नई दिल्ली : तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने भारतीय विमानन नियामक डीजीसीए को पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक उड़ानें बहाल करने को कहा है.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को अभी इस मामले में फैसला लेना बाकी है. भारत और अफगानिस्तान के बीच आखिरी वाणिज्यिक उड़ान काबुल-दिल्ली मार्ग पर एयर इंडिया द्वारा 15 अगस्त को संचालित की गई थी, जिस दिन काबुल तालिबान के हाथों गिर गया था. 16 अगस्त को सीएए द्वारा अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र को अनियंत्रित घोषित किया गया था.
7 सितंबर 2021 को एक पत्र में सीएए के कार्यवाहक मंत्री अल्हज हमीदुल्ला अखुनजादा ने डीजीसीए से अनुरोध किया कि वह भारत और अफगानिस्तान के बीच एरियाना अफगान एयरलाइन और काम एयर की वाणिज्यिक उड़ानों की अनुमति दें.
अखुनजादा ने अपने पत्र में कहा कि जैसा कि आपको अच्छी तरह से सूचित किया जाता है कि हाल ही में काबुल हवाई अड्डे को अमेरिकी सैनिकों द्वारा उनकी वापसी से पहले क्षतिग्रस्त व निष्क्रिय कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि कतर द्वारा तकनीकी सहायता की मदद से, हवाई अड्डा एक बार फिर से चालू हो गया और इस संबंध में एक नोटम (वायुकर्मियों को नोटिस) 6 सितंबर को जारी किया गया.
उन्होंने कहा कि इस पत्र का इरादा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के आधार पर दो देशों के बीच यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाए रखना है और हमारे राष्ट्रीय वाहक (एरियाना अफगान एयरलाइन और काम एयर) का लक्ष्य उनकी निर्धारित उड़ानें शुरू करना है. इसलिए अफगानिस्तान सीएए आपसे उनकी वाणिज्यिक उड़ानों की सुविधा के लिए अनुरोध करता है.
यह भी पढ़ें-चीनी सेना के करीब 100 जवान पिछले महीने उत्तराखंड के बाड़ाहोती सेक्टर में घुसे:सूत्र
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने 20 सितंबर को कहा था कि अफगानिस्तान के एक पड़ोसी के रूप में भारत स्वाभाविक रूप से उस देश में हाल के परिवर्तनों और क्षेत्र के लिए उनके प्रभाव के बारे में चिंतित है. उन्होंने कहा था कि अफगान का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण, आश्रय, प्रशिक्षण, योजना के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
(PTI)