्षा की.
तेलंगाना सरकार ने कहा कि मिशन भागीरथ के माध्यम से इसने सभी घरों में सुरक्षित नल का जल उपलब्ध कराया है. केंद्र ने माना है कि तेलंगाना में 98.5 प्रतिशत घरों को स्वच्छ पेयजल दिया जा रहा है.
राज्य सरकार का यह फैसला एक आश्चर्य के रूप में आया है, क्योंकि कहा जा रहा था कि आरोग्यश्री योजना आयुष्मान भारत से व्यापक और बेहतर है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आयुष्मान भारत को लागू नहीं करने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार की आलोचना कर रही थी.
भाजपा नेताओं ने हाल ही में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनावों में यह मुद्दा उठाया था. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेलंगाना के लोगों को आयुष्मान भारत के लाभों से वंचित करने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा था, जो 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है.
गरीबों के लिए आरोग्यश्री चिकित्सा स्वास्थ्य कवर योजना के पक्ष में आयुष्मान भारत को खारिज करते हुए चंद्रशेखर राव ने पिछले साल विधानसभा में कहा था कि राज्य सरकार उन केंद्रीय योजनाओं पर जनता का पैसा बर्बाद करने में दिलचस्पी नहीं ले रही है जो जनता के लिए फायदेमंद नहीं है.
पढ़ें :- स्वास्थ्य क्षेत्र ने 2020 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं : केंद्र
राज्य का बजट पेश करते समय केसीआर ने दावा किया था कि आरोग्यश्री ज्यादा फायदेमंद है और आयुष्मान भारत योजना की तुलना में उनकी व्यापक पहुंच है और सरकार 85.34 लाख परिवारों की मदद के लिए एक साल में 1,336 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
उन्होंने कहा था, आयुष्मान भारत के साथ, राज्य के लिए केवल 250 करोड़ रुपये प्रति वर्ष चिकित्सा लाभ प्रदान करना संभव है, जिससे केवल 26 लाख परिवारों को लाभ होता है.
केसीआर ने यह भी दावा किया था कि आरोग्यश्री के माध्यम से राज्य सरकार 25 अलग-अलग अंग प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं से संबंधित सेवाओं का निशुल्क विस्तार कर रही है जो आयुष्मान भारत योजना के तहत उपलब्ध नहीं है.