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स्वाद के शौकीनों को लग सकता है झटका, MP के इस जिले में तंदूर पर रोक

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला वासियों को लिए एक बुरी खबर है. खाने के शौकीनों के लिए यह खबर निराश कर सकती है. प्रशासन ने जबलपुर में तंदूर पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. तंदूर पर रोक लगाने वाला जबलपुर एमपी का पहला जिला होगा.

Use of tandoor banned in restaurants
जबलपुर में तंदूर पर रोक
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Published : Feb 3, 2023, 2:57 AM IST

जबलपुर में तंदूर पर रोक

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्वाद के शौकीनों के लिए तंदूर की रोटी का स्वाद कहीं गुजरे जमाने की बात न हो जाए. दरअसल प्रशासन के एक आदेश से होटल मालिकों के साथ-साथ रेस्टोरेंट संचालकों के भी होश उड़े हुए हैं. बढ़ते प्रदूषण का हवाला देकर प्रशासन ने होटल और रेस्टोरेंट में तंदूर पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. इसके अमल के लिए जिले के खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर के 50 होटलों के मालिकों को नोटिस जारी कर लकड़ी और कोयला आधारित तंदूर का उपयोग बंद कर इलेक्ट्रिक या एलपीजी का इस्तेमाल किए जाने के निर्देश दिए हैं.

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तंदूर से फैलता है धुआं: तंदूर से निकलने वाली इन गर्मागर्म रोटियों को देखकर भला किस के मुंह में पानी नहीं आएगा, लेकिन अब स्वाद के शौकीनों को झटका लग सकता है. प्रशासन ने बढ़ते प्रदूषण का हवाला देते हुए होटल और रेस्टोरेंट में चलने वाले तंदूर की भट्टियों पर रोक लगाने का मन बनाया है, इसके तहत जिले के खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर के 50 होटलों को नोटिस जारी कर तंदूर का कम से कम उपयोग करने और उसके बदले एलपीजी आधारित गैस का प्रयोग किए जाने के निर्देश दिए हैं. प्रशासन की मानें तो तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयला और लकड़ी के धुएं से प्रदूषण तो फैलता ही है. साथ ही तंदूर की रोटियों मे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. लिहाजा तंदूर के बजाय अब इलेक्ट्रिक या एलपीजी आधारित गैस का उपयोग किया जाना जरूरी है. खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नियमों का पालन न करने वाले होटल और रेस्टोरेंट मालिकों पर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है.

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एमपी में जबलपुर पहला जिला, जहां तंदूर पर रोक: इधर प्रशासन के इस आदेश को होटल मालिक अव्यावहारिक मान रहे हैं. उनकी माने तो इलेक्ट्रिक और गैस आधारित चूल्हों में तंदूर की रोटियों का वह स्वाद नहीं आएगा, जो तंदूर की भट्टी से निकली रोटियों में आता है. इसके अलावा एलपीजी और इलेक्ट्रिक ओवन के इस्तेमाल से उन्हें आर्थिक रूप से काफी नुकसान भी होगा. प्रशासन ने तंदूर पर रोक लगाने के आदेश के अमल के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीमों को भी मुस्तैद कर दिया है. संभवत मध्यप्रदेश का जबलपुर ऐसा पहला जिला है, जहां तंदूर पर रोक लगाने के साथ ही एलपीजी और इलेक्ट्रिक आधारित गैस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. फिलहाल प्रशासन सख्ती के मूड में नहीं है, यही वजह है कि प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में तंदूर का कम से कम उपयोग का उल्लेख किया गया है. फिलहाल प्रशासन के इस आदेश से होटल और रेस्टोरेंट संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.

जबलपुर में तंदूर पर रोक

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्वाद के शौकीनों के लिए तंदूर की रोटी का स्वाद कहीं गुजरे जमाने की बात न हो जाए. दरअसल प्रशासन के एक आदेश से होटल मालिकों के साथ-साथ रेस्टोरेंट संचालकों के भी होश उड़े हुए हैं. बढ़ते प्रदूषण का हवाला देकर प्रशासन ने होटल और रेस्टोरेंट में तंदूर पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. इसके अमल के लिए जिले के खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर के 50 होटलों के मालिकों को नोटिस जारी कर लकड़ी और कोयला आधारित तंदूर का उपयोग बंद कर इलेक्ट्रिक या एलपीजी का इस्तेमाल किए जाने के निर्देश दिए हैं.

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तंदूर से फैलता है धुआं: तंदूर से निकलने वाली इन गर्मागर्म रोटियों को देखकर भला किस के मुंह में पानी नहीं आएगा, लेकिन अब स्वाद के शौकीनों को झटका लग सकता है. प्रशासन ने बढ़ते प्रदूषण का हवाला देते हुए होटल और रेस्टोरेंट में चलने वाले तंदूर की भट्टियों पर रोक लगाने का मन बनाया है, इसके तहत जिले के खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर के 50 होटलों को नोटिस जारी कर तंदूर का कम से कम उपयोग करने और उसके बदले एलपीजी आधारित गैस का प्रयोग किए जाने के निर्देश दिए हैं. प्रशासन की मानें तो तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयला और लकड़ी के धुएं से प्रदूषण तो फैलता ही है. साथ ही तंदूर की रोटियों मे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. लिहाजा तंदूर के बजाय अब इलेक्ट्रिक या एलपीजी आधारित गैस का उपयोग किया जाना जरूरी है. खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नियमों का पालन न करने वाले होटल और रेस्टोरेंट मालिकों पर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है.

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एमपी में जबलपुर पहला जिला, जहां तंदूर पर रोक: इधर प्रशासन के इस आदेश को होटल मालिक अव्यावहारिक मान रहे हैं. उनकी माने तो इलेक्ट्रिक और गैस आधारित चूल्हों में तंदूर की रोटियों का वह स्वाद नहीं आएगा, जो तंदूर की भट्टी से निकली रोटियों में आता है. इसके अलावा एलपीजी और इलेक्ट्रिक ओवन के इस्तेमाल से उन्हें आर्थिक रूप से काफी नुकसान भी होगा. प्रशासन ने तंदूर पर रोक लगाने के आदेश के अमल के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीमों को भी मुस्तैद कर दिया है. संभवत मध्यप्रदेश का जबलपुर ऐसा पहला जिला है, जहां तंदूर पर रोक लगाने के साथ ही एलपीजी और इलेक्ट्रिक आधारित गैस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. फिलहाल प्रशासन सख्ती के मूड में नहीं है, यही वजह है कि प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में तंदूर का कम से कम उपयोग का उल्लेख किया गया है. फिलहाल प्रशासन के इस आदेश से होटल और रेस्टोरेंट संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.

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