नई दिल्ली : टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड (TCL) ने वित्त वर्ष 2006-07 से 2017-18 के दौरान अपनी सकल आय कम दिखाई है जिससे सरकार को लाइसेंस शुल्क के रूप में 645 करोड़ रुपये कम प्राप्त हुए है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि टाटा कम्युनिकेशंस से इस राशि की वसूली की जानी चाहिए.
कैग की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 'एनएलडी (नेशनल लांग डिस्टेंस), आईएलडी (इंटरनेशनल लांग डिस्टेंस) और आईएसपी (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर)-आईटी लाइसेंस के संदर्भ में लाभ-हानि विवरण एवं बहीखाते के संबंध में 2006-07 से 2017-18 के दौरान समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) ब्योरे के ऑडिट से पता चलता है कि 13,252.81 करोड़ रुपये तक का सकल राजस्व कम दिखाया गया. इसके कारण लाइसेंस शुल्क के रूप में 950.25 करोड़ रुपये की कमी आई.'
कैग के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने कंपनी पर केवल 305.25 करोड़ रुपये का ही शुल्क लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'दूरसंचार विभाग के 305.25 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के आकलन को घटाने के बाद भी लाइसेंस शुल्क 645 करोड़ रुपये बचा रह जाता है. कंपनी से इस राशि की वसूली की जानी चाहिए.'
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(पीटीआई-भाषा)