चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में 103वें संविधान संशोधन को केंद्र द्वारा 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS quota) को प्रदान करने के निर्णय को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे गरीब लोगों के बीच 'जाति-भेदभाव' पैदा किया. मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और उसकी सहयोगी भाजपा द्वारा बहिष्कार की गई बैठक में राज्य सरकार से समीक्षा याचिका दायर होने पर अपनी राय दृढ़ता से दर्ज करने का आग्रह किया गया.
सर्वदलीय बैठक में कहा गया, "हम 103वें संविधान संशोधन को खारिज करते हैं, जिसमें आगे बढ़ने वाली जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है, क्योंकि यह संविधान द्वारा परिकल्पित सामाजिक न्याय के खिलाफ, शीर्ष अदालत के विभिन्न फैसलों के खिलाफ और गरीबों के बीच जातिगत भेदभाव पैदा करने के लिए है."
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We request TN Govt to register its views to establish social justice&equality properly.We support economic development programs to alleviate poverty of poor,needy &vulnerable people,won't allow true values of social justice philosophy to be distorted,stated meeting resolution
— ANI (@ANI) November 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 12, 2022
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान, उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल सभी लोगों ने इस मुद्दे पर समर्थन दिया. स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में द्रमुक के सहयोगी कांग्रेस, वाम दलों, एमडीएमके और विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) के अलावा एनडीए के घटक पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने भाग लिया.
(पीटीआई-भाषा)