पेरम्बलुर: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को बदनाम करने के आरोप में तमिलनाडु में एक राजनीतिक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि राजनीतिक कार्यकर्ता बद्री शेषाद्रि ने एक यूट्यूब चैनल पर जस्टिस चंद्रचूड़ को बदनाम करने के काम किया है. पेरम्बलुर जिला पुलिस ने एक वकील की शिकायत पर उन्हें चेन्नई में गिरफ्तार किया है और शेषाद्रि पर 3 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.
पेरम्बलुर जिला पुलिस के मुताबिक राजनीतिक कार्यकर्ता बद्री शेषाद्रि के खिलाफ धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसावे देना), 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक शरारत को बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत केस दर्ज किया गया है. दरअसल, बद्री शेषाद्रि ने एक यूट्यूब चैनल पर दिए इंटरव्यू में कहा कि 'मणिपुर में हत्याएं होंगी, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ क्या कर सकते हैं, उन्हें बंदूक दे दीजिए और मणिपुर भेज दीजिए.'
बद्री शेषाद्रि इस बयान के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, बद्री शेषाद्रि की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने इसकी निंदा की है. अन्नामलाई ने ट्वीट किया कि तमिलनाडु भाजपा आज सुबह तमिलनाडु पुलिस द्वारा प्रसिद्ध प्रकाशक (publisher) और मंच वक्ता बद्री शेषाद्रि की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट द्रमुक सरकार आम लोगों के विचारों को संबोधित करने की शक्ति के बिना केवल गिरफ्तारियों पर भरोसा कर रही है. क्या तमिलनाडु पुलिस का काम केवल भ्रष्ट द्रमुक सरकार के बदले की कार्रवाई को लागू करना है?
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दरअसल, 19 जुलाई को मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. 20 जुलाई को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई घटना अस्वीकार्य है. सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करे. चंद्रचूड़ ने कहा था कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे.