रुड़की : जीवनदीप आश्रम में शतचंडी महायज्ञ के समापन अवसर पर स्वामी यतींद्रानंद महाराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बदरीनाथ धाम में नमाज पढ़ा जाना एक अपराध है. वहां तैनात अधिकारियों को इस लापरवाही पर तुरन्त बर्खास्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा बदरीनाथ केवल भगवान का धाम है. यहां केवल भगवान की पूजा की जा सकती है. किसी अन्य धर्म की पूजा होना गलत है.
आपको बता दें रुड़की के जीवनदीप आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद महाराज ने शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया था. महायज्ञ के समापन अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्या आश्रम पहुंची थीं. इसी दौरान मीडिया से मुखातिब हुए स्वामी यतीश्वरानंद महाराज ने बदरीनाथ में नमाज पढ़ाए जाने को लेकर बयान जारी किया है.
महाराज ने कहा प्रदेश के इतिहास में बड़ा ही कलंकित दिन हुआ है कि उत्तरांखण्ड के मुकुटमणि बदरीनाथ धाम में नमाज पढ़ी गई. उन्होंने कहा कि वहां जो अधिकारी हैं जिनकी जिम्मेदारी वहां की व्यवस्था और परंपरा को बनाए रखना है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्हें तुरन्त बर्खास्त होना कर देना चाहिए.
क्या है पूरा मामला
बता दें बुधवार को सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें वायरल हो रही थी कि बदरीनाथ धाम में एक समुदाय विशेष के लोगों ने नमाज पढ़ी है. जबकि वहां पर कोरोना के कारण किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है.चारधाम यात्रा स्थगित है. लेकिन फिर भी कुछ लोग वहां गए और उन्होंने बदरीनाथ धाम में ईद की नमाज पढ़ी.
जिसके बाद बदरीनाथ धाम में ईद की नमाज पढ़ने के मामले में बदरीनाथ थाना पुलिस ने ठेकेदार समेत 15 लोगों के खिलाफ डीएम एक्ट (Disaster management act) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है. वहीं, इस घटना के बाद से जनप्रतिनिधियों व हिन्दू संगठनों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
इसे भी पढ़े-ज्ञानवापी मस्जिद विवादः काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए मुस्लिम पक्ष ने दी 1700 फीट जमीन