आगरा: नगर निगम और जलकल विभाग के अधिकारी व कर्माचारी अपनी करतूत से हंसी के पात्र बन गए हैं. क्योंकि, अधिकारियों और कर्मचारियों की अंधेरगर्दी और मनमानी का नतीजा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भेजा गया 1.96 करोड़ रुपये का बिल है.यह जलकल विभाग ने भेजा है. जबकि, ताजमहल में पानी और सीवर का कनेक्शन ही नहीं है. इसके बाद भी जलकल विभाग ने एएसआई को ताजमहल परिसर के नाम 13 बिल भेजे हैं. लेकिन, हर बिल में सभी के पते अलग-अलग हैं. इसके साथ ही छावनी परिषद ने एएसआई को आगरा किला पर पांच करोड़ रुपए सर्विस टैक्स बकाया का नोटिस दिया है. क्योंकि, आगरा किला रक्षा संपदा की जमीन पर है.
बता दें कि ताजमहल समेत देश के सभी स्मारक नगर पालिका एक्ट में गृहकर से मुक्त हैं. इतना ही नहीं, आगरा में ताजमहल समेत किसी भी स्मारक में पानी और सीवर का कनेक्शन नहीं है. फिर भी पहले नगर निगम ने ताजमहल के गृहकर का 1.47 लाख रुपये का नोटिस एएसआई को भेजा और अब ताजमहल में सीवर और पेयजल के चलते नोटिस एएसआई को भेजे गए हैं.
दरअसल, जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता मुख्यालय से जलकर, जलमूल्य और सीवर कर के रूप में 1.96 करोड़ रुपये का बिल एएसआई को भेजा गया है. इसमें 1.61 करोड़ रुपये पुराना बकाया है. जबकि, एएसआई को भेजे गए बिल में जलकल विभाग ने ताजमहल के नाम पर 13 जगह जोड़ी गई हैं. एएसआई के अधिकारियों ने गृहकर और जलकर के नोटिस पर चिंता जताई है.
एएसआई के आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि एएसआई ताजमहल समेत सभी स्मारकों की देखरेख करता है. यह स्मारक केंद्र सरकार के अधीन हैं. इसलिए, नियमावली में स्मारकों को टैक्स से छूट दी गई है. तो भी ताजमहल के नाम पर अचानक बिल कंप्यूटर से जनरेट ही कैसे किया गया. ताजगंज के पते जोड़े गए हैं. वहां क्या है और कितने साल का टैक्स बताया गया है? यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है. यह नोटिस किस वजह से भेजे गए? यह संबंधित विभाग जांच करें? इस बारे में जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता सतीश कुमार ने हाल में चार्ज लेने की बात कह कर विभाग की ओर से ताजमहल के नाम भेजे गए नोटिस की जांच कराने की बात कही है.
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किले को 5 करोड़ के सर्विस टैक्स का नोटिस
छावनी परिषद ने एएसआई को आगरा किले पर पांच करोड़ रुपये सर्विस टैक्स बकाया का नोटिस दिया है. क्योंकि, आगरा किला रक्षा संपदा की जमीन पर है. छावनी परिषद ने हाल में अपनी मिसिंग प्रॉपर्टी को तलाशने के लिए ड्रोन से सर्वे कराया था. इसमें आगरा किले की जमीन सामने आई है. छावनी परिषद के कार्यालय अधीक्षक डॉ. अशोक शर्मा ने एएसआई को लाल किले के सर्विस चार्ज के लिए बिल भेजा है. क्योंकि, रक्षा विभाग के ड्रोन सर्वे में किला कैंटोनमेंट एरिया में आया है. जो सेवा प्रभार के दायरे में है. जबकि, इस बारे में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि वर्ल्ड हेरीटेज इमारत से इस प्रकार का टैक्स नहीं लिया जा सकता है. आगरा किला रक्षा मंत्रालय की संपत्ति है. एएसआई इसका कस्टोडियन है. राष्ट्रीय संपदा होने के कारण यह किसी भी तरह के करों से मुक्त है. छावनी परिषद के नोटिस का जवाब दिया जा चुका है.