देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी लगातार दूसरी बार सरकार बना रही है. राजभवन में राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने नामित प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत को शपथ दिलाई. इस मौके पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत ने पांचवीं निर्वाचित विधानसभा के सदस्यों को शपथ दिलाई.
पहले इन विधायकों ने ली शपथ: प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत ने पहले महिला विधायकों को शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण करने वाले विधायकों में सबसे पहले कोटद्वार से बीजेपी विधायक रितु खंडूड़ी को शपथ दिलाई गई. सोमेश्वर से बीजेपी विधायक रेखा आर्य, हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत, यमकेश्वर से बीजेपी विधायक रेणु बिष्ट, नैनीताल से बीजेपी विधायक सरिता आर्य और देहरादून से बीजेपी विधायक सविता कपूर ने पहले शपथ ली.
कोटद्वार से बीजेपी विधायक रितु खंडूडी ने गढ़वाली में शपथ ली है. वहीं, टिहरी से बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय ने भी गढ़वाली में शपथ ली है. हालांकि बाद में उन्हें हिंदी में शपथ लेनी पड़ी, क्योंकि कुछ तकनीकी गलती हो गई थी. रुद्रप्रयाग से भरत सिंह चौधरी ने और थराली से बीजेपी विधायक भोपाल राम टम्टा ने भी संस्कृत में शपथ ली है.
जानें प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत के बारे में
वर्ष 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने भगत ने 1993 और 1996 में भी नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की. इस दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया. वर्ष 2000 में राज्य के गठन के बाद वह उत्तराखंड की अंतरिम सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे. वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा से वह चौथी बार विधायक चुने गए और मंत्री बने. वर्ष 2012 में परिसीमन के बाद बनी कालाढूंगी विधानसभा सीट से वह विधायक चुने गए और कैबिनेट मंत्री भी बने. उन्होंने मार्च 2021 तक प्रदेश पार्टी अध्यक्ष का पद भी संभाला.
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बता दें, आज ही शाम 5 बजे विधानमंडल दल की बैठक होगी. बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी मौजूद रहेंगे. उत्तराखंड विधानसभा में कुल 70 विधानसभा सीट हैं. 2022 चुनाव में BJP को 47 सीटें और कांग्रेस को 19 सीटें प्राप्त हुई, जबकि 4 सीटें अन्य दलों के खाते में गईं है.
सूत्रों ने बताया कि भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले हो रही इस बैठक में विधायक दल के नेता के नाम पर चर्चा की गई. ज्ञात हो कि उत्तराखंड में भाजपा ने शानदार बहुमत तो हासिल कर लिया, लेकिन मुख्यमंत्री धामी को खटीमा से हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इसे लेकर भाजपा में मंथन का दौर लगातार जारी है.