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गुम हुआ सितारा : याद है तथागत तुलसी..? जिसने 9 साल में मैट्रिक किया, 22 साल में IIT प्रोफेसर बन गए, अब कर रहे कानूनी लड़ाई की तैयारी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 12, 2023, 6:03 AM IST

Updated : Sep 12, 2023, 6:38 AM IST

बिहार महान विभूतियों की धरती रही है. ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्म के क्षेत्र में महान विभूतियों ने अपने कृत्य से देश का नाम रोशन किया है. तथागत अवतार तुलसी भी एक अवतार हुए और कम उम्र में बड़े-बड़े कारनामे किये. फिलहाल तथागत तुलसी के क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लक्ष्य को ग्रहण लग गया है. अब वह कानूनी लड़ाई की तैयारी में हैं.

तथागत अवतार तुलसी
तथागत अवतार तुलसी
तथागत तुलसी की सरकार और जिम्मेदारों से अपील

पटना : तथागत अवतार तुलसी का नाम 90 के दशक में सुर्खियों में आया था. जिस उम्र में बच्चे तीसरी कक्षा में जाते हैं उसी उम्र में तथागत ने रिकॉर्ड कायम करने का काम किया. मात्र 9 साल की उम्र में बोर्ड की परीक्षा पास की. कम उम्र में बड़े कारनामे को अंजाम देने वाले तथागत अवतार तुलसी ने अपनी प्रतिभा का लोहा देश और दुनिया को मनवाया था. तथागत तुलसी 22 साल की उम्र में आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर हो गए. तुलसी देश के लिए क्वांटम कंप्यूटर बनाना चाहते थे. इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे थे लेकिन सेहत खराब होने की वजह से नियम और कानून आड़े आ गए और शोध पर ब्रेक लग गया.

ये भी पढ़ें- कई वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले 'तथागत तुलसी' हैं परेशान, PM और CM से की ये अपील

'तथागत तुलसी बिहार का गौरव' : आपको बता दें कि तथागत तुलसी के नाम कई कामयाबी दर्ज हैं. 9 साल की उम्र में तथागत ने सीबीएसई से मैट्रिक की परीक्षा पास की. 10 साल में तथागत ने बीएससी की परीक्षा पास कर लिया और 11 साल में एमएससी की परीक्षा भी पास की 21 में वर्ष में पीएचडी और 22 साल में आईआईटी बॉम्बे में सहायक प्राध्यापक हो गए. साल 2010 में तथागत आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर हुए. अगले साल यानी की 2011 में उन्हें तेज बुखार आया और कई तरह की शारीरिक परेशानी होने लगी.

तथागत तुलसी को सम्मानित करते तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी
तथागत तुलसी को सम्मानित करते तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी

स्वास्थ्य कारणों से नौकरी छूटी : तथागत अवतार तुलसी को समंदर की हवा से लगातार परेशानी हो रही थी. तथागत एलर्जी के वजह से कई बीमारियों के चपेट में आ रहे थे. परेशानी बढ़ती देख तथागत ने आईआईटी बॉम्बे से 4 साल की छुट्टी ली. जब 2017 में 4 साल का वक्त पूरा हुआ तो मुंबई नहीं गए. आखिरकार जुलाई 2019 को आईआईटी बॉम्बे ने उन्हें नौकरी से हटा दिया और अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तथागत की अर्जी को ना मंजूर कर दिया.


कौन हैं तथागत अवतार तुलसी : आपको बता दें कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री एसआर बोम्मई के आदेश पर तथागत तुलसी को 9 साल में मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने की इजाजत मिली थी. हालांकि ऐसा करने में सीबीएसई की ओर से बाधा पहुंचाई जा रही थी लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद संभव हो पाया. 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा' गीत में भी तथागत को जगह मिली थी. गीत में सचिन तेंदुलकर, पीटी उषा और राकेश शर्मा जैसे शख्सियत को शामिल किया गया था. झंडा गीत का हिस्सा होने के बाद तथागत तुलसी के मन में देशभक्ति की भावना बलवती हो गई और देश के लिए कुछ बड़ा करने की ठान ली.

तथागत तुलसी को सम्मानित करते नीतीश कुमार
तथागत तुलसी को सम्मानित करते नीतीश कुमार

लालू यादव भी कर चुके हैं सम्मानित : वर्ष 1994 में तथागत अवतार तुलसी को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी सम्मानित किया था. तथागत तुलसी को लालू प्रसाद यादव ने आवास पर बुलाकर भोजन कराया था. साथ ही शाही लीची और शाही आम दिए थे. लालू प्रसाद यादव इनाम के रूप में राशि देने की बात कही तो तथागत ने राशि लेने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा कि मुझे एक कंप्यूटर दे दीजिए. लालू प्रसाद यादव ने उन्हें ₹60000 का कंप्यूटर दिया.


सीएम रहते तथागत को सराहा, पीएम बनते ही भूले : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उस वक्त गुजरात के सीएम के तौर पर 2012 में सूरत में तथागत को सम्मानित भी किया था. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने भी तथागत से मुलाकात कर सराहना की थी. दोनों नेताओं ने तथागत को देश का भविष्य बताया था. तथागत तुलसी का नाम दो बार गिनीज बुक में दर्ज हुआ, लेकिन आज की तारीख में वह गुमनामी के अंधेरे में हैं. अपने क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लक्ष्य को भटकते देख रहे हैं.

'नौकरी नहीं देश के लिए करना चाहते हैं काम' : तथागत तुलसी के पास फिलहाल विकल्प सीमित हैं. कई कंपनियों से उन्हें नौकरी के लिए ऑफर आए हैं. लेकिन वह देश सेवा करना चाहते हैं. अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए तथागत दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है. उनकी नजर में वर्चुअल ट्रांसफर का विकल्प खुला है. सरकार अगर चाहे तो ऐसा कर सकती है. तथागत तुलसी के प्रतिभा को विदेशों में भी ख्याति मिली.

क्वांटम कंप्यूटर पर कर रहे रिसर्च : क्वांटम कंप्यूटर सर्च एल्गोरिदम पर शोध करने वाले महान वैज्ञानिक लव ग्रोवर ने शोध के लिए तथागत तुलसी को अमेरिका बुलवाया था. तथागत वहां 6 महीने तक रहे लेकिन छुट्टी नहीं मिलने के चलते वापस आना पड़ा. तथागत का लव ग्रोवर के साथ रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हुआ. तथागत तुलसी ने देश सेवा की खातिर लाखों की नौकरी का ऑफर भी ठुकराया है. साल 2009 में कनाडा से 24 लाख के पैकेज पर उन्हें ऑफर मिला था. लेकिन उन्होंने ऑफर को और अस्वीकार कर दिया.

तथागत अवतार तुलसी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि ''आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर था. मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. ह्यूमिडिटी की वजह से मुझे एलर्जी हो रही थी और मैं अनिद्रा सहित कई बीमारियों का शिकार हो गया था. मैंने प्रबंधन से दिल्ली तबादला के लिए अनुरोध किया था. लेकिन मुझे वहां से निकाल दिया गया. मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि जब से मैं मुंबई गया तब से मेरे शोध में दिक्कतें आईं.''

''फिलहाल क्वांटम कंप्यूटर रिसर्च कम को आगे बढ़ना चाहता हूं, लेकिन मुंबई में रहकर काम करना मेरे स्वास्थ्य के लिए संभव नहीं है. इस वजह से मैने प्रबंधन से तबादले के लिए अनुरोध किया था. कानूनी अड़चन के चलते मेरा तबादला नहीं हो सका. फिलहाल मैं कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा हूं. मैंने प्रबंधन से वर्चुअल ट्रांसफर का अनुरोध किया था, लेकिन उसे भी नहीं माना गया. मुझे नौकरी से निकाल दिया गया. फिलहाल में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा हूं.''- तथागत तुलसी

तथागत तुलसी की सरकार और जिम्मेदारों से अपील

पटना : तथागत अवतार तुलसी का नाम 90 के दशक में सुर्खियों में आया था. जिस उम्र में बच्चे तीसरी कक्षा में जाते हैं उसी उम्र में तथागत ने रिकॉर्ड कायम करने का काम किया. मात्र 9 साल की उम्र में बोर्ड की परीक्षा पास की. कम उम्र में बड़े कारनामे को अंजाम देने वाले तथागत अवतार तुलसी ने अपनी प्रतिभा का लोहा देश और दुनिया को मनवाया था. तथागत तुलसी 22 साल की उम्र में आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर हो गए. तुलसी देश के लिए क्वांटम कंप्यूटर बनाना चाहते थे. इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे थे लेकिन सेहत खराब होने की वजह से नियम और कानून आड़े आ गए और शोध पर ब्रेक लग गया.

ये भी पढ़ें- कई वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले 'तथागत तुलसी' हैं परेशान, PM और CM से की ये अपील

'तथागत तुलसी बिहार का गौरव' : आपको बता दें कि तथागत तुलसी के नाम कई कामयाबी दर्ज हैं. 9 साल की उम्र में तथागत ने सीबीएसई से मैट्रिक की परीक्षा पास की. 10 साल में तथागत ने बीएससी की परीक्षा पास कर लिया और 11 साल में एमएससी की परीक्षा भी पास की 21 में वर्ष में पीएचडी और 22 साल में आईआईटी बॉम्बे में सहायक प्राध्यापक हो गए. साल 2010 में तथागत आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर हुए. अगले साल यानी की 2011 में उन्हें तेज बुखार आया और कई तरह की शारीरिक परेशानी होने लगी.

तथागत तुलसी को सम्मानित करते तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी
तथागत तुलसी को सम्मानित करते तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी

स्वास्थ्य कारणों से नौकरी छूटी : तथागत अवतार तुलसी को समंदर की हवा से लगातार परेशानी हो रही थी. तथागत एलर्जी के वजह से कई बीमारियों के चपेट में आ रहे थे. परेशानी बढ़ती देख तथागत ने आईआईटी बॉम्बे से 4 साल की छुट्टी ली. जब 2017 में 4 साल का वक्त पूरा हुआ तो मुंबई नहीं गए. आखिरकार जुलाई 2019 को आईआईटी बॉम्बे ने उन्हें नौकरी से हटा दिया और अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तथागत की अर्जी को ना मंजूर कर दिया.


कौन हैं तथागत अवतार तुलसी : आपको बता दें कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री एसआर बोम्मई के आदेश पर तथागत तुलसी को 9 साल में मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने की इजाजत मिली थी. हालांकि ऐसा करने में सीबीएसई की ओर से बाधा पहुंचाई जा रही थी लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद संभव हो पाया. 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा' गीत में भी तथागत को जगह मिली थी. गीत में सचिन तेंदुलकर, पीटी उषा और राकेश शर्मा जैसे शख्सियत को शामिल किया गया था. झंडा गीत का हिस्सा होने के बाद तथागत तुलसी के मन में देशभक्ति की भावना बलवती हो गई और देश के लिए कुछ बड़ा करने की ठान ली.

तथागत तुलसी को सम्मानित करते नीतीश कुमार
तथागत तुलसी को सम्मानित करते नीतीश कुमार

लालू यादव भी कर चुके हैं सम्मानित : वर्ष 1994 में तथागत अवतार तुलसी को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी सम्मानित किया था. तथागत तुलसी को लालू प्रसाद यादव ने आवास पर बुलाकर भोजन कराया था. साथ ही शाही लीची और शाही आम दिए थे. लालू प्रसाद यादव इनाम के रूप में राशि देने की बात कही तो तथागत ने राशि लेने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा कि मुझे एक कंप्यूटर दे दीजिए. लालू प्रसाद यादव ने उन्हें ₹60000 का कंप्यूटर दिया.


सीएम रहते तथागत को सराहा, पीएम बनते ही भूले : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उस वक्त गुजरात के सीएम के तौर पर 2012 में सूरत में तथागत को सम्मानित भी किया था. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने भी तथागत से मुलाकात कर सराहना की थी. दोनों नेताओं ने तथागत को देश का भविष्य बताया था. तथागत तुलसी का नाम दो बार गिनीज बुक में दर्ज हुआ, लेकिन आज की तारीख में वह गुमनामी के अंधेरे में हैं. अपने क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लक्ष्य को भटकते देख रहे हैं.

'नौकरी नहीं देश के लिए करना चाहते हैं काम' : तथागत तुलसी के पास फिलहाल विकल्प सीमित हैं. कई कंपनियों से उन्हें नौकरी के लिए ऑफर आए हैं. लेकिन वह देश सेवा करना चाहते हैं. अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए तथागत दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है. उनकी नजर में वर्चुअल ट्रांसफर का विकल्प खुला है. सरकार अगर चाहे तो ऐसा कर सकती है. तथागत तुलसी के प्रतिभा को विदेशों में भी ख्याति मिली.

क्वांटम कंप्यूटर पर कर रहे रिसर्च : क्वांटम कंप्यूटर सर्च एल्गोरिदम पर शोध करने वाले महान वैज्ञानिक लव ग्रोवर ने शोध के लिए तथागत तुलसी को अमेरिका बुलवाया था. तथागत वहां 6 महीने तक रहे लेकिन छुट्टी नहीं मिलने के चलते वापस आना पड़ा. तथागत का लव ग्रोवर के साथ रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हुआ. तथागत तुलसी ने देश सेवा की खातिर लाखों की नौकरी का ऑफर भी ठुकराया है. साल 2009 में कनाडा से 24 लाख के पैकेज पर उन्हें ऑफर मिला था. लेकिन उन्होंने ऑफर को और अस्वीकार कर दिया.

तथागत अवतार तुलसी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि ''आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर था. मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. ह्यूमिडिटी की वजह से मुझे एलर्जी हो रही थी और मैं अनिद्रा सहित कई बीमारियों का शिकार हो गया था. मैंने प्रबंधन से दिल्ली तबादला के लिए अनुरोध किया था. लेकिन मुझे वहां से निकाल दिया गया. मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि जब से मैं मुंबई गया तब से मेरे शोध में दिक्कतें आईं.''

''फिलहाल क्वांटम कंप्यूटर रिसर्च कम को आगे बढ़ना चाहता हूं, लेकिन मुंबई में रहकर काम करना मेरे स्वास्थ्य के लिए संभव नहीं है. इस वजह से मैने प्रबंधन से तबादले के लिए अनुरोध किया था. कानूनी अड़चन के चलते मेरा तबादला नहीं हो सका. फिलहाल मैं कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा हूं. मैंने प्रबंधन से वर्चुअल ट्रांसफर का अनुरोध किया था, लेकिन उसे भी नहीं माना गया. मुझे नौकरी से निकाल दिया गया. फिलहाल में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा हूं.''- तथागत तुलसी

Last Updated : Sep 12, 2023, 6:38 AM IST
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