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2026 तक सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने का उद्देश्य : हरदीप पुरी

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 पुररस्कार को संबोधित करते हुए कहा कि 2026 तक सभी भारतीय शहरों को कचरा मुक्त बनाने का उद्देश्य है. यह बातें उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 पुररस्कार को संबोधित करते हुए कहीं.

Hardeep Singh Puri
हरदीप सिंह पुरी
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Published : Oct 1, 2022, 9:09 PM IST

नई दिल्ली: भारत के स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार तेजी से हर शहर में सामग्र सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही खाद संयंत्रों की स्थापना कर रही है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 को 2026 तक सभी भारतीय शहरों को 'कचरा मुक्त' बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

उक्त बातें उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 पुररस्कार को संबोधित करते हुए कहीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी बड़े शहरों में जैव-मिथेनेशन संयंत्र की स्थापना के साथ ही प्रत्येक छोटे शहर में तरल अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाएं और सभी राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शहरों में निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट रीसाइक्लिंग सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. पुरी ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में स्वच्छ हवा, स्वच्छ भूमि और स्वच्छ पानी सहित समग्र स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश खुले में शौच मुक्त हो गए हैं इसके अलावा सभी 4,372 शहर पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं. वहीं लगभग 600 शहर सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई कार्यों के पूर्ण मशीनीकरण के साथ सफाईमित्र सुरक्षित बन गए हैं. इन शहरों में मेन होल अब मशीन होल बन गए हैं.

उन्होंने कहा कि म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग 2014 में 18 प्रतिशत से बढ़कर आज 73 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की जिंदगी में स्वच्छता के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि मिशन ने 2014 और अक्टूबर 2019 के बीच डायरिया और कुपोषण के कारण होने वाली 300,000 से अधिक मौतों को टाला है. स्वच्छ सर्वेक्षण आज दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है. 2016 में 73 शहरों के बीच एक पायलट के रूप में जो शुरू हुआ वह 2022 के संस्करण के साथ 4,355 शहरों को कवर करने के साथ एक बड़े पैमाने पर अभ्यास में बदल गया है.

इंदौर लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित - केंद्र के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, जबकि सूरत और नवी मुंबई ने क्रमश: दूसरा तथा तीसरा स्थान हासिल किया. सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई. 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022' में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है. इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला.

ये भी पढ़ें - Swachh Sarvekshan Award 2022 List: स्वच्छता में इंदौर का सिक्सर, बना देश का सबसे साफ शहर, स्वच्छ राज्य में MP नंबर 1

नई दिल्ली: भारत के स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार तेजी से हर शहर में सामग्र सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही खाद संयंत्रों की स्थापना कर रही है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 को 2026 तक सभी भारतीय शहरों को 'कचरा मुक्त' बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

उक्त बातें उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 पुररस्कार को संबोधित करते हुए कहीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी बड़े शहरों में जैव-मिथेनेशन संयंत्र की स्थापना के साथ ही प्रत्येक छोटे शहर में तरल अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाएं और सभी राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शहरों में निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट रीसाइक्लिंग सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. पुरी ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में स्वच्छ हवा, स्वच्छ भूमि और स्वच्छ पानी सहित समग्र स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश खुले में शौच मुक्त हो गए हैं इसके अलावा सभी 4,372 शहर पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं. वहीं लगभग 600 शहर सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई कार्यों के पूर्ण मशीनीकरण के साथ सफाईमित्र सुरक्षित बन गए हैं. इन शहरों में मेन होल अब मशीन होल बन गए हैं.

उन्होंने कहा कि म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग 2014 में 18 प्रतिशत से बढ़कर आज 73 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की जिंदगी में स्वच्छता के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि मिशन ने 2014 और अक्टूबर 2019 के बीच डायरिया और कुपोषण के कारण होने वाली 300,000 से अधिक मौतों को टाला है. स्वच्छ सर्वेक्षण आज दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है. 2016 में 73 शहरों के बीच एक पायलट के रूप में जो शुरू हुआ वह 2022 के संस्करण के साथ 4,355 शहरों को कवर करने के साथ एक बड़े पैमाने पर अभ्यास में बदल गया है.

इंदौर लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित - केंद्र के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, जबकि सूरत और नवी मुंबई ने क्रमश: दूसरा तथा तीसरा स्थान हासिल किया. सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई. 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022' में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है. इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला.

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