तंजावुर (तमिलनाडु): जी20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को मध्य दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जाएगा. इस दौरान यहां भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की ओर से नटराज की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी (Nataraja Statue in G20).
दुनिया में नटराज की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक को कुंभकोणम तालुक के स्वामीमलाई में देव सेनापति मूर्तिकला स्टूडियो में बनाया गया है. इसे देव.राधाकृष्णन, देव.पी.कंदन, और देव स्वामीनाथन ने साथियों की मदद से लगभग छह महीने की कड़ी मेहनत से डिजाइन किया.
चूंकि इस प्रतिमा का 75 प्रतिशत काम अब पूरा हो चुका है, इसलिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के प्रोफेसर अचल पंड्या के नेतृत्व में एक टीम, केंद्र के अधिकारी जवाहर प्रसाद और मनोहन दीक्षाथ के साथ स्वामीमलाई से दिल्ली तक वाहन से भारी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से इसे ले जाएंगे.
केंद्र सरकार के अधीन संस्कृति विभाग द्वारा निर्मित यह प्रतिमा चोल शैली में डिज़ाइन की गई है. चूंकि इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति समेत कई महत्वपूर्ण विदेशी नेता हिस्सा लेंगे, इसलिए सुरक्षा कारणों से काम पूरा होने से पहले ही प्रतिमा को दिल्ली ले जाया जा रहा है.
शेष 25 प्रतिशत काम को पूरा करने के लिए, स्वामीमलाई से 15 स्टाफ़फ़िस प्रतिमा को पूरी तरह से डिजाइन करने के लिए दिल्ली जाएंगे.
28 फीट ऊंची है मूर्ति : नटराज की यह विशाल मूर्ति 28 फीट ऊंची, 21 फीट चौड़ी और लगभग 25 टन वजनी है, जो कांसे से बनी है. 10 करोड़ रुपये की कीमत वाली यह मूर्ति दुनिया में नटराज की पहली और सबसे बड़ी कांस्य मूर्ति है.