लखनऊः विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब सेंगोल को लेकर टिप्पणी की है. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए संसद भवन के उद्घाटन और उसमें सेंगोल राजदंड की स्थापना को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. मौर्य ने ट्वीट करके कहा है कि स्थापना पूजा में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाकर भाजपा ब्राह्मणवाद स्थापित करने का काम कर रही है.
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सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब,…
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— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) May 28, 2023
मौर्य ने ट्वीट में लिखा है,- "सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब, मुस्लिम धर्मगुरु (मौलाना), ईसाई धर्मगुरु (पादरी) आदि सभी को आमंत्रित किया गया होता. ऐसा न करके भाजपा ने अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है. यद्यपि भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है, अपितु दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है.
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#WATCH नए संसद भवन में उद्घाटन के बाद 'सर्व-धर्म' प्रार्थना की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य वरिष्ठ उपस्थित रहे। pic.twitter.com/IbdjNwhqzj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बता दें, इससे पहले स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस को लेकर टिप्पणी की थी. हिंदुओं के इस धर्म ग्रंथ को पिछड़ों और दलितों का अपमान करने वाला बताया था. इसके बाद प्रतियां जलाए जाने के बाद विवाद की स्थिति बनी थी. अब सेंगोल की स्थापना को लेकर उनका बयान सामने आया है.
हालांकि, सपा नेता के ट्वीट की बात से उलट नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद सर्व-धर्म प्रार्थना की गई. स्वामी प्रसाद मौर्य से पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी नए संसद भवन को लेकर सवाल खड़े किए थे. कहा था कि कितना भी बड़ा भवन बना लिया जाए लेकिन, लोकतंत्र के मूल्यों को नहीं संजोया तो कोई फायदा नहीं होगा.
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