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Ramcharitmanas Controversy : रमाचरितमानस की प्रतियां जलाने से स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया इंकार

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पूर्व विधायक भगवती प्रसाद की बेटी की शादी समारोह में पहुंचे. यहां उन्होंने एक बार फिर से रामचरितमानस को लेकर चर्चा की. साथ ही बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को ढोंगी और पाखंडी बताया.

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Published : Jan 31, 2023, 10:14 AM IST

कानपुर में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य

कानपुर: सपा नेता और पूर्व विधायक भगवती प्रसाद की बेटी की शादी समारोह में सोमवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने शिरकत की. इस दौरान उनके द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर चर्चा की गई. समारोह में मौजूद पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने उनके बयान का समर्थन किया. वहीं, रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस की प्रतियां नहीं जलाई गयी है. लड़कों दफ्ती पर 'धर्म के नाम पर गाली नहीं सहेंग, नहीं सहेंगे' ये लिखकर जलाया है.

पूर्व डीजीपी के समर्थन के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को अधिकार दिलाने की आवाज का लोग समर्थन कर रहे हैं. फिर वो चाहे पूर्व डीजीपी क्यों न हों'. इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को ढोंगी और पाखंडी.

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ' मैंने रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की बात कभी नहीं की. ग्रंथ की कुछ चौपाइयों के अंश से आपत्ति है. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं'. हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के द्वारा इनाम घोषित किए जाने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि साधु, संत, धर्माचार्यों को गुस्सा नहीं आता है. गुस्सा आ भी जाए, तो श्राप देते हैं, जिससे सब काम तमाम हो जाता है. सिर काटने वाले अपराधी संत धर्म की आड़ लेकर बैठे हैं. रामचरितमानस की कोई भी प्रति नहीं जलाई गई. इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को ढोंगी और पाखंडी.

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है. तुलसीदास ने इसे अपनी खुशी के लिए लिखा था. करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते. उन्होंने सरकार से इस पर प्रतिबंध तक लगाने की मांग तक कर दी थी. मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए इसकी कुछ चौपाइयां हटवाने की मांग की थी. इससे पहले बिहार के शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर यादव ने भी इसी तरह का बयान देकर बिहार की राजानीति में बवाल खड़ा कर दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज व ठाकुरगंज थाने में केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार करने की मांग भी की गई है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'चंद मुट्ठी भर लोग जो महिलाओं, दलितों और आदिवासियों का अपमान करना ही अपना धर्म मानते हैं, बस केवल उन्हीं के पेट में दर्द है. बुद्धिजीवी लोग और गांव का आम आदमी मेरी विचारधारा के साथ खड़ा है. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. मुझे रामचरितमानस से भी कोई दिक्कत नहीं है. मुझे रामचरितमानस की चौपाइयों के कुछ अंश से दिक्कत है. किसी को अपमानित करना धर्म नहीं हो सकता'.

पढ़ेंः Ramcharitmanas controversy: अखिलेश यादव बोले- समाज में शूद्र कौन है? इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए

कानपुर में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य

कानपुर: सपा नेता और पूर्व विधायक भगवती प्रसाद की बेटी की शादी समारोह में सोमवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने शिरकत की. इस दौरान उनके द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर चर्चा की गई. समारोह में मौजूद पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने उनके बयान का समर्थन किया. वहीं, रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस की प्रतियां नहीं जलाई गयी है. लड़कों दफ्ती पर 'धर्म के नाम पर गाली नहीं सहेंग, नहीं सहेंगे' ये लिखकर जलाया है.

पूर्व डीजीपी के समर्थन के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को अधिकार दिलाने की आवाज का लोग समर्थन कर रहे हैं. फिर वो चाहे पूर्व डीजीपी क्यों न हों'. इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को ढोंगी और पाखंडी.

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ' मैंने रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की बात कभी नहीं की. ग्रंथ की कुछ चौपाइयों के अंश से आपत्ति है. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं'. हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के द्वारा इनाम घोषित किए जाने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि साधु, संत, धर्माचार्यों को गुस्सा नहीं आता है. गुस्सा आ भी जाए, तो श्राप देते हैं, जिससे सब काम तमाम हो जाता है. सिर काटने वाले अपराधी संत धर्म की आड़ लेकर बैठे हैं. रामचरितमानस की कोई भी प्रति नहीं जलाई गई. इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को ढोंगी और पाखंडी.

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है. तुलसीदास ने इसे अपनी खुशी के लिए लिखा था. करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते. उन्होंने सरकार से इस पर प्रतिबंध तक लगाने की मांग तक कर दी थी. मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए इसकी कुछ चौपाइयां हटवाने की मांग की थी. इससे पहले बिहार के शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर यादव ने भी इसी तरह का बयान देकर बिहार की राजानीति में बवाल खड़ा कर दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज व ठाकुरगंज थाने में केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार करने की मांग भी की गई है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'चंद मुट्ठी भर लोग जो महिलाओं, दलितों और आदिवासियों का अपमान करना ही अपना धर्म मानते हैं, बस केवल उन्हीं के पेट में दर्द है. बुद्धिजीवी लोग और गांव का आम आदमी मेरी विचारधारा के साथ खड़ा है. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. मुझे रामचरितमानस से भी कोई दिक्कत नहीं है. मुझे रामचरितमानस की चौपाइयों के कुछ अंश से दिक्कत है. किसी को अपमानित करना धर्म नहीं हो सकता'.

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