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सूरत में बना दुनिया का सबसे बड़ा लैब-ग्रोन हीरा, अमेरिका में लगी प्रदर्शनी - सूरत में लैब ग्रोन हीरा

सूरत के एक उद्योगपति ने 30.18 कैरेट का लैब-ग्रोन डायमंड बनाया है. सूरत की एक हीरा कंपनी द्वारा बनाए गए दुनिया के सबसे ज्यादा कैरेट के लैब-ग्रोन डायमंड को हाल ही में अमेरिका के लास वेगास में एक शो में प्रदर्शित किया गया.

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दुनिया का सबसे बड़ा लैब ग्रोन हीरा
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Published : Jun 13, 2022, 6:35 PM IST

सूरत: गुजरात में सूरत की एक हीरा कंपनी द्वारा बनाया गया दुनिया का सबसे बड़ा लैब-ग्रोन हीरा संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में प्रदर्शित किया गया. लैब में तैयार 30.18 कैरेट के इस हीरे को देखकर लोग भी हैरान हैं. यह प्राकृतिक हीरा नहीं है, बल्कि प्रयोगशाला में तैयार किया गया हीरा है. दुनिया के सबसे बड़े लैब-ग्रोन हीरे को इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट द्वारा प्रमाणित किया गया है.

प्राकृतिक हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग के लिए मशहूर सूरत अब लैब में बने डायमंड के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. सूरत से डायमंड एक्सपोर्ट पिछले पांच साल में पांच गुना बढ़ा है. वहीं इस उद्योग को और गति देने के लिए सूरत के एक उद्योगपति ने एक खास लैब-ग्रोन डायमंड बनाया है. यह हीरा 30.18 कैरेट का है. सूरत की एक हीरा कंपनी द्वारा बनाए गए दुनिया के सबसे ज्यादा कैरेट के लैब-ग्रोन डायमंड को 10-13 जून तक अमेरिका के लास वेगास में एक शो में प्रदर्शित किया गया.

सूरत में बने लैब-ग्रोन हीरे
सूरत में बने लैब-ग्रोन हीरे

इस हीरे को आईआईए रफ क्रिस्टल से तैयार किया गया है. हीरा कंपनी के मालिक किशोर विरानी ने कहा कि इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने दुनिया के सबसे बड़े लैब-ग्रोन हीरे को प्रमाणित किया है. यह हीरे की खदान से नहीं, बल्कि प्रयोगशाला में तैयार किया गया हीरा है. वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में लैब-ग्रोन हीरे की मांग अधिक है. यह हीरा रासायनिक वाष्प निक्षेपन (Chemical vapor deposition) प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है और चार हफ्ते में बनकर तैयार होता है.

यह पहली बार नहीं है जब किसी लैब-ग्रोन हीरे ने दुनिया में अपना नाम बनाया है. इससे पहले सूरत की लैब-ग्रोन डायमंड कंपनी ने विशेष रूप से दुनिया का पहला 17 कैरेट क्रॉस लैब-ग्रोन हीरा बनाया था, अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह चौंकाने वाला था. सूरत की लैब-ग्रोन डायमंड कंपनी ने विशेष रूप से डिजाइन किया गया लैब-ग्रोन डायमंड बनाया, जो दुनिया में पहली बार देखा गया. हालांकि, क्रॉस 17 कैरेट सिंगल पीस, पन्ना 14 कैरेट, डॉल्फिन 12 कैरेट, बटरफ्लाई 13 कैरेट और मछली 12 कैरेट लैब-ग्रोन हीरे आकर्षण का केंद्र बने.

बता दें कि, सूरत में दुनिया के 100 में से 90 हीरे काटे और पॉलिश किए जाते हैं. हालांकि, पिछले कई सालों से लैब में बने हीरों की मांग बढ़ रही है. पांच साल में सूरत शहर में लैब-ग्रोन डायमंड का निर्यात 1,400 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,500 करोड़ रुपये हो गया है.

सूरत: गुजरात में सूरत की एक हीरा कंपनी द्वारा बनाया गया दुनिया का सबसे बड़ा लैब-ग्रोन हीरा संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में प्रदर्शित किया गया. लैब में तैयार 30.18 कैरेट के इस हीरे को देखकर लोग भी हैरान हैं. यह प्राकृतिक हीरा नहीं है, बल्कि प्रयोगशाला में तैयार किया गया हीरा है. दुनिया के सबसे बड़े लैब-ग्रोन हीरे को इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट द्वारा प्रमाणित किया गया है.

प्राकृतिक हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग के लिए मशहूर सूरत अब लैब में बने डायमंड के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. सूरत से डायमंड एक्सपोर्ट पिछले पांच साल में पांच गुना बढ़ा है. वहीं इस उद्योग को और गति देने के लिए सूरत के एक उद्योगपति ने एक खास लैब-ग्रोन डायमंड बनाया है. यह हीरा 30.18 कैरेट का है. सूरत की एक हीरा कंपनी द्वारा बनाए गए दुनिया के सबसे ज्यादा कैरेट के लैब-ग्रोन डायमंड को 10-13 जून तक अमेरिका के लास वेगास में एक शो में प्रदर्शित किया गया.

सूरत में बने लैब-ग्रोन हीरे
सूरत में बने लैब-ग्रोन हीरे

इस हीरे को आईआईए रफ क्रिस्टल से तैयार किया गया है. हीरा कंपनी के मालिक किशोर विरानी ने कहा कि इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने दुनिया के सबसे बड़े लैब-ग्रोन हीरे को प्रमाणित किया है. यह हीरे की खदान से नहीं, बल्कि प्रयोगशाला में तैयार किया गया हीरा है. वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में लैब-ग्रोन हीरे की मांग अधिक है. यह हीरा रासायनिक वाष्प निक्षेपन (Chemical vapor deposition) प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है और चार हफ्ते में बनकर तैयार होता है.

यह पहली बार नहीं है जब किसी लैब-ग्रोन हीरे ने दुनिया में अपना नाम बनाया है. इससे पहले सूरत की लैब-ग्रोन डायमंड कंपनी ने विशेष रूप से दुनिया का पहला 17 कैरेट क्रॉस लैब-ग्रोन हीरा बनाया था, अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह चौंकाने वाला था. सूरत की लैब-ग्रोन डायमंड कंपनी ने विशेष रूप से डिजाइन किया गया लैब-ग्रोन डायमंड बनाया, जो दुनिया में पहली बार देखा गया. हालांकि, क्रॉस 17 कैरेट सिंगल पीस, पन्ना 14 कैरेट, डॉल्फिन 12 कैरेट, बटरफ्लाई 13 कैरेट और मछली 12 कैरेट लैब-ग्रोन हीरे आकर्षण का केंद्र बने.

बता दें कि, सूरत में दुनिया के 100 में से 90 हीरे काटे और पॉलिश किए जाते हैं. हालांकि, पिछले कई सालों से लैब में बने हीरों की मांग बढ़ रही है. पांच साल में सूरत शहर में लैब-ग्रोन डायमंड का निर्यात 1,400 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,500 करोड़ रुपये हो गया है.

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