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तमिलनाडु: मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सेतुसमुद्रम परियोजना को पुनर्जीवित करने का किया आह्वान - CM MK Stalin

तमिलनाडु में सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना एक ऐसी परियोजना है, जो काफी लंबे समय से रामेश्वरम में राम सेतु पर बननी है, लेकिन हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते इसे साल 2005 में बंद कर दिया गया था. अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने इसे फिर से शुरू करने का आह्वान किया है.

Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin
तमिलनाडु मुख्यमंत्री एम के स्टालिन
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Published : Jan 8, 2023, 3:21 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने रामेश्वरम में राम सेतु के वास्तविक रूप की मौजूदगी के केंद्र के दावे के मद्देनजर सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि के लिए परियोजना को पुनर्जीवित करने और भारतीय बंदरगाहों की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने की वकालत की. 2 जुलाई, 2005 को 2,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू की गई परियोजना, विरासत के प्रतीक राम सेतु के विध्वंस के खिलाफ पर्यावरणविदों और हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद ठप हो गई.

डीएमके (DMK) ने 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान दक्षिणी तमिलनाडु के लिए आर्थिक लाभ लाने के लिए सत्ता में आने पर परियोजना को पूरा करने का वादा किया था. केंद्र की भाजपा सरकार पर धार्मिक बहाने से प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यूपीए शासन के दौरान शुरू की गई परियोजना की अनुमति दी जाती तो जबरदस्त विकास होता. उन्होंने कहा 'आप जानते हैं कि सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को किसने रोका था.'

उन्होंने कहा, 'वो बीजेपी थी. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को सूचित किया था कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि रामेश्वरम में राम सेतु मौजूद था.' उन्होंने शनिवार रात यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और द्रमुक के वरिष्ठ नेता टी आर बालू की आत्मकथा 'पथिमारा पायनम' का विमोचन करने के बाद ये बात कही. केंद्र द्वारा परियोजना शुरू करने के पीछे बालू प्रमुख शक्ति थे. स्टालिन ने इस कार्यक्रम में दावा किया कि 'अगर इस परियोजना को स्थगित नहीं किया गया होता, तो तमिलनाडु को बहुत फायदा होता.'

उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु ही नहीं बल्कि यह परियोजना भारत का गौरव होती.' उन्होंने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती, इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलता और माल ढुलाई की राज्य की क्षमता में वृद्धि होती. साथ ही, मछुआरों की आजीविका और तटीय अर्थव्यवस्था में सुधार होता. लेकिन सभी विकास को भाजपा और उसके सहयोगी AIADMK ने रोक दिया था.' मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया और बालू से आग्रह किया, पूर्व मुख्यमंत्रियों सी एन अन्नादुरई और एम करुणानिधि के सपने को साकार करने के लिए इसे पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जाएं, जिनके पास उस समय नौवहन विभाग था.

पढ़ें: संभाजी महाराज को स्वराजरक्षक कहने में कुछ भी गलत नहीं: शरद पवार

महत्वाकांक्षी परियोजना में शिपिंग नहर बनाकर भारत और श्रीलंका के बीच पाक खाड़ी और मन्नार की खाड़ी को जोड़ने का प्रस्ताव है. लगभग छह दशकों तक डीएमके की विचारधारा से लगातार जुड़े रहने के लिए बालू की प्रशंसा करते हुए स्टालिन ने पार्टी पदाधिकारियों से भावी पीढ़ी के लिए घटनाओं का रिकॉर्ड बनाए रखने का आग्रह किया. डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन ने उनके साथ अपने पोषित जुड़ाव को याद करते हुए कहा, 'बालू हमेशा डीएमके सिद्धांतों के प्रति दृढ़ रहे - एक झंडा, एक नेतृत्व, एक संगठन और कभी न बदलने वाला रास्ता - उनका सबसे अच्छा वर्णन करता है.'

चेन्नई: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने रामेश्वरम में राम सेतु के वास्तविक रूप की मौजूदगी के केंद्र के दावे के मद्देनजर सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि के लिए परियोजना को पुनर्जीवित करने और भारतीय बंदरगाहों की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने की वकालत की. 2 जुलाई, 2005 को 2,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू की गई परियोजना, विरासत के प्रतीक राम सेतु के विध्वंस के खिलाफ पर्यावरणविदों और हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद ठप हो गई.

डीएमके (DMK) ने 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान दक्षिणी तमिलनाडु के लिए आर्थिक लाभ लाने के लिए सत्ता में आने पर परियोजना को पूरा करने का वादा किया था. केंद्र की भाजपा सरकार पर धार्मिक बहाने से प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यूपीए शासन के दौरान शुरू की गई परियोजना की अनुमति दी जाती तो जबरदस्त विकास होता. उन्होंने कहा 'आप जानते हैं कि सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को किसने रोका था.'

उन्होंने कहा, 'वो बीजेपी थी. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को सूचित किया था कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि रामेश्वरम में राम सेतु मौजूद था.' उन्होंने शनिवार रात यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और द्रमुक के वरिष्ठ नेता टी आर बालू की आत्मकथा 'पथिमारा पायनम' का विमोचन करने के बाद ये बात कही. केंद्र द्वारा परियोजना शुरू करने के पीछे बालू प्रमुख शक्ति थे. स्टालिन ने इस कार्यक्रम में दावा किया कि 'अगर इस परियोजना को स्थगित नहीं किया गया होता, तो तमिलनाडु को बहुत फायदा होता.'

उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु ही नहीं बल्कि यह परियोजना भारत का गौरव होती.' उन्होंने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती, इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलता और माल ढुलाई की राज्य की क्षमता में वृद्धि होती. साथ ही, मछुआरों की आजीविका और तटीय अर्थव्यवस्था में सुधार होता. लेकिन सभी विकास को भाजपा और उसके सहयोगी AIADMK ने रोक दिया था.' मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया और बालू से आग्रह किया, पूर्व मुख्यमंत्रियों सी एन अन्नादुरई और एम करुणानिधि के सपने को साकार करने के लिए इसे पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जाएं, जिनके पास उस समय नौवहन विभाग था.

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महत्वाकांक्षी परियोजना में शिपिंग नहर बनाकर भारत और श्रीलंका के बीच पाक खाड़ी और मन्नार की खाड़ी को जोड़ने का प्रस्ताव है. लगभग छह दशकों तक डीएमके की विचारधारा से लगातार जुड़े रहने के लिए बालू की प्रशंसा करते हुए स्टालिन ने पार्टी पदाधिकारियों से भावी पीढ़ी के लिए घटनाओं का रिकॉर्ड बनाए रखने का आग्रह किया. डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन ने उनके साथ अपने पोषित जुड़ाव को याद करते हुए कहा, 'बालू हमेशा डीएमके सिद्धांतों के प्रति दृढ़ रहे - एक झंडा, एक नेतृत्व, एक संगठन और कभी न बदलने वाला रास्ता - उनका सबसे अच्छा वर्णन करता है.'

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