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27 साल बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण का संयोग, जानें आप पर क्या होगा असर

साल का पहला खंडग्रास सूर्य ग्रहण (khandgras surya grahan 2022) इस महीने की 25 तारीख को लगने जा रहा है. बताया जा रहा है कि 27 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि दीपावाली पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) लग रहा है. ये ग्रहण इस बार तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगने जा रहा है.

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साल का पहला खंडग्रास सूर्य ग्रहण
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Published : Oct 15, 2022, 10:25 AM IST

वाराणसी: कार्तिक के महीने में दीपावली का पर्व मनाया जाता है और इस बार 24 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार है, लेकिन दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा अन्नकूट का महोत्सव होता है, लेकिन इस बार अन्नकूट महोत्सव और गोवर्धन पूजा पर्व खण्डग्रास सूर्य ग्रहण की वजह से 25 को नहीं बल्कि 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इन सब के बीच यह जानना भी जरूरी है कि दीपावली के अगले ही दिन पड़ रहा सूर्य ग्रहण क्या असर लेकर आने वाला है और इसका प्रभाव क्या होगा. किसके जीवन पर क्या असर पड़ेगा और दीपावली के अगले दिन पड़ने वाले ग्रहण (solar eclipse on diwali after 27 years) का क्या मतलब है.

इस बारे में आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या मंगलवार के दिन 25 अक्टूबर 2022 को जो ग्रहण (khandgras surya grahan 2022) पड़ेगा. उसकी कुल अवधि 40 मिनट की होगी. इसमें ग्रहण (Surya Grahan 2022) का सूतक 12 घंटे पूर्व अर्थात 24 तारीख को रात्रि में 4:29 पर लग जाएगा. ग्रहण का स्पर्श 25 तारीख को दिन में 4:29 पर होगा ग्रहण का मध्य 5:14 पर होगा एवं ग्रहण का मोक्ष राशि के हिसाब से 5:42 मिनट पर होगा. यह ग्रहण विशेष तरह से स्वाति नक्षत्र पर लग रहा है. इसलिए तुला राशि वालों के लिए बहुत ही अशुभ माना गया है अतः उन्हें यह ग्रहण का दर्शन नहीं करना चाहिए.

सूतक काल के दौरान बहुत से कार्य वर्जित बताये गए हैं जिनमे मुख्य रूप से सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिये. सूतक काल के समय भोजन करना वर्जित है. दांत साफ करना और बालों में कंघी करना वर्जित होता है. सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जानने से बचना चाहिए. सूतक काल में मंदिर में दर्शन पूजन पूरी तरह से वर्जित होता है. इसलिए मंदिर के कपाट सूतक लगते ही बंद कर दिया जाते हैं. इसलिए 25 अक्टूबर को पड़ने वाला ग्रहण की वजह से पूरा दिन सूतक काल होने की वजह से इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव नहीं मनाया जाएगा. इस ग्रहण का पृथ्वी और समाज पर व्यापक असर होगा. प्राकृतिक आपदा, बीमारी में वृद्धि होगी. महंगाई बढ़ेगी और सत्ता में उथल पुथल होगी.

राशिवार जानिए दिवाली बाद पड़ रहे खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का प्रभाव:

  • मेष राशि जातकों के लिए स्त्री का कष्ट है एवं स्त्री वर्ग से हानि है.
  • वृष राशि वालों के लिए यह ग्रहण मध्य मस्त है किंतु चिंताजनक है.
  • मिथुन राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण जनता से युक्त एवं अशुभ है.
  • कर्क राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण व्यथा से युक्त है.
  • सिंह राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण श्री संयुक्त है अर्थात कुछ लाभ कर है.
  • कन्या राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण छति दायक है.
  • तुला राशि वालों के लिए यह ग्रहण का दृश्य नहीं करना चाहिए उन्हें कष्ट से युक्त है.
  • वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण हानिकारक है.
  • धनु राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण किंचित लाभप्रद है.
  • मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण सुख कर है.
  • कुंभ राशि वाले जातकों के लिए इसमें मान की हानि है मीन राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण मृत्यु समतुल्य कष्टदायक है.

ये भी पढ़ें- Daily Horoscope 15 October : कैसा बीतेगा आज का दिन जानिए अपना आज का राशिफल

वाराणसी: कार्तिक के महीने में दीपावली का पर्व मनाया जाता है और इस बार 24 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार है, लेकिन दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा अन्नकूट का महोत्सव होता है, लेकिन इस बार अन्नकूट महोत्सव और गोवर्धन पूजा पर्व खण्डग्रास सूर्य ग्रहण की वजह से 25 को नहीं बल्कि 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इन सब के बीच यह जानना भी जरूरी है कि दीपावली के अगले ही दिन पड़ रहा सूर्य ग्रहण क्या असर लेकर आने वाला है और इसका प्रभाव क्या होगा. किसके जीवन पर क्या असर पड़ेगा और दीपावली के अगले दिन पड़ने वाले ग्रहण (solar eclipse on diwali after 27 years) का क्या मतलब है.

इस बारे में आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या मंगलवार के दिन 25 अक्टूबर 2022 को जो ग्रहण (khandgras surya grahan 2022) पड़ेगा. उसकी कुल अवधि 40 मिनट की होगी. इसमें ग्रहण (Surya Grahan 2022) का सूतक 12 घंटे पूर्व अर्थात 24 तारीख को रात्रि में 4:29 पर लग जाएगा. ग्रहण का स्पर्श 25 तारीख को दिन में 4:29 पर होगा ग्रहण का मध्य 5:14 पर होगा एवं ग्रहण का मोक्ष राशि के हिसाब से 5:42 मिनट पर होगा. यह ग्रहण विशेष तरह से स्वाति नक्षत्र पर लग रहा है. इसलिए तुला राशि वालों के लिए बहुत ही अशुभ माना गया है अतः उन्हें यह ग्रहण का दर्शन नहीं करना चाहिए.

सूतक काल के दौरान बहुत से कार्य वर्जित बताये गए हैं जिनमे मुख्य रूप से सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिये. सूतक काल के समय भोजन करना वर्जित है. दांत साफ करना और बालों में कंघी करना वर्जित होता है. सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जानने से बचना चाहिए. सूतक काल में मंदिर में दर्शन पूजन पूरी तरह से वर्जित होता है. इसलिए मंदिर के कपाट सूतक लगते ही बंद कर दिया जाते हैं. इसलिए 25 अक्टूबर को पड़ने वाला ग्रहण की वजह से पूरा दिन सूतक काल होने की वजह से इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव नहीं मनाया जाएगा. इस ग्रहण का पृथ्वी और समाज पर व्यापक असर होगा. प्राकृतिक आपदा, बीमारी में वृद्धि होगी. महंगाई बढ़ेगी और सत्ता में उथल पुथल होगी.

राशिवार जानिए दिवाली बाद पड़ रहे खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का प्रभाव:

  • मेष राशि जातकों के लिए स्त्री का कष्ट है एवं स्त्री वर्ग से हानि है.
  • वृष राशि वालों के लिए यह ग्रहण मध्य मस्त है किंतु चिंताजनक है.
  • मिथुन राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण जनता से युक्त एवं अशुभ है.
  • कर्क राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण व्यथा से युक्त है.
  • सिंह राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण श्री संयुक्त है अर्थात कुछ लाभ कर है.
  • कन्या राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण छति दायक है.
  • तुला राशि वालों के लिए यह ग्रहण का दृश्य नहीं करना चाहिए उन्हें कष्ट से युक्त है.
  • वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण हानिकारक है.
  • धनु राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण किंचित लाभप्रद है.
  • मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण सुख कर है.
  • कुंभ राशि वाले जातकों के लिए इसमें मान की हानि है मीन राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण मृत्यु समतुल्य कष्टदायक है.

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