चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए बड़ी घोषणा की है. उन्होंने अंगदान करने वालों को बढ़ावा देने के लिए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराने का फैसला लिया है. उनके इस फैसले की सराहना की गई और तमिलनाडु के लोगों में अंगदान को लेकर सोच में बदलाव आया है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मौत से पहले अंग दान करने वालों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराने का निर्णय लिया है. सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट जारी कर उन्होंने इसकी जानकारी दी. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'तमिलनाडु अंग दान के माध्यम से सैकड़ों मरीजों को जीवन देने वाला देश का अग्रणी राज्य बना हुआ है. यह उपलब्धि उन परिवारों के निस्वार्थ बलिदान से संभव हुआ जो ब्रेन डेड लोगों के अंगों को दान करने का बड़ा फैसला लिया. ऐसे लोग जो कठिन समय में अपने अंग दान कर दूसरों की जान बचाते हैं.' मक्कल काची (पीएमके) के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अंबुमणि रामदास ने भी इस घोषणा की सराहना की. तमिलनाडु के लोग इसका स्वागत कर रहे हैं.
बता दें कि तमिलनाडु हाल ही में राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) से अंग दान को लेकर सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार जीता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2008 में मृतक अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से तमिलनाडु में 1,706 दाता थे. इनमें से कुल 786 हार्ट, 801 फेफड़े, 1566 लिवर, 3047 किडनी, 37 अग्न्याशय, छह छोटी आंत और चार हाथ प्रत्यारोपित किए गए. वर्तमान में तमिलनाडु में 40 सरकारी अस्पताल हैं जिनके पास अंग प्रत्यारोपण को लेकर लाइसेंस हैं.