काबुल : तालिबान ने दुनिया की अहंकारी ताकत अमेरिका को हराने की घोषणा करके गुरुवार को अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाया, लेकिन अब उसके सामने देश की सरकार को चलाने से लेकर सशस्त्र विरोध झेलने की संभावना जैसी कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं. अफगानिस्तान के एटीएम में नकदी समाप्त हो गई है और आयात पर निर्भर इस देश के तीन करोड़ 80 लाख लोगों के सामने खाद्य संकट पैदा हो गया है। ऐसे में तालिबान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बिना सरकार चलाना बड़ी चुनौती होगी.
इस बीच, अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में पहुंचे विपक्षी नेता नदर्न अलायंस के बैनर तले सशस्त्र विरोध करने को लेकर चर्चा कर रहे हैं. यह स्थान नदर्न अलाइंस लड़ाकों का गढ़ है, जिन्होंने 2001 में तालिबान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया था. यह एकमात्र प्रांत है जो तालिबान के हाथ नहीं आया है. तालिबान ने अभी तक उस सरकार के लिए कोई योजना पेश नहीं की है, जिसे चलाने की वह इच्छा रखता है. उसने केवल इतना कहा है कि वह शरिया या इस्लामी कानून के आधार पर सरकार चलाएगा.
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अफगानिस्तान में विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रमुख मेरी एलन मैक्ग्रोर्थी ने कहा कि हमारी आंखों के सामने एक बहुत बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो रहा है.
अफगानिस्तान में गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. यह दिवस मध्य एशियाई देश में ब्रितानी शासन का अंत करने वाली 1919 की संधि की याद में मनाया जाता है. तालिबान ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि हम ब्रिटेन से आजादी की आज वर्षगांठ मना रहे हैं. इसके साथ ही हमारे जिहादी प्रतिरोध के परिणाम स्वरूप दुनिया की एक और अहंकारी ताकत अमेरिका असफल हुआ और उसे अफगानिस्तान की पवित्र भूमि से बाहर जाने पर मजबूर होना पड़ा. इससे पहले पूर्वी शहर जलालाबाद में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान की हिंसक कार्रवाई में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई. प्रदर्शनकारियों ने अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया और तालिबान का झंडा उतार दिया.
(पीटीआई-भाषा)