चेन्नई : देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है, इस बीच तमिलनाडु में मंगलवार को सामने आए रिकॉर्ड हैरान करने वाले थे. राज्य में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 2,42,929 है. वहीं, रोजना जांच में 30,000 लोग कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं, जिसके कारण राज्य के अधिकांश अस्पतालों में इलाज को लेकर अफरा-तफरी मची हुई है.
वहीं, कोरोना संकट की इस घड़ी में संक्रमित मरीजों के परिजन अपनों को बचाने के लिए बेड और ऑक्सीजन के खातिर एक के बाद एक कई अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं. इस बीच एमके स्टालिन के नेतृत्व में बनी नई सरकार स्थिति से निपटने की पूरी कोशिश कर रही है. इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. जे राधाकृष्णन ने ईटीवी भारत से कोविड की रोकथाम के उपायों और टीकाकरण प्रक्रिया पर खास बातचीत की.
स्वास्थ्य सचिव डॉ. जे राधाकृष्णन के मुताबिक, राज्य में अभी परिस्थितियां ठीक नहीं है, लेकिन इस समय चुनौती यह कि है राज्य में कैसे इन बढ़ते मामलों की संख्या को रोका जाए. हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, इसके बावजूद मरीजों को बड़े शहरों में बेड और ऑक्सीजन खोजने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हमने बेड और ऑक्सीजन के संबंध में सभी जरूरतों को हल करने के लिए एक एकीकृत कमांड सेंटर स्थापित किया है.
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राधाकृष्णन का कहना है कि राज्य सरकार ऑक्सीजन सुविधाओं के साथ ही बेड बढ़ाकर कोविड केंद्रों को मजबूत करके चिकित्सा बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य ने 250 डॉक्टरों की भर्ती की गई है और 1500 से अधिक डॉक्टरों को कोविड ड्यूटी के लिए भेजा गया है.
इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने अस्पतालों में मरीजों से अत्यधिक शुल्क वसूलने, अधिक कीमत पर दवाएं बेचने और सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों से रिश्वत लेने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.