चेन्नई: पुरातत्वविदों को तमिलनाडु के ऐतिहासिक कीझाडी स्थल पर चल रही नौवें चरण की खुदाई के दौरान क्रिस्टल क्वार्ट्ज से बना एक अद्वितीय वजन वाला पत्थर मिला है. इस खोज ने पुरातत्व प्रेमियों और विशेषज्ञों को उत्साह से भर दिया है और इसे तमिलनाडु की पुरातात्विक यात्रा में एक मील का पत्थर माना गया है. तमिलनाडु पुरातत्व विभाग के अनुसार, पुरातत्वविदों ने 175 सेमी की गहराई से चपटी ऊपर और नीचे की सतह के साथ पारभासी, थोड़ा गोलाकार वजन वाले पत्थर का पता लगाया. इसका व्यास 2 सेमी और इसकी ऊंचाई 1.5 सेमी के साथ इसका वजन मात्र आठ ग्राम है. इस आश्चर्यजनक खोज के साथ-साथ खुदाई में चकमक पत्थर, लोहे की कीलें और मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े भी मिले, जिनमें लाल रंग से रंगे हुए मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं.
इस बारे में मदुरै के सरकारी संग्रहालय के प्रतिष्ठित पुरातत्वविद् एम. मारुतुबैंडियन ने कहा कि यह असाधारण क्रिस्टल क्वार्ट्ज वजन का पत्थर प्राचीन संगम साहित्य में वर्णित प्रतिष्ठित संगमरमर के पत्थरों की याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि यह असाधारण क्रिस्टल क्वार्ट्ज वजन के पत्थर की खोज उस समय की उन्नत शिल्प कौशल का प्रमाण है.
वहीं पुरातत्वविद् राजन, जिन्होंने पिछली खुदाई का बड़े पैमाने पर दस्तावेजीकरण किया है, ने कहा ऐसी खोज ने दुर्लभता की ओर ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने कहा कि हालांकि क्वार्ट्ज पत्थरों से बने मोतियों को पहले कोडुमानल खुदाई में प्रलेखित किया गया है, लेकिन इस प्रकृति का वजनदार पत्थर पहले कभी प्रकाश में नहीं आया. यह असाधारण खोज हमारे पूर्वजों की सांस्कृतिक प्रथाओं और तकनीकी क्षमताओं की हमारी समझ में महत्वपूर्ण योगदान देती है.
इस क्रिस्टल क्वार्ट्ज वजन वाले पत्थर की खोज उस युग के दौरान मौजूद जटिल व्यापार नेटवर्क और कनेक्शन की ओर इशारा करती है. साथ ही वेट स्टोन की अनूठी संरचना इसके उद्देश्य के बारे में दिलचस्प सवाल उठाती है, संभवतः यह उस समय के व्यापार, वाणिज्य या यहां तक कि धार्मिक प्रथाओं में भूमिका निभाता रहा है. जैसे-जैसे खुदाई का क्रम जारी है और विशेषज्ञ इस अद्वितीय खोज के ऐतिहासिक संदर्भ को खंगागले में जुटे हैं, इससे तमिलनाडु के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत में नई बातें सामने आ सकती हैं. विशेषओं का कहना है कि कीझाडी में इस क्रिस्टल क्क्वार्ट्ज वजन के पत्थर की खोज ने न केवल साइट के महत्व को बढ़ा दिया है, बल्कि एक बीते युग के अवशेषों को खोजने और संरक्षित करने में तमिलनाडु पुरातत्व विभाग के अथक प्रयासों को भी रेखांकित किया है.
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