हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चुनाव के लिए बुधवार को दिल्ली में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. टीआरएस पार्टी की ओर से किसी को न भेजने का भी फैसला लिया गया है. दरअसल ममता से अनुरोध किया गया था कि वह कांग्रेस को बैठक में आमंत्रित नहीं करें. ममता ने उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया, इसी वजह से असंतोष की वजह से ऐसा किया गया है.
केसीआर ने मंगलवार को प्रगति भवन में टीआरएस नेताओं के साथ बैठक की. दिल्ली में विपक्ष की बैठक में शामिल होने या न होने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई. अंत में नहीं जाने का फैसला किया. पता चला है कि केसीआर ने इसके चार मुख्य कारण बताए हैं. इनमें पहला कारण ये है कि पिछले आठ साल से टीआरएस बीजेपी और कांग्रेस से दूर है. दूसरा कारण हाल ही में कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी के तेलंगाना दौरे के दौरान उन्होंने केसीआर की सरकार की जमकर आलोचना की थी. तीसरा कारण बताया जा रहा है कि हुजूराबाद उपचुनाव के दौरान टीआरएस उम्मीदवार को हराने के लिए भाजपा के साथ कांग्रेस का गुप्त गठबंधन किया था, चौथा कारण ममता की बैठक के उचित संचालन का अभाव बताया जा रहा है.
पता चला है कि इन्हीं कारणों से केसीआर ने यह फैसला लिया है. केसीआर के हवाले से कहा गया, 'इस सब को देखते हुए दिल्ली में कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्ष की बैठक में शामिल होना लोगों को गलत संकेत देगा.'
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