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केरल: हिरासत में लिए गए कर्नाटक पुलिस के 4 अधिकारी रिहा किए गए, घूस मांगने का था आरोप - kochi police

केरल पुलिस ने कर्नाटक पुलिस के हिरासत में लिए चार पुलिस अधिकारियों को रिहा कर दिया है. इन अधिकारियों पर आरोप है इन्होंने धोखाधड़ी के एक आरोपी को मुक्त करने की एवज में चार लाख रुपए की मांग की थी. आरोपी के परिजनों की शिकायत पर केरल पुलिस ने यह कार्रवाई की गई.

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कोच्चि पुलिस
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Published : Aug 3, 2023, 1:26 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 6:28 PM IST

कलामास्सेरी : कोच्चि पुलिस ने कर्नाटक पुलिस के उन सभी 4 अधिकारियों को रिहा कर दिया, जिन्हें पहले आरोपियों से धन उगाही के मामले में हिरासत में लिया गया था. पुलिसकर्मियों को 16 अगस्त को कलामासेरी पुलिस स्टेशन में फिर से उपस्थित होने की शर्त पर रिहा कर दिया गया. इस संबंध में उन्हें एक नोटिस भी दिया गया था. इस बीच, केरल पुलिस ने स्पष्ट किया कि जांच के सिलसिले में जरूरत पड़ने पर उन्हें किसी भी समय बुलाया जाएगा. थ्रीक्काकारा एसीपी पीवी बेबी ने कहा कि कर्नाटक पुलिस अधिकारियों से जब्त किए गए पैसे को अदालत में पेश किया जाएगा.

बता दें कि आरोपी की शिकायत पर कोच्चि पुलिस ने कर्नाटक के चार पुलिस अधिकारियों को हिरासत में ले लिया था. कर्नाटक पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के आधार पर रिहा किया गया, जिसमें जांच अधिकारियों को उन मामलों में गिरफ्तारी पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी, जहां अधिकतम सजा सात साल से अधिक नहीं है . शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए केरल पुलिस ने फैसला किया कि गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है.

बेंगलुरु में दर्ज वित्तीय धोखाधड़ी मामले में हिरासत में लिए गए दो आरोपियों, कोच्चि के मूल निवासी अखिल अल्बी और निखिल जोसेफ से कर्नाटक पुलिस अधिकारियों ने मामले से अपना नाम हटाने के लिए 25 लाख की मांग की थी. बाद में बातचीत कर 10 लाख का रेट तय किया जिसमें से 4 लाख रुपये वसूल लिए गए थे. कर्नाटक पुलिस की टीम को कल रात आरोपियों के साथ राज्य वापस जाते समय रोक दिया गया. यह घटना तब सामने आई जब एक आरोपी के रिश्तेदार ने कोच्चि सिटी पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद, कलामासेरी पुलिस ने उनके वाहन को रोककर रुपये जब्त किए और उन्हें हिरासत में ले लिया. वहीं कर्नाटक पुलिस के अधिकारी अपने पास से जब्त नकदी के बारे में सबूत देने में विफल रहे थे.

बेंगलुरु में हुए एक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी मामले में आरोपी केरल के युवकों को मट्टनचेरी से गिरफ्तार करने के बाद, कर्नाटक पुलिस ने आरोपियों को मामले से मुक्त करने के लिए 25 लाख की मांग की थी. हालांकि बातचीत के बाद, उन्होंने 10 लाख की दर तय की और एक आरोपी ने 3 लाख और दूसरे ने एक लाख का भुगतान किया. वहीं 4 लाख रुपये देने के बावजूद आरोपी को नहीं छोड़ा गया तो परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई.

दूसरी तरफ शिकायतकर्ता अखिल अल्बी और निखिल जोस ने गवाही दी कि कर्नाटक पुलिस ने उन्हें पिछले दिन हिरासत में ले लिया था और उनसे कहा था कि अगर वे पच्चीस लाख का भुगतान करेंगे तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा गया कि बाद में 10 लाख रुपये देने पर उसे छोड़ दिए जाने की बात कही. इस बयान के आधार पर कर्नाटक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. कोच्चि के डीसीपी ने बताया कि सात साल से कम सजा वाली धाराओं के तहत मामले में कानूनी सलाह के आधार पर गिरफ्तारी समेत अन्य कदम उठाए जाएंगे. वहीं शिवप्रकाश, संदेश, विजयकुमार और शिवन्ना नाम के चार पुलिस अधिकारियों को फिलहाल रिहा कर दिया गया है. वहीं संबंधित जांच के लिए कर्नाटक से एसीपी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम भी कोच्चि पहुंची थी. इस बीच कर्नाटक पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए कोच्चि के युवाओं को अग्रिम जमानत दे दी गई है. वहीं हाईकोर्ट ने कुंबलंगी के मूल निवासी अखिल अल्बी और जोसेफ निखिल को अग्रिम जमानत दे दी है. हाई कोर्ट ने बेंगलुरु व्हाइटफील्ड पुलिस द्वारा दर्ज ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

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बता दें कि आरोपी की शिकायत पर कोच्चि पुलिस ने कर्नाटक के चार पुलिस अधिकारियों को हिरासत में ले लिया था. कर्नाटक पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के आधार पर रिहा किया गया, जिसमें जांच अधिकारियों को उन मामलों में गिरफ्तारी पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी, जहां अधिकतम सजा सात साल से अधिक नहीं है . शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए केरल पुलिस ने फैसला किया कि गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है.

बेंगलुरु में दर्ज वित्तीय धोखाधड़ी मामले में हिरासत में लिए गए दो आरोपियों, कोच्चि के मूल निवासी अखिल अल्बी और निखिल जोसेफ से कर्नाटक पुलिस अधिकारियों ने मामले से अपना नाम हटाने के लिए 25 लाख की मांग की थी. बाद में बातचीत कर 10 लाख का रेट तय किया जिसमें से 4 लाख रुपये वसूल लिए गए थे. कर्नाटक पुलिस की टीम को कल रात आरोपियों के साथ राज्य वापस जाते समय रोक दिया गया. यह घटना तब सामने आई जब एक आरोपी के रिश्तेदार ने कोच्चि सिटी पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद, कलामासेरी पुलिस ने उनके वाहन को रोककर रुपये जब्त किए और उन्हें हिरासत में ले लिया. वहीं कर्नाटक पुलिस के अधिकारी अपने पास से जब्त नकदी के बारे में सबूत देने में विफल रहे थे.

बेंगलुरु में हुए एक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी मामले में आरोपी केरल के युवकों को मट्टनचेरी से गिरफ्तार करने के बाद, कर्नाटक पुलिस ने आरोपियों को मामले से मुक्त करने के लिए 25 लाख की मांग की थी. हालांकि बातचीत के बाद, उन्होंने 10 लाख की दर तय की और एक आरोपी ने 3 लाख और दूसरे ने एक लाख का भुगतान किया. वहीं 4 लाख रुपये देने के बावजूद आरोपी को नहीं छोड़ा गया तो परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई.

दूसरी तरफ शिकायतकर्ता अखिल अल्बी और निखिल जोस ने गवाही दी कि कर्नाटक पुलिस ने उन्हें पिछले दिन हिरासत में ले लिया था और उनसे कहा था कि अगर वे पच्चीस लाख का भुगतान करेंगे तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा गया कि बाद में 10 लाख रुपये देने पर उसे छोड़ दिए जाने की बात कही. इस बयान के आधार पर कर्नाटक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. कोच्चि के डीसीपी ने बताया कि सात साल से कम सजा वाली धाराओं के तहत मामले में कानूनी सलाह के आधार पर गिरफ्तारी समेत अन्य कदम उठाए जाएंगे. वहीं शिवप्रकाश, संदेश, विजयकुमार और शिवन्ना नाम के चार पुलिस अधिकारियों को फिलहाल रिहा कर दिया गया है. वहीं संबंधित जांच के लिए कर्नाटक से एसीपी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम भी कोच्चि पहुंची थी. इस बीच कर्नाटक पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए कोच्चि के युवाओं को अग्रिम जमानत दे दी गई है. वहीं हाईकोर्ट ने कुंबलंगी के मूल निवासी अखिल अल्बी और जोसेफ निखिल को अग्रिम जमानत दे दी है. हाई कोर्ट ने बेंगलुरु व्हाइटफील्ड पुलिस द्वारा दर्ज ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

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Last Updated : Aug 3, 2023, 6:28 PM IST
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