जयपुर. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी जैसी दुर्लभ बीमारी से ग्रसित नागौर के 2 साल के तनिष्क की परबतसर में सोमवार को मौत हो गई. मासूम तनिष्क जन्म से ही स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित था. इलाज के लिए 16 करोड़ का इंजेक्शन चाहिए था, लेकिन राशि का इंतजाम नहीं होने के चलते उसका इलाज नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई. तनिष्क की मौत से नागौर के नड़वा गांव में मातम पसरा हुआ है.
बीते दिनों इसी तरह चूरू जिले का एक बच्चा जमील भी एक रेयर डिजीज से पीड़ित था. तब जमील के परिजनों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से सम्बल पोर्टल बनाया गया और हाई कोर्ट के आदेश पर जमील का इंटरिम ट्रीटमेंट जेके लोन अस्पताल में शुरू हुआ. इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने राजस्थान में एकमात्र जोधपुर एम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेयर डिजीज बनाया, जिसमें कोई भी रेयर डिजीज से पीड़ित मरीज इलाज करा सकता है.
तनिष्क के पिता शैतान सिंह ने हाई कोर्ट में लगाई है याचिका : तनिष्क के पिता शैतान सिंह ने हाई कोर्ट में दूसरे रेयर डिजीज पीड़ित बच्चों के परिजनों के साथ जनवरी 2023 याचिका लगाई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को रेयर डिजीज पीड़ितों का इलाज और दवाइयों की व्यवस्था कराने के लिए बाध्य किया था. इसमें तनिष्क के अलावा 16 साल की प्रिया, 6 साल की आयशा, 1 साल का अर्श, 4 साल का खुशवीर, 5 साल का कुणाल और 13 साल का तनीश का नाम शामिल हैं.
लोकसभा में बेनीवाल उठा चुके हैं इस बीमारी का मुद्दा : बता दें कि 14 दिसंबर 2021 को राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में इस दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का मुद्दा उठाया था. बेनीवाल ने कहा था कि उनके संसदीय क्षेत्र में एक बच्चा इस बीमारी से पीड़ित है. उसके इलाके लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए से अधिक है. उन्होंने लोकसभा में सरकार से मांग की थी कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के फ्री ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाए.