चेन्नई : पूर्व सीएम जे जयललिता की करीबी और अन्नाद्रमुक की पूर्व अंतरिम महासचिव वीके शशिकला (VK Sasikala) से विशेष पुलिस टीम ने गुरुवार को पूछताछ की. आईजी वेस्ट जोन सुधाकरन, एसपी नीलगिरी आशीष रावत, एडीएसपी कृष्णमूर्ति, डीएसपी चंद्रशेखरन की टीम गुरुवार को शशिकला के त्यागराय नगर (टी-नगर) स्थित आवास पर पहुंची और पूछताछ शुरू की. आईजी सुधाकरण सीधे शशिकला से पूछताछ कर रहे हैं. टीम उनसे कोडनाड की संपत्ति, उनके पास मौजूद महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बारे में पूछताछ कर सकती है. इसके मद्देनजर टी नगर के हबीबुल्लाह रोड पर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है.
ये पूछताछ कोडनाड एस्टेट के गार्ड की हत्या और डकैती मामले में हुई. दिवंगत मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक प्रमुख जे. जयललिता और उनकी सहयोगी शशिकला के स्वामित्व में 906 एकड़ की संपत्ति संयुक्त रूप से थी. गार्ड की हत्या और डकैती की घटना 24 अप्रैल, 2017 को जयललिता के निधन और शशिकला की गिरफ्तारी के चार महीने बाद हुई थी.
चार्जशीट के अनुसार, जयललिता के ड्राइवर सी. कनगराज ने कोडनाड एस्टेट को तोड़ने की साजिश रची थी. उसका मानना था कि एस्टेट बंगले में काफी पैसा जमा है. 23 अप्रैल, 2017 को उसके नेतृत्व में दस लोगों के एक गिरोह ने संपत्ति में सेंध लगाई और गार्ड ओम बहादुर की हत्या कर दी, जबकि एक अन्य गार्ड कृष्ण थापा को पीटा गया था और बांध दिया गया था. पुलिस सूत्रों ने कहा कि कनगराज ने एक अन्य आरोपी स्टेन को आश्वस्त किया था कि 200 करोड़ रुपये एस्टेट बंगले में रखे गए थे, लेकिन चोरों को केवल दस घड़ियां और 42,000 रुपये के गैंडे की क्रिस्टल प्रतिकृति ही मिली.
एस्टेट से जुड़े पांच लोगों की हो चुकी है मौत : कोडनाड एस्टेट डकैती के पांच दिन बाद अत्तूर में सलेम-चेन्नई राजमार्ग पर एक सड़क दुर्घटना में कनगराज की मौत हो गई. केरल का एक अन्य आरोपी सायन भी उसी दिन एक दुर्घटना में घायल हो गया, जबकि उसकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई. 3 जुलाई, 2017 को एस्टेट में एक कंप्यूटर ऑपरेटर दिनेश कुमार अपने घर में मृत पाया गया. इस एस्टेट से जुड़े कुल पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
पुलिस ने सितंबर 2017 में 11 लोगों के खिलाफ 300 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था. इन 11 लोगों में से सिर्फ कनगराज तमिलनाडु का था और बाकी केरल के हैं. सायन और एक अन्य आरोपी मनोज ने एक पत्रकार को दिए साक्षात्कार में कहा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कोडनाड एस्टेट में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की तलाशी लेने का आदेश दिया था. मामले को लेकर अन्नाद्रमुक और पलानीस्वामी ने द्रमुक सरकार पर हिसाब चुकता करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
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