नई दिल्ली : हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित हुए गृह मंत्रियों के 2 दिवसीय चिंतन शिविर का शुक्रवार को समापन हो गया. शिविर में सरकार ने दावा किया कि बिहार और झारखंड राज्य अब वामपंथी उग्रवाद (LWE) से मुक्त हो गए हैं. चिंतन शिविर के समापन सत्र में लाए गए प्रस्ताव में दोनों ही राज्यों के वामपंथी उग्रवाद से मुक्त होने की जानकारी सरकार की तरफ से दी गई. दो दिवसीय चिंतन शिविर की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने की.
बता दें कि सीआरपीएफ ने झारखंड के बूढ़ा पहाड़ लाके को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराने के बाद हाल ही में अपने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी हासिल की है. वहीं दूसरी तरफ प्रस्ताव में आगे दावा किया गया कि नार्थ ईस्ट, जम्मू और कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र सरकार ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. साथ ही हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है.
पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र करते हुए प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि पिछले आठ सालों में 9,200 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. प्रस्ताव में कहा गया है, पूर्वोत्तर में विकास हो रहा है और सशस्त्र बल विशेष (शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) के तहत क्षेत्रों को कम कर दिया गया है. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आह्वान करते हुए प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि आंतरिक सुरक्षा केंद्र और राज्यों दोनों की साझा जिम्मेदारी है. साथ ही कहा गया कि हमें टीम इंडिया की भावना के साथ काम करना चाहिए. इस दौरान साइबर अपराध, दोषसिद्धि दर में सुधार, नशीले पदार्थों, सीमा सुरक्षा पर होना चाहिए. वहीं 90 प्रतिशत दोषसिद्धि दर हासिल करने में फोरेंसिक विज्ञान की भूमिका पर भी जोर दिया गया.
इसी क्रम में कहा गया कि राज्य को नार्को समन्वय केंद्र (NCORD) की नियमित बैठक भी करनी चाहिए. प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि सभी राज्यों को लगातार और सालाना लक्ष्यों की समीक्षा करनी चाहिए और एक योजना बनानी चाहिए कि 2047 में उनकी आंतरिक सुरक्षा कैसी होगी. बता दें कि चिंतन शिविर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषित 'विजन 2047' और पंच प्राण के क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार करने पर भी चर्चा हुई.
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