गुवाहाटी : असम पुलिस के एक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये गिरफ्तारियां शुक्रवार रात से की गईं और इन पर गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम, आईटी अधिनियम और भादंसं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
असम के विशेष पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने ट्वीट कर कहा कि सोशल मीडिया पर तालिबान का समर्थन करने वाले पोस्ट लिखने के मामले में असम पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सिंह ने लोगों को भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट से सावधान रहने की भी सलाह दी.
सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट को रीट्वीट करने और कहा कि उन्हें लाइक करने पर लोगों को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. पुलिस उप महानिरीक्षक वायलेट बरुआ ने कहा कि असम पुलिस सोशल मीडिया पर तालिबान के समर्थन में टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है.
उन्होंने ट्वीट किया कि हम इस तरह के लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर रहे हैं. अगर आपकी नजर में कोई ऐसी चीज आती है तो कृपया पुलिस से संपर्क करें. पुलिस ने कहा कि बारपेटा और धुबरी जिलों से दो-दो लोगों की गिरफ्तारी हुई. वहीं दरांग, दक्षिण सलमारा, गोवालपारा और होजाई जिलों से एक-एक की गिरफ्तारी हुई है.
उन्होंने कहा कि कामरूप (ग्रामीण) जिले से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से एक आरोपी असम पुलिस का कांस्टेबल है. कामरूप (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक हितेश चंद्र रॉय ने कहा कि सोशल मीडिया पर तालिबान का समर्थन करने के मामले में असम पुलिस के एक जवान और एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है. हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं और जल्द ही कई और लोग हमारे घेरे में आ सकते हैं.
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इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीन मौलानाओं में से एक मौलाना फजलुल करीम जमीयत-ए-उलेमा का प्रदेश सचिव है और वह राज्य के विपक्षी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) का महासचिव भी है. इस बीच एआईयूडीएफ के प्रवक्ता ने कहा कि जांच पूरी होने तक करीम पार्टी से निलंबित रहेंगे.
(पीटीआई-भाषा)