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ड्राई स्टेट बिहार में कथित जहरीली शराब से 25 लोगों की आंखों की रोशनी गई, 7 की मौत - सारण में शराब पीने से संदिग्ध मौत

बिहार के सारण में जहरीली शराब का तांडव (Chapra Poisonous liquor case) देखने को मिला है. मकेर के स्थानीय लोगों के मुताबिक कुछ लोगों ने जहरीली शराब का सेवन किया था जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. 25-26 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है. अभी भी दर्जनों लोग बीमार हैं. 7 लोगों के मरने की खबर है. जिलाधिकारी ने 2 के मौत की पुष्टि की है. पढ़ें खबर-

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Published : Aug 4, 2022, 6:04 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 10:23 PM IST

सारण: बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) के बावजूद लगातार मौतें हो रहीं है. लोग जहरीली शराब पीने की वजह से बीमार पड़कर आंखों की रोशनी गंवा रहे हैं. ताजा मामला सारण में आया है जहां मकेर में जहरीली शराब पीने से कई ग्रामीणों की हालत गंभीर बताई जा रही है. 25-26 लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई है. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि 2 शख्स की जान (suspected died in Chapra) भी चली गई है. पीएमसीएच में इलाज के दौरान तीन की मौत हुई है. इसमें अबतक 7 लोगों की जान चली गयी है. जिलाधिकारी सारण ने बताया कि कुछ लोगों ने जहरीला पदार्थ पिया था. जिसके चलते कई लोग बीमार हो गए. सबका इलाज चल रहा है. दो लोगों के मौत जहरीला पदार्थ पीने से हुई है. मेडिकल टीम को फुलवरिया गांव में भेजकर जांच करवा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सारण जहरीली शराबकांड में मौत पर बड़ी लापरवाही, बिना पोस्टमार्टम किए एक शव जलाया

'हमने गांव में मेडिकल टीम भेजी है. ताकि घरों में जो बीमार हो उसका इलाज किया जा सके. दो लोंगों के मरने की सूचना हमें मिली है. 5 लोग अस्पताल में आए हैं. उनका इलाज किया जा रहा है'- राजेश मीणा, जिलाधिकारी, सारण

25 लोगों के आंखों की गई रोशनी: लोगों की गंभीर हालत को देखते हुए छपरा और पटना रेफर किया गया है. इस दौरान दो लोगों के मौत की पुष्टि भी हुई है. लेकिन ये मौत शराब पीने से हुई है इसका कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सारण में लगभग 6 महीने के अंदर दर्जनों लोगों की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. शराब पर रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. मकेर में यह तीसरी वारदात बताई जा रही है जिसमें लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है और मौतें हुई हैं.

'दारू एकदम सस्ता कर दिया था. सब लोग जाकर पीने लगे. जिन्होंने शराब पी उसकी तबीयत सुबह तक बिगड़ने लगी. सुबह लोग बोलने लगे भाई हमको नहीं दिखाई दे रहा है. फुलवरिया गांव के दो आदमी कमल महतो और चंदन कुमार घर पर ही खत्म हो गए थे. जो लोग सुबह पिए हैं उनको अब असर कर रहा है. 20 से ज्यादा लोगों को दिखाई नहीं दे रहा है': स्थानीय, फुलवरिया गांव

पहले भी 4 लोग हुए थे बीमार: इससे पहले भी सारण जिले में जहरीली शराब पीने से दो मजदूरों की संदिग्ध मौत (Suspected Death of Two Labours In Saran) हुई थी. जबकि चार को गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें भी आंखों से धुंधला दिख रहा था और सीने में जलन की शिकायत थी. चौंकाने वाली बात यह कि मृतकों में से एक का बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस पूरे मामले में पुलिस पल्ला झाड़ते नजर आई, जिसको लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. मकेर की घटना पर भी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं.


सारण: बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) के बावजूद लगातार मौतें हो रहीं है. लोग जहरीली शराब पीने की वजह से बीमार पड़कर आंखों की रोशनी गंवा रहे हैं. ताजा मामला सारण में आया है जहां मकेर में जहरीली शराब पीने से कई ग्रामीणों की हालत गंभीर बताई जा रही है. 25-26 लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई है. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि 2 शख्स की जान (suspected died in Chapra) भी चली गई है. पीएमसीएच में इलाज के दौरान तीन की मौत हुई है. इसमें अबतक 7 लोगों की जान चली गयी है. जिलाधिकारी सारण ने बताया कि कुछ लोगों ने जहरीला पदार्थ पिया था. जिसके चलते कई लोग बीमार हो गए. सबका इलाज चल रहा है. दो लोगों के मौत जहरीला पदार्थ पीने से हुई है. मेडिकल टीम को फुलवरिया गांव में भेजकर जांच करवा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सारण जहरीली शराबकांड में मौत पर बड़ी लापरवाही, बिना पोस्टमार्टम किए एक शव जलाया

'हमने गांव में मेडिकल टीम भेजी है. ताकि घरों में जो बीमार हो उसका इलाज किया जा सके. दो लोंगों के मरने की सूचना हमें मिली है. 5 लोग अस्पताल में आए हैं. उनका इलाज किया जा रहा है'- राजेश मीणा, जिलाधिकारी, सारण

25 लोगों के आंखों की गई रोशनी: लोगों की गंभीर हालत को देखते हुए छपरा और पटना रेफर किया गया है. इस दौरान दो लोगों के मौत की पुष्टि भी हुई है. लेकिन ये मौत शराब पीने से हुई है इसका कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सारण में लगभग 6 महीने के अंदर दर्जनों लोगों की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. शराब पर रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. मकेर में यह तीसरी वारदात बताई जा रही है जिसमें लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है और मौतें हुई हैं.

'दारू एकदम सस्ता कर दिया था. सब लोग जाकर पीने लगे. जिन्होंने शराब पी उसकी तबीयत सुबह तक बिगड़ने लगी. सुबह लोग बोलने लगे भाई हमको नहीं दिखाई दे रहा है. फुलवरिया गांव के दो आदमी कमल महतो और चंदन कुमार घर पर ही खत्म हो गए थे. जो लोग सुबह पिए हैं उनको अब असर कर रहा है. 20 से ज्यादा लोगों को दिखाई नहीं दे रहा है': स्थानीय, फुलवरिया गांव

पहले भी 4 लोग हुए थे बीमार: इससे पहले भी सारण जिले में जहरीली शराब पीने से दो मजदूरों की संदिग्ध मौत (Suspected Death of Two Labours In Saran) हुई थी. जबकि चार को गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें भी आंखों से धुंधला दिख रहा था और सीने में जलन की शिकायत थी. चौंकाने वाली बात यह कि मृतकों में से एक का बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस पूरे मामले में पुलिस पल्ला झाड़ते नजर आई, जिसको लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. मकेर की घटना पर भी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं.


Last Updated : Aug 4, 2022, 10:23 PM IST
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